संजय गुप्ता, INDORE. चीन, जापान, कोरिया, ब्राजील और अमेरिका में कोरोना की लहर फिर से आने के बाद एक बार फिर केंद्रीय स्वास्थ्य विभाग ने राज्यों को अलर्ट कर दिया है और सभी से भीड़ वाले क्षेत्र में मास्क लगाने और बूस्टर डोज लगाने की सलाह दी है। वहीं इंदौर में भी बूस्टर डोज के लिए पूछताछ बढ़ गई है लेकिन इंदौर में समस्या है कि यहां स्वास्थ्य विभाग के पास केवल कोवैक्सीन के डोज (मात्र 30 हजार) ही हैं, कोविशील्ड और कार्बीवैक्स वैक्सीन उपलब्ध नहीं है।
इंदौर में करीब 75-80 फीसदी लोगों ने लगवाई कोविशील्ड
इंदौर के करीब 75-80 फीसदी लोगों ने कोविशील्ड वैक्सीन ही लगवाई है। ऐसे में वे चाहकर भी बूस्टर डोज नहीं लगवा सकते हैं, उन्हें बूस्टर डोज के लिए यही वैक्सीन चाहिए या फिर कार्बीवैक्स भी लगवा सकते हैं और ये दोनों ही इंदौर में उपलब्ध नहीं हैं।
इंदौर में वैक्सीन डोज के हाल
इंदौर में 18 साल से ज्यादा उम्र के करीब 27 लाख लोग हैं। वैक्सीन का पहला और दूसरा डोज करीब 30-30 लाख लोगों ने लगवाया है और 100 फीसदी जनसंख्या वैक्सीनेटेड है। लोगों को वैक्सीन लगवाए लंबा समय हो गया है और बूस्टर डोज मात्र 4 लाख 79 हजार यानी टारगेट जनसंख्या का मात्र 16 फीसदी ने ही लगवाया है।
केवल 100 लोग रोज लगवा रहे बूस्टर
कई बार बूस्टर डोज के लिए अभियान चलाने के बाद भी इसे लेकर कोई जागरुकता नहीं आई है। वैक्सीन का काम देख रहे प्रभारी डॉ. तरुण गुप्ता ने बताया कि हर दिन औसतन 100 लोग ही बूस्टर लगवाते हैं। वो भी तब जब हमारी एनजीओ और कार्यकर्ताओं की टीम फील्ड में सक्रिय रहती है। केंद्र पर आकर लगवाने वाले ना के बराबर हैं। औसतन 100 लोगों को ही बूस्टर लग रहा है। ऐसे में हमारे स्थायी 8-10 केंद्र सक्रिय हैं। चीन की लहर के बाद 2 दिन से सेंटर पर वैक्सीन को लेकर पूछताछ बढ़ गई है।
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दोनों वैक्सीन के लिए स्वास्थ्य विभाग ने की डिमांड
इंदौर में स्वास्थ्य विभाग ने भी कोविशील्ड और कार्बीवैक्स के लिए अपनी डिमांड राज्य शासन को भेज दी है। ये दोनों ही वैक्सीन विभाग के पास उपलब्ध नहीं है। अभी कुछ स्टॉक विभाग ने अन्य जिलों से बुलाया था, वो भी खत्म हो गया है। ऐसे में बूस्टर डोज लगाना भी हुआ तो केवल कोवैक्सीन वालों को ही लग पाएगा।