Sidhi : 4 महीने में 272 सड़क हादसे, 64 की हुई मौत; नहीं मिला कोई 'मददगार'

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Brijesh Pathak
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Sidhi : 4 महीने में 272 सड़क हादसे, 64 की हुई मौत; नहीं मिला कोई 'मददगार'

Sidhi. सीधी में यातायात पुलिस को एक भी ऐसा 'मददगार' नहीं मिला, जिसने सड़क हादसे में घायल हुए लोगों को अस्पताल पहुंचाकर उनकी जान बचाई हो। जिले में पिछले 4 महीने में 272 सड़क हादसे हुए, जिसमें 64 लोगों की जान गई और 255 लोग घायल हुए। भीतर हुए सड़क हादसों की बात करें तो 272 दुर्घटनाएं हुई जिसमें 255 लोग घायल हुए जबकि 64 लोगों की जान गई है।





केंद्र ने शुरू की है गुड सेमेरिटन योजना





गौरतलब है कि गुड सेमेरिटन योजना केंद्रीय गृह मंत्रालय ने शुरू की है। ऐसा नहीं है कि ऐसे अच्छे काम को करने वालों की जिले में कोई कमी है, लेकिन इस नेक काम को करके शासन की गुड सेमेरिटन (नेक आदमी) योजना का लाभ लेने वाला अब तक एक व्यक्ति भी सामने नहीं आया है। बीते 3 अक्टूबर को केंद्रीय गृह मंत्रालय ने गुड सेमेरिटन योजना की शुरुआत की थी। इसके बाद केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने मप्र पुलिस मुख्यालय को पत्र लिखकर योजना को लागू करने के निर्देश दिए थे। साल 2022 के मुकाबले पिछले साल ज्यादा एक्सीडेंट हुए थे और मरने वालों की संख्या भी ज्यादा थी।





इस तरह मिलता है योजना का लाभ





गुड सेमेरिटन योजना के तहत घायलों को अस्पताल पहुंचाने वाले व्यक्ति को अस्पताल में या अस्पताल चौकी में पूरी जानकारी देकर अपना नाम दर्ज कराना होता है और ये बताना होता है कि वो घायल को अस्पताल लेकर आया है। जिसके बाद उसका नाम गुड सेमेरिटन योजना का लाभ दिलाने के लिए दर्ज किया जाता है। जिले में अभी तक एक भी मददगार ने इस प्रक्रिया को पूरा नहीं किया जिससे उसे इस योजना का लाभ नहीं मिल सका। दूसरी ओर पुलिस विभाग और अस्पताल प्रबंधन द्वारा भी इस योजना के बारे में लोगों को जानकारी देने का प्रयास नहीं किया गया। दूसरी ओर पुलिस विभाग ने ऐसी कोई व्यवस्था नहीं की है कि नेक आदमी का डाटा कहीं एक जगह एकत्र हो सके। जिससे यहां घायलों की मदद करने वाले इस योजना के लाभ से वंचित हैं।





5 हजार का है इनाम





योजना के तहत ये अवॉर्ड ऐसे लोगों को दिया जाता है, जो सड़क हादसे में शिकार लोगों को तुरंत अस्पताल पहुंचाकर उनकी जान बचाने में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका अदा करते हैं। घायल की जान बचाने वाले को 5 हजार रुपए का इनाम दिया जाता है। दरअसल सड़क हादसों में होने वाली मौतों को कम करने के लिए केंद्र सरकार ने गुड सेमेरिटन योजना को प्रदेश में भी लागू किया। इसमें घायलों को स्वर्ण घंटे यानी गोल्डन आवर में अस्पताल पहुंचाने पर उसकी जान बचने की गुंजाइश होती है।





क्या कहते हैं यातायात थाना प्रभारी





यातायात थाना प्रभारी भावगत प्रसाद पाण्डेय कहते हैं कि प्रदेश के दूसरे जिलों में गुड सेमेरिटन योजना के तहत घायलों की मदद करने वालों को 5-5 हजार रुपए के पुरस्कार मिले हैं। अभी तक सीधी में इस तरह का कोई मददगार सामने नहीं आया, जिसने घायल की मदद करके उसे अस्पताल पहुंचाया हो, इसलिए यहां किसी को भी ये पुरस्कार नहीं मिला।



 



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