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Bhopal. चुनावी साल में विधानसभा चुनाव के दावेदारों, वर्तमान विधायकों और जीत का मनोरथ रखने वाले पूर्व विधायकों की नैया कथावाचकों के सहारे है। कोई बागेश्वरधाम सरकार की शरण में है तो कोई सीहोर के पंडित प्रदीप मिश्रा के सहारे। इन दोनों कथावाचकों की जबरदस्त फैन फॉलोइंग है। जनप्रतिनिधि भी कथावाचकों की बढ़ती लोकप्रियता को भुनाना चाहते हैं। इसी प्लान के तहत सीहोर वाले पंडित प्रदीप मिश्रा की देश के छह अलग-अलग राज्यों में बड़े स्तर पर कथाएं होने जा रही है। अप्रैल महीने से लेकर दिसंबर माह तक सीहोर वाले पंडित प्रदीप मिश्रा की चुनावी राज्य मध्यप्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ में सबसे अधिक कथाएं हैं। वहीं कुछ ऐसा ही शेड्यूल बागेश्वर धाम के पं.धीरेंद्र शास्त्री का है।
दरअसल, मध्य प्रदेश के प्रसिद्ध दो कथा वाचकों का इन दिनों पूरे देश में खूब चर्चा है। छतरपुर स्थित बागेश्वर धाम के संत पंडित धीरेन्द्र कृष्ण शास्त्री और सीहोर वाले पंडित प्रदीप मिश्रा के लाखों करोड़ों फॉलोअर हैं। दोनों ही कथा वाचकों की कथा सुनने के लिए लाखों श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ती है। इनके पंडालों में करीब 50 हजार की भीड़ तो निश्चित रहती ही है। ये अनुयायी दूर दराज के शहरों से कथा में पहुंचते हैं, उसके बाद लोकल भीड़ अलग से जुटती है। इसका नजारा महाशिवरात्रि पर सीहोर में देखने को मिला, जहां भीड़ को कंट्रोल कर पाना मुश्किल हो गया था।
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इन दोनों ही कथा वाचकों की पूरे देश में जबरदस्त डिमांड है, यही कारण है कि जनप्रतिनिधि धार्मिक आयोजन के जरिए वोटों का जुगाड़ करने की फिराक में हैं। पंडित प्रदीप मिश्रा की अप्रैल महीने से लेकर दिसंबर महीने तक देश के छह अलग-अलग राज्यों में 22 कथाएं आयोजित होंगी, जिनमें सबसे ज्यादा कथाएं मध्यप्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ में होंगी।
दरअसल दिसंबर के आसपास ही मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान में विधानसभा चुनावों की दुंदभी बज रही होगी। इस राजनैतिक नाद के पहले जनप्रतिनिधि धर्म-कर्म भी करना चाह रहे हैं ताकि चुनावी वैतरणी को पार करने में जनता और जनार्दन दोनों का आशीर्वाद मिल सके। बता दें कि इस चुनावी बयार में पंडित प्रदीप मिश्रा अप्रैल से लेकर दिसंबर तक 13 कथाएं करने जा रहे हैं। 13 का अंक अशुभ माना जाता है, हो सकता है कि आंकड़े में एकाध कथा का इजाफा भी हो जाए। वहीं बागेश्वरधाम के धीरेंद्र शास्त्री मार्च के अंत में जबलपुर में रामकथा करने जा रहे हैं। उनका शेड्यूल भी पं. प्रदीप मिश्रा से 19-20 ही है।