BHOPAL. पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ के मीडिया समन्वयक रहे नरेंद्र सलूजा ने 25 नवंबर को बीजेपी का दामन थाम लिया। सलूजा ने कांग्रेस में सज्जन वर्मा के खेमे से एंट्री ली थी। सलूजा करीब 20 साल कांग्रेस में रहे। वे 2018 में कमलनाथ के प्रदेश कांग्रेस की कमान संभालने के साथ ही मीडिया समन्वयक की जिम्मेदारी संभाल रहे थे। 2020 में कांग्रेस सरकार के जाने के बाद भी कमलनाथ के प्रदेश अध्यक्ष रहते मीडिया समन्वयक का दायित्व निभाते रहे। बीच में केके मिश्रा को कांग्रेस के मीडिया विभाग का अध्यक्ष बनाया गया, इससे नाराज होकर सलूजा ने इस्तीफा दे दिया था, हालांकि उन्हें समझा-बुझाकर पार्टी में बुला लिया गया।
बीजेपी जॉइन करने की सलूजा की टाइमिंग भी कमाल की
इस समय राहुल गांधी मध्य प्रदेश में हैं। उनकी भारत जोड़ो यात्रा मध्य प्रदेश से गुजर रही है। राहुल के साथ प्रियंका गांधी भी हैं। मध्य प्रदेश कांग्रेस के आला नेता कमलनाथ, दिग्विजय सिंह राहुल के साथ हैं। ऐसे में नरेंद्र सलूजा का बीजेपी का दामन थामना अपने आप में काफी कुछ कह जाता है।
सोशल मीडिया पर खासे एक्टिव रहते हैं सलूजा, ट्वीट्स को लेकर चर्चाओं में
नरेंद्र सलूजा सोशल मीडिया पर खासे एक्टिव रहते हैं। कमलनाथ के मीडिया समन्वयक होने के नाते वे उनके दौरे, कामकाज, बयान, सरकार पर निशाना जैसी तमाम बातों की जानकारी अपने अकाउंट से शेयर करते थे। सलूजा जब कांग्रेस में थे तो शिवराज सरकार के खिलाफ अपने ट्वीट्स को लेकर चर्चाओं में रहते थे।
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कांग्रेस से लंबे समय से नाराज चल रहे थे
सूत्रों के मुताबिक, नरेंद्र सलूजा, केके मिश्रा को कांग्रेस के मीडिया विभाग का अध्यक्ष बनाए जाने से नाराज थे। उन्हें उम्मीद थी कि मीडिया विभाग के अध्यक्ष की जिम्मेदारी उन्हें दी जाएगी, लेकिन ऐसा नहीं किया गया। इसके बाद सलूजा ने इस्तीफा दे दिया, लेकिन मान-मनौव्वल कर उनकी वापसी हो गई, लेकिन वे अंदर से पार्टी से खफा ही थे।
अगले साल प्रदेश में चुनाव हैं, बीजेपी का सिख चेहरा बन सकते हैं
बीजेपी में लंबे समय तक सरताज सिंह सिख चेहरा रहे, पर उम्र के चलते उनका राजनीतिक सफर कमोबेश खत्म हो गया है। जबलपुर से विधायक और मंत्री हरेंद्रजीत सिंह बब्बू ने कुछ अच्छे हाथ दिखाए, लेकिन तरुण भनोट से हारने के बाद उनका राजनीतिक ग्राफ भी गिरा है। ऐसे में नरेंद्र सलूजा बीजेपी का सिख चेहरा बन सकते हैं। जानकारों के मुताबिक, सलूजा को बीजेपी बड़ी जिम्मेदारी दे सकती है। सलूजा मूलत: इंदौर के हैं। इंदौर-4 विधानसभा सीट सिख बहुल है। ऐसे में सलूजा अहम भूमिका अदा कर सकते हैं। वहीं, इंदौर के मुखर प्रवक्ता रहे उमेश शर्मा के निधन के बाद खाली हुई जगह को सलूजा के जरिए भरने की कोशिश की जा सकती है।