अनुराग जैन नहीं आएंगे मध्यप्रदेश, 20 के बाद होगा मुख्य सचिव का फैसला, इकबाल को मिलेगा एक्सटेंशन या नए सीएस के नाम पर लगेगी मुहर

author-image
Harish Divekar
एडिट
New Update
अनुराग जैन नहीं आएंगे मध्यप्रदेश,  20 के बाद होगा मुख्य सचिव का फैसला, इकबाल को मिलेगा एक्सटेंशन या नए सीएस के नाम पर लगेगी मुहर

हरीश दिवेकर, BHOPAL. मुख्यसचिव पद के प्रबल दावेदार माने जा रहे 1989 बैच के सीनियर आईएएस अनुराग जैन मध्यप्रदेश वापस नहीं आएंगे। दिल्ली से जुड़े विश्वसनीय सूत्रों का कहना है कि अनुराग जैन वर्तमान में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट पीएम गति शक्ति मिशन का काम संभाल रहे हैं। ऐसा माना जा रहा है कि 2024 के लोकसभा चुनाव में ये मिशन सरकार की बड़ी उपलब्धियों में से एक होगा। ऐसे में संभव है कि पीएमओ अनुराग जैन को प्रदेश में वापसी की इजाजत नहीं देगा। सूत्रों की मानें तो इस बात के संकेत मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को भी मिल चुके हैं। ऐसे में बड़ा सवाल ये है कि मुख्यसचिव इकबाल सिंह बैंस के 30 नवंबर को रिटायर होने के बाद सीएस की कुर्सी पर बैठेगा कौन। मंत्रालय के उच्च पदस्थ सूत्रों का मानना है कि प्रदेश के नए मुख्य सचिव का फैसला 20 नवंबर के बाद ही लिया जाएगा।





अहम मसले 15 नवंबर तक लिए टाले गए





दरअसल मुख्यमंत्री प्रदेश में बिरसा मुंडा जयंती (15 नवंबर) पर होने वाले जनजातीय गौरव दिवस के आयोजन के बाद ही नए मुख्यसचिव के बारे में विचार करेंगे। अगले  विधानसभा चुनाव को देखते हुए आदिवासी वोट बैंक को साधने के लिए जनजातीय गौरव दिवस का आयोजन काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है। इसके चलते मुख्यमंत्री ने शासन – प्रशासन से जुड़े कई अहम मसले 15 नवंबर तक के लिए टाल दिए हैं। उधर मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस भी पारिवारिक आयोजन में 20 तक व्यस्त रहेंगे। ऐसे में संभावना जताई जा रही है कि मुख्यमंत्री और मुख्यसचिव की बैठक 20 के बाद होगी। इसके बाद ही तय होगा कि इकबाल सिंह बैंस को एक्सटेंशन दिया जाएगा या फिर नए सीएस के नाम पर मुहर लगेगी।





मुख्यमंत्री की पहली पसंद बैंस





सूत्रों का कहना है कि विधानसभा चुनाव 2023 को देखते हुए अगले 6 माह बहुत महत्वपूर्ण हैं। ऐसे में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान चाहते हैं कि इकबाल सिंह को 6 महीने का एक्सटेंशन मिल जाए। हालांकि इकबाल सिंह के नजदीकी लोगों का कहना है कि वे एक्सटेंशन नहीं लेना चाहते हैं। ऐसे में  मुख्यमंत्री और मुख्यसचिव इकबाल सिंह की चर्चा के बाद ही स्थिति साफ होने के संकेत हैं। 





मोहम्मद सुलेमान सबसे प्रबल दावेदार





प्रदेश में अनुराग जैन की वापसी की संभावनाएं शून्य होने के बाद एसीएस मोहम्मद सुलेमान को मुख्य सचिव पद का सबसे प्रबल दावेदार माना जा रहा है। सूत्रों का कहना है कि संघ से भी उनके नाम को हरी झंडी मिल गई है। ऐसे में मुस्लिम फैक्टर भी उनकी राह में रोड़ा बनता नजर नहीं आ रहा है। मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान के 2018 से पहले के कार्यकाल में सुलेमान उनके कोर ग्रुप में शामिल रहे हैं। मुख्यमंत्री से उनकी अंडरस्टेडिंग बेहतर होने से भी उनकी संभावनाए प्रबल मानी जा रही हैं। सुलेमान को टास्क एचीवर अफसर के नाम से जाना जाता है, कोविड-19 की महामारी में जब पूरे देश की स्वास्थ्य सेवाएं चरमरा गई थीं, तब सुलेमान के नेतृत्व में प्रदेश में उपलब्ध संसाधनों से बेहतर कोविड मैनेजमेंट हुआ, जिसकी तारीफ केन्द्र सरकार ने भी की। मध्यप्रदेश का नाम टॉप स्टेट में आया था। इंडस्ट्री डिपार्टमेंट में रहते हुए सुलेमान प्रदेश में निवेशकों को आकर्षित करने में सफल रहे थे, उस समय लाखों करोड़ का इंवेस्टमेंट भी प्रदेश में आया था। पीडब्ल्यूडी और एनर्जी डिपार्टमेंट में भी उनका कार्यकाल बेहतर रहा है।





राजौरा और मिश्रा भी दावेदार





1990 बैच के अफसरों में राजेश राजौरा और एसएन मिश्रा भी अहम दावेदार हैं। राजौरा इस समय अपर मुख्य सचिव गृह हैं तो मिश्रा अपर मुख्य सचिव जल संसाधन हैं। यदि सुलेमान सीएस बनते हैं तो वे अगस्त 2025 में रिटायर हो जाएंगे। ऐसे में राजौरा को 21 महीने सीएस बनने का मौका मिल सकता है। राजौरा मई 2028 में रिटायर होंगे लेकिन सुलेमान के सीएस बनने के बाद मिश्रा को सीएस बनने का मौका नहीं मिलेगा क्योंकि उनका रिटायरमेंट जनवरी 2025 में है। यानि वे सुलेमान से 7 महीने पहले रिटायर हो जाएंगे। दूसरा सुलेमान सीएस बनते हैं तो मंत्रालय से किसी अफसर को बाहर नहीं करना होगा लेकिन यदि अभी राजौरा को सीएस बनाया जाता है तो 4 सीनियर अफसरों की मंत्रालय से बाहर पोस्टिंग करनी होगी। वहीं मिश्रा को सीएस बनाने पर 5 सीनियर अफसर शैलेन्द्र सिंह, मोहम्मद सुलेमान, विनोद कुमार, जेएन कंसोटिया और राजेश राजौरा को मंत्रालय से बाहर पदस्थ करना होगा। ऐसे में चुनावी साल में प्रदेश के टॉप ब्यूरोक्रेट्स को मंत्रालय के बाहर पदस्थ करने से सरकार की महत्वपूर्ण योजनाएं प्रभावित हो सकती हैं। 





सीएस के दावेदारों में ये भी शामिल





केन्द्रीय प्रतिनियुक्ति पर पदस्थ 1988 बैच के आईएएस संजय बंदोपाध्याय, वीरा राणा अध्यक्ष माध्यमिक शिक्षा मंडल, केन्द्रीय प्रतिनियुक्ति पर पदस्थ 1989 बैच के आशीष उपाध्याय और राजीव रंजन, विनोद कुमार एसीएस जीएडी, जेएन कंसोटिया एसीएस वन विभाग और 1990 बैच के मलय श्रीवास्तव भी सीएस के दावेदार हैं लेकिन प्रमुख दावेदारों की सूची से अभी ये अफसर दूर बताए जा रहे हैं।  





क्या है पीएम गतिशक्ति मिशन





प्रधानमंत्री गति शक्ति मिशन राष्ट्रीय मास्टर प्लान,रेल और सड़क सहित 16 मंत्रालयों को जोड़ने वाला एक डिजिटल मंच है, जिससे करीब 100 लाख करोड़ रुपए की बुनियादी ढांचा परियोजनाओं पर अमल को तेज गति मिलेगी। ये डिजिटल मंच बुनियादी ढांचा विकास कार्यों को  स्पीड से चलाने में मदद करेगा। इससे उद्योगों की कार्य क्षमता बढ़ेगी और स्थानीय निर्माताओं को बढ़ावा मिलेगा। ये उद्योगों की प्रतिस्पर्धात्मकता को बढ़ाएगा और भविष्य के आर्थिक क्षेत्रों के निर्माण के लिए नई संभावनाओं को विकसित करने में भी मददगार साबित होगा। पीएम मोदी ने  13 अक्टूबर 2021 को प्रधानमंत्री गति शक्ति राष्ट्रीय मास्टर प्लान की शुरुआत की थी।



 



Chief Secretary Iqbal Singh MP chief Secretary MP chief Secretary news MP New Chief Secretary decision Senior IAS Anurag Jain Mohammed Suleman MP News मुख्य सचिव इकबाल सिंह कौन होगा मप्र का अगला मुख्य सचिव नए मुख्य सचिव का फैसला जल्द सीएस की रेस में कई नौकरशाह