भोपाल. प्रदेश के गैर राज्य प्रशासनिक सेवा के अधिकारियों को बीते 6 साल से प्रमोट नहीं किया जा रहा है। इस कारण करीब 70 अधिकारी IAS बनने का सपना लिए ही रिटायर हो गए। साथ ही 100 से ज्यादा अधिकारी इस कतार में हैं। दरअसल, कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग (Department of Personnel & Training) के मापदंडों के मुताबिक IAS संवर्ग के 439 में से 22 पदों पर इन अधिकारियों को प्रमोट किया जाना चाहिए। 2015 में इस नियम के तहत 4 अधिकारियों को आईएएस अवॉर्ड दिया गया था। उसके बाद से प्रक्रिया बंद है। जबकि दूसरे राज्य गैर राज्य प्रशासनिक अधिकारियों को हर साल प्रमोशन दे रहे हैं।
ये हैं नियम
प्रदेश में आईएएस संवर्ग के 439 पद हैं। इनमें से 66 फीसदी यानि 293 पद सीधी भर्ती से और 146 पद प्रमोशन से भरे जाते हैं। इनमें से 15 फीसदी यानि 22 पदों पर गैर राज्य प्रशासनिक सेवा के अधिकारियों को प्रमोट किया जाना चाहिए। लेकिन मध्यप्रदेश में सभी पदों पर राज्य प्रशासनिक सेवा (State Administrative Service) के अधिकारियों को ही प्रमोशन दिया जा रहा है। जबकि मध्यप्रदेश के अलावा गुजरात, महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश, बिहार, पश्चिम बंगाल, उडीसा, राजस्थान, छत्तीसगढ़ में (Non SAS Promotion) अधिकारियों को प्रमोशन मिल रहा है।
इन्हें मिला था मौका
2015 में चार अधिकारी संजय गुप्ता, डॉ मंजू शर्मा, डॉ श्रीकांत पांडे और शमीम उद्दीन को आईएएस अवॉर्ड हुआ था। इनमें से भी दो अधिकारी रिटायर हो गए है।
ऐसे होता है प्रमोशन
सामान्य प्रशासन विभाग सभी विभागों से उत्कृष्ट श्रेणी के अधिकारियों के नाम मांगता है। मुख्य सचिव की अध्यक्षता में कमेटी खाली पदों की तुलना में चार गुना प्लस 4 नाम तय करती है। इन नामों को संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) को भेजा जाता है। UPSC मेंबर की अध्यक्षता में कमेटी प्रमोशन पर फैसला करती है। इस कमेटी में प्रदेश के मुख्य सचिव, वरिष्ठतम आईएएस और केंद्र के सरकार के दो अधिकारी शामिल होते हैं।
प्रमोशन में यहां फंस रहा पेंच
विभागों से उत्कृष्ट श्रेणी के अधिकारियों की सूची मांगने का काम सामान्य प्रशासन विभाग की शाखा (1) करती है। आईएएस अवॉर्ड का इंतजार कर रहे अधिकारियों का कहना है कि इस शाखा के प्रमुख पदों पर जब से राज्य प्रशासनिक सेवा के अधिकारी पदस्थ हुए हैं। तब से गैर-राप्रसे के नाम ही नहीं मांगे जा रहे हैं।
इन्हें दिया जा सकता है IAS अवॉर्ड
कम से कम 8 साल तक नॉन सिविल सेवा में डिप्टी कलेक्टर के अलावा अन्य कैडरों में सेवा देने वाले उत्कृष्ट श्रेणी के अधिकारियों को आईएएस अवॉर्ड दिया जा सकता है। मध्यप्रदेश में इस श्रेणी के 150 अधिकारी है। वहीं क्लास वन गजेटेड ऑफिसर्स की संख्या 8000 हैं।