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चीता प्रोजेक्ट MP: संपन्न हुई NTCA की 23वीं बैठक, चीता प्रोजेक्ट के सवाल पर मंत्री भूपेन्द्र यादव ने जोड़े हाथ! IIFM-भोपाल बनेगा डीम्ड यूनिवर्सिटी
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रूचि वर्मा
5/29/23, 2:26 PM (अपडेटेड 5/29/23, 8:36 PM)

BHOPAL: राज्य और केंद्र के वन अधिकारियों में खींचतान के बीच भोपाल में पहली बार चीता प्रबंधन और टाइगर रिजर्व पर राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण ( National Tiger Conservation Authority-NTCA ) की दो-दिवसीय बैठक सोमवार को संपन्न हुई। राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण की ये 23वीं बैठक रविवार को इंडियन इंस्टीट्यूट आफ फॉरेस्ट मैनेजमेंट (IIFM) में शुरू हुई थी। बैठक में केंद्रीय पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री भूपेन्द्र यादव, मध्य प्रदेश फारेस्ट डिपार्टमेंट के PCCF जे एस चौहान, एनटीसीए के सदस्य सचिव डा. एसपी यादव सहित अन्य अधिकारी शामिल हुए। एनटीसीए के नए सदस्यों की नियुक्ति के बाद यह पहली वार्षिक बैठक है। हाल ही में कूनो नेशनल पार्क में तीन शावक चीता, दो मादा चीता और एक नर चीता समेत कुल 6 की मौत हो चुकी है। चीतों की इन लगातार मौतों के बाद चीता प्रोजेक्ट और टाइगर प्रबंधन जैसे मुद्दे मीटिंग में प्रमुखता के उठे। सूत्रों ने बताया कि वन अधिकारियों ने चीता प्रोजेक्ट के लिए लॉजिस्टिक और वित्तीय संसाधन की मुद्दा भी उठाया। इसके अलावा आईआईएफएम-भोपाल को डीम्ड यूनिवर्सिटी का दर्ज़ा और मध्य प्रदेश में वन और वन्यजीव संरक्षण को तेज़ करने का रोडमैप बनाना बैठक के विषय रहे। बता दें कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भी सोमवार को सुबह 10:30 बजे सीएम हाउस में चीता समीक्षा बैठक बुलाई। जिसमें सी एम ने चीता प्रोजेक्ट को लेकर चर्चा की और अधिकारीयों से रिपोर्ट मांगी।


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IIFM-भोपाल में सोमवार को संपन्न हुई NTCA की 23वीं बैठक


कूनो के चीते रहे बैठक का केंद्रीय मुद्दा


सूत्रों की अनुसार चीता प्रबंधन बैठक के केंद्रीय मुद्दा रहा। नामीबिया और दक्षिण अफ्रीका से चीते लाने से लेकर, नौरादेही और गांधीसागर अभयारण्य को चीतों के लिए तैयार किए जाने सहित अन्य गतिविधियों की समीक्षा हुई। साथ ही, देशभर के टाइगर रिजर्व के मुद्दों और उनकी समस्याओं के समाधान पर भी चर्चा हुई। हालाँकि कूनो नेशनल पार्क,श्योपुर  में हुई चीतों की मौतों पर जब द सूत्र ने केंद्रीय पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री भूपेन्द्र यादव से सवाल किया तो उन्होंने कोई भी जवाब नहीं दिया।


चीता परियोजना स्टॉफ अध्ययन प्रवास पर नामीबिया-दक्षिण अफ्रीका जाएगा


हालाँकि जारी किये गए अपने बयान में मंत्री ने कहा है कि चीतों का सर्वाइवल रेट कम है, इसलिए एमपी में चीतों की मौत पर घबराहट की जरूरत नहीं है। उन्होंने कहा कि यदि आवश्यक हो तो वन विभाग के अधिकारियों को अफ़्रीका में प्रशिक्षण कराया जा सकता है। कुनो में चीतों की कैपीसिटी पांच साल में सेटल हो जाएगी। केंद्रीय वन, पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री ने यह भी कहा है कि चीता परियोजना के अंतर्गत चीता संरक्षण एवं प्रबंधन के अधिकारियों और कर्मचारियों को नामीबिया/ दक्षिण अफ्रीका अध्ययन प्रवास के लिए चयनित कर भेजा जाएगा। मध्य प्रदेश के वन अधिकारी चीता प्रोजेक्ट के लिए लॉजिस्टिक और वित्तीय संसाधन की कमियों की बात करते रहें हैं। इसी बात पर भूपेंद्र यादव ने प्रस्तावित चीता प्रोटेक्शन फोर्स के लिए वित्तीय संसाधन की मदद का आश्वासनअधिकारियों को दिया। उन्होंने कहा कि आगामी नवम्बर तक चीतों के लिए वैकल्पिक रहवास के तौर पर गांधी सागर अभयारण्य को भी तैयार किया जा रहा है।


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टाउन एन्ड कंट्री प्लानिंग डिपार्टमेंट फॉरेस्ट डिपार्टमेंट के साथ तालमेल बेहतर करे


टाइगर्स की बढ़ती आबादी को देखते हुए भोपाल में टाइगर और इंसानों के बीच कॉन्फ्लिक्ट की स्थिति न आए, इस विषय पर भी विचार-विमर्श हुआ। साथ ही ह्यूमन-एनिमल मैनेजमेंट बेहतर बनाने के लिए टाउन कंट्री प्लानिंग डिपार्टमेंट को फॉरेस्ट डिपार्टमेंट के साथ तालमेल बेहतर करने के हिदायत दी गई। IIFM में एनवायरनमेंट एंड डेवलपमेंटल इकोनॉमिक्स की पूर्व प्रोफेसर रह चुकी डॉक्टर मधु वर्मा ने द सूत्र की साथ बातचीत में ये बात है।


आईआईएफएम, भोपाल अब बनेगा डीम्ड यूनिवर्सिटी


मीटिंग में आईआईएफएम, भोपाल को डीम्ड यूनिवर्सिटी बनाने के प्रपोजल को स्वीकृति मिली। डीम्ड विश्वविद्यालय का दर्जा पाने के बाद भोपाल भारतीय वन प्रबंध संस्थान अपने कोर्स को निर्धारित करने की पूर्ण स्वायत्तता प्राप्त कर लेगा। साथ ही प्रवेश नीति, शुल्क निर्धारण तथा छात्रों के लिए निर्देश भी बनाने के लिये स्वतंत्र रहेगा और अपने नाम से छात्रों को डिग्री प्रदान कर सकेगा। ये जानकारी आईआईएफएम के डायरेक्टर के रविचंद्रन ने द सूत्र को दी।


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NTCA MP FOREST DEPARTMENT Union Cabinet Minister for Environment Forest & Climate Change Bhupendra Yadav PCCF JS CHAUHAN Ministry of Environment Forest and Climate Change NARENDRA MODI SHIVRAJ SINGH CHAUHAN Dr. Kunwar Vijay Shah
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