नीमच में लाखों रुपए के गबन के आरोपी तहसीलदार को ही बनाया जांच अधिकारी,  मामला गोलमाल कर बाबू को बना दिया आरोपी

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Jitendra Shrivastava
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नीमच में लाखों रुपए के गबन के आरोपी तहसीलदार को ही बनाया जांच अधिकारी,  मामला गोलमाल कर बाबू को बना दिया आरोपी

कमलेश सारडा, NEEMUCH. जावद में जिस तहसीलदार पर रुपए गबन करने के आरोप थे उसे ही जांचकर्ता अधिकारी बना कर सारा मामला अधीनस्थ बाबू पर डाल दिया। तहसील कार्यालय जावद में अलग-अलग योजनाओं में फर्जी लोगों को हितग्राही बताकर उनके खातों में राशि का वितरण आहरण कर लिया गया। फरवरी 2022 में इसका खुलासा हुआ। तब जावद तहसीलदार ने इस मामले खुद ही गुपचुप तरीके से जांच की और अपने अधीन काम करने वाले नाजिर को मुख्य आरोपी बना दिया। 



कर्मचारी को आरोपी बनाकर मामला रफा-दफा कर दिया



नाजिर के साथ तहसीलदार को भी मुख्य आरोपी बनाने की शिकायत हुई है। शिकायतकर्ता के अनुसार जावद तहसीलदार के हस्ताक्षर और सत्यापन के बाद ही राशि का वितरण, भुगतान हस्तांतरण होता है। जांच में सिर्फ नजारत शाखा में पदस्थ कर्मचारी को आरोपी बनाकर मामला रफा-दफा कर दिया। मंगलवार को हुई शिकायत के बाद मामले में नया मोड़ आया है। जावद क्षेत्र के एक व्यक्ति ने गबन में तत्कालीन तहसीलदार की पूरी मिलीभगत बताई है।



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करीब 63 से अधिक फर्जी ट्रांजेक्शन किए गए



नीमच तहसीलदार विवेक गुप्ता खिलाफ जावद क्षेत्र के महेश कामलिया ने गबन की शिकायत की आरोप है कि तहसीलदार विवेक गुप्ता जब जावद तहसील में पदस्थ थे, तब उनके हस्ताक्षर व सत्यापन से किसानों को जारी होने वाली आपदा राशि तथा पुजारियों कोटवारों को होने वाले भुगतान में 7 लाख से अधिक का गबन हुआ है। 2019 से 2021 तक करीब 63 से अधिक फर्जी ट्रांजेक्शन किए गए। फर्जी हितग्राहियों के खातों में राशि का वितरण व आहरण हुआ। इस तरह कुल दो साल में 7 लाख 36 हजार 738 रुपयों का लेनदेन हुआ। मामले में जावद नजारत शाखा प्रभारी अमरसिंह राठौर ने चुप्पी साधी हुई है।



तहसीलदार विवेक गुप्ता के विरुद्ध विभागीय व आपराधिक कार्रवाई की शिकायत



शिकायतकर्ता महेश कामलिया ने कलेक्टर को शिकायत में उल्लेख किया कि 2019 में अतिवृष्टि से हुए नुकसान के बदले मुआवजे के तौर पर संबंधित किसानों के बैंक खातों में सीधी राशि जमा करनी थी, लेकिन किसानों के खातों में जमा होने वाली राशि अन्य लोगों के खातों जमा कर दी गई। जावद क्षेत्र के पुजारियों, कोटवारों का पारिश्रमिक व अन्य राशि का भुगतान सीधे उन्हीं के खातों में जमा किया जाता है, लेकिन 2019 से 2021 तक तहसीलदार विवेक गुप्ता तथा नजारत शाखा प्रभारी अमरसिंह राठौर ने मिलीभगत से पुजारी, कोटवार तथा नाजिर के परिचितों के खातों में फर्जी तरीके से राशि जमा की। जिस पोर्टल से फर्जी खातों में राशि ट्रांसफर की गई। उस पोर्टल की आईडी जावद तहसीलदार विवेक गुप्ता के नाम पर है तथा सभी भुगतान तहसीलदार के सत्यापन हस्ताक्षर के बाद ही हुए हैं, लेकिन तहसीलदार गुप्ता ने अपनी जांच में सिर्फ नजारत शाखा के प्रभारी अमरसिंह राठौर को ही आरोपी बनाया। इसलिए शिकायतकर्ता ने मंगलवार को धोखा और गबन के आरोप लगाते हुए तहसीलदार विवेक गुप्ता के विरुद्ध भी विभागीय व आपराधिक कार्रवाई की शिकायत की है।



जानकारी मेरे समक्ष नहीं पहुंची, प्रमाणित हुआ है



इस मामले में नीमच तहसीलदार विवेक गुप्ता ने कहा कि मैं अभी एक बैठक में हूं। जिस मामले की बात की जा रही है वह एक बहुत लंबा विषय है। बैठकर समझाने पर ही मामला स्पष्ट हो पाएगा, लंबी जांच के बाद उसमें तथ्य निकले हैं। इस मामले में पहले ही काफी विस्तार से जांच हो चुकी हैं। कुछ विषयों पर जांच अभी भी जारी है। जांच में कई बातें सामने भी आई हैं। जैसे क्या-क्या गलतियां हुई, किसने की, कैसे की, किस खाता नंबर पर की। जांच में गबन प्रमाणित हुआ है। जितनी राशि का गबन हुआ उसकी वसूली हुई है। कुछ वसूली होना शेष है। अभी बैठक में हूं। मिलने पर पूरी जानकारी दे दूंगा। 



आरोपी पर एफआईआर हुई है



नीमच कलेक्टर मयंक अग्रवाल ने बताया कि राशि का वितरण तहसीलदार के सत्यापन और हस्ताक्षर से ही हुआ है, लेकिन जिसने यह गबन किया है। उसने राशि अपने परिवार के खातों में भेजी है। तहसीलदार ने सिर्फ स्वीकृति दी है। स्वीकृति के बाद राशि हस्तांतरण में गड़बड़ी हुई है। इस मामले में एसडीएम व तहसीलदार स्तर से जांच करवाई है। आरोपी पर थाने में एफआईआर भी दर्ज कराई है। फिलहाल मेरे समक्ष कोई शिकायत नहीं आई है।


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