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भोपाल. सरकार ने आवासीय (Residential) एवं व्यावसायिक (Commercial) भवनों में बिल्डिंग परमिशन के अतिरिक्त किए गए 30 फीसदी तक अवैध निर्माण (Illegal Construction) को वैध करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। मकान मालिक (Land Lord) अपने अवैध निर्माण को वैध कराने के लिए आगे आएं इसके लिए नगरीय विकास एवं आवास विभाग (Urban Development and Housing) ने शुरुआत में कंपाउंडिंग फीस में रियायत देने का प्रावधान भी किया गया है। ऐसे मकान मालिक जो अपने आवासीय या व्यावसायिक अवैध निर्माण को वैध कराने के लिए 22 फरवरी तक आवेदन करेंगे, उन्हें निर्धारित कंपाउंडिंग फीस में 20 फीसदी तक की छूट दी जाएगी।
कहां करना होगा आवेदन
कंपाउंडिंग के लिए नगर निगम के चीफ सिटी प्लानर (Chief City Planer) के दफ्तर में आवेदन करना होगा। आवेदन फार्म के साथ अवैध निर्माण को वैध करने के लिए समझौते का एफिडेविट और वार्ड कार्यालय का एनओसी (NOC) भी लगाना पड़ेगा। इसके बाद निगम की बिल्ंडिंग परमिशन (Building Permission) शाखा के इंजीनियर संबंधित मकान में अतिरिक्त निर्माण की जांच करेंगे। मौके पर निरीक्षण कर वे तय करेंगे कि मकान में स्वीकृत नक्शे के विपरीत कितने प्रतिशत अवैध निर्माण किया गया है। इसके आधार पर ही अवैध निर्माण को वैध करने के लिए निर्धारित कंपाउंडिंग राशि तय की जाएगी।
इन मामलों में नहीं मिलेगी निर्माण वैध करने की अनुमति
निर्धारित प्रक्रिया में मास्टर प्लान के अनुरूप सड़क के अलाइनमेंट को प्रभावित करने वाले, ले आउट में मकानों की निर्धारित लाइन को प्रभावित करने वाले निर्माण, नदी से 30 मीटर और नाले पर किए गए निर्माण, वाहनों के पार्किंग क्षेत्र में किए गए निर्माण, पर्यटन एवं पुरातात्विक महत्व के अधिसूचित क्षेत्र में किए गए निर्माण वैध नहीं हो सकेंगे।
यह है कंपाउंडिंग फीस का फार्मूला
आवासीय निर्माण को वैध करने के लिए यह फार्मूला तय किया गया है कि निर्माण का जितना हिस्सा अवैध है उसका कलेक्टर गाइड लाइन के अनुसार रेट निकाला जाएगा। इसके बाद आवासीय भवन में 10 से 30 फीसदी तक के अवैध निर्माण के लिए कलेक्टर गाइडलाइन के मुताबिक 5 से 10 फीसदी तक की कंपाउंडिंग राशि वसूल की जाएगी। व्यावसायिक निर्माण को वैध करने के लिए 6 से 12 फीसदी तक कंपाउंडिंग फीस वसूल की जाएगी। लेकिन यदि अवैध निर्माण 30 से ज्यादा है तो बाकी हिस्सा तोड़ने के बाद ही कंपाउंडिंग की जा सकेगी।
आवासीय एवं शैक्षणिक भवनों के लिए कंपाउंडिंग फीस का फार्मूला
1. मकान में एफएआर (Floor Area Ratio), एमओएस (Minimum Open Space) एवं ग्राउंड कवरेज की निर्धारित सीमा से 10 फीसदी तक किए गए अवैध निर्माण पर कलेक्टर गाइड लाइन की दर की 5 फीसदी कंपाउंडिंग लगेगी।
2. एफएआर, एमओएस, ग्राउंड कवरेज की निर्धारित सीमा के विपरीत 10 से 20 फीसदी तक अवैध निर्माण पर कलेक्टर गाइड लाइन की 7.50 फीसदी कंपाउंडिंग राशि लगेगी।
3. यदि मकान में अवैध निर्माण स्वीकृत नक्शे से 20 से 30 फीसदी ज्यादा है तो इसे वैध कराने के लिए कलेक्टर गाइड लाइन में तय दर की 10 फीसदी कंपाउंडिंग राशि देना होगी।
कॉमर्शियल अवैध निर्माण पर ऐसे लगेगी कंपाउंडिंग फीस
1. व्यावसायिक या मिक्स्ड लैंड यूज की अनुमति वाले निर्माण में एफएआर, एमओएस या ग्राउंड कवरेज की निर्धारित सीमा से 10 फीसदी तक अवैध निर्माण पर कलेक्टर गाइड लाइन दर की 6 फीसदी कंपाउंडिंग फीस।
2. ऐसे भवनों में निर्धारित सीमा से 10 से 20 फीसदी तक अवैध निर्माण पर कलेक्टर गाइड लाइन दर की 9 फीसदी कंपाउंडिंग फीस लगेगी।
3. यदि भवन में निर्धारित सीमा से 20 से 30 फीसदी तक अवैध निर्माण किया गया है तो कंपाउंडिंग की राशि कलेक्टर गाइड लाइन में तय दर की 12 फीसदी होगी।
अवैध निर्माण 30 फीसदी से ज्यादा तो कंपाउंडिंग में मुश्किल
आर्किटेक्ट और टाउन प्लानर्स का मानना है कि अवैध निर्माण को वैध करने के नए कानून से 30 फीसदी तक के अवैध निर्माण को वैध करने की प्रक्रिया में मुश्किल नहीं आएगी। लेकिन जिन आवासीय या व्यावसायिक निर्माण में अवैध हिस्सा 30 फीसदी से ज्यादा है उनमें कंपाउंडिंग राशि की गणना में मुश्किल पेश आएगी। देखा गया है कि नगर पालिका एवं नगर निगमों के क्षेत्र में कई मकान मालिक या व्यावसायिक भवन निर्माता स्वीकृत नक्शे से हटकर 50 से 100 फीसदी तक अवैध निर्माण कर लेते हैं।