मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) में OBC आरक्षण (OBC Reservation)को लेकर जबलपुर हाईकोर्ट (Jabalpur High Court) ने सरकार को झटका दिया है। कोर्ट ने यथास्थिति बनाए रखने के निर्देश दिए है और सरकार से कहा है जबतक कोर्ट आखिरी फैसला नहीं सुनाता तबतक 14 परसेंट ओबीसी आरक्षण बरकरार रखें। इस मामले की अगली सुनवाई 30 सितंबर को होगी
रोक बरकरार
हाईकोर्ट में ओबीसी को 27 फीसदी आरक्षण देने के मसले पर सोमवार को सुनवाई हुई। कोर्ट ने मुख्य याचिकाकर्ता को 45 मिनट और अन्य पक्ष को 15-15 मिनट का समय दिया था। दोनों पक्षों की सुनवाई के बाद कोर्ट ने कहा कि अंतिम फैसले तक आरक्षण को लेकर यथास्थिति रहेगी। इससे पहले 1 सितंबर को राज्य सरकार की ओर से सभी स्टे ऑर्डर हटाने को लेकर लगाए गए अंतरिम आवेदन को कोर्ट ने खारिज कर दिया था। इस मामले में राज्य सरकार की ओर से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता और महाधिवक्ता पुरुषेंद्र कौरव ने पक्ष रखा
सरकार की दलील
सरकार की ओर से कहा गया कि एमपी में 50% से ज्यादा ओबीसी (OBC) आबादी है। इनके सामाजिक, आर्थिक और पिछड़ेपन को दूर करने के लिए 27% आरक्षण जरूरी है। हाईकोर्ट में सरकार के 27% आरक्षण को चुनौती देने वाली छात्रा असिता दुबे की ओर से अधिवक्ता आदित्य संघी इस बहस का जवाब देते हुए कह चुके हैं कि 5 मई 2021 को मराठा रिजर्वेशन को भी सुप्रीम कोर्ट ने 50% से ज्यादा आरक्षण होने के आधार पर ही खारिज किया है। ऐसे ही हालात MP में भी है