BHOPAL. लगातार घोटालों के आरोप में फंसने के बाद अब प्रोफेशनल एग्जामिनेशन बोर्ड, भविष्य में कराए जाने वाले एग्जाम के लिए नई एजेंसी तलाश रहा है। PEB अपने ऑनलाइन एग्जाम में सिक्योरिटी सिस्टम को और ज्यादा अपग्रेड करने जा रहा है। एक्स्ट्रा फीचर्स भी जोड़े जा रहे हैं। अब 'एग्जाम रिफ्लेक्शन ऐप्लिकेशन' के जरिए हर कैंडिडेट की ऑनस्क्रीन एक्टिविटी की VIDEO रिकॉर्डिंग होगी।
सिस्टम अपडेट करने की वजह
PEB के एग्जाम में गड़बड़ी के आरोप लगते रहते हैं। हाल ही में आरक्षक भर्ती परीक्षा और प्राथमिक शिक्षक पात्रता परीक्षा वर्ग-तीन की परीक्षा पर आरोप लगे। व्यापमं कांड के बाद ऑनलाइन सिस्टम को अपनाया, लेकिन इसमें भी धांधली सामने आ गई। ऐसे में PEB सिक्योरिटी सिस्टम को मजबूत कर रहा है। आरक्षक भर्ती परीक्षा और MPTET में लगे आरोपों से पहले PEB ने सिक्योरिटी सिस्टम को मजबूत करने की प्रोसेस शुरू कर दी थी।
पोर्टल पर होंगे सभी वीडियो
नए सिक्योरिटी सिस्टम में एक पोर्टल भी होगा, जिस पर यह VIDEO मौजूद होंगे। PEB के अधिकारी एग्जाम के बाद किसी भी कैंडिडेट की पूरी एक्टिविटी देख सकेंगे। अभी तक स्क्रीनशॉट्स लिए जाते हैं, लेकिन अब ये स्क्रीनशॉट्स एन्क्रिप्टेड होंगे, जिससे डेटा ट्रांसफर के बाद उसे खोल नहीं सकें।
नया फीचर कर रहे शामिल
सिक्योरिटी फुल प्रूफ के लिए एक और फीचर लाया जा रहा है। इससे यह होगा कि सिक्योरिटी सिस्टम में किसी भी तरह की असामान्य घटना, इसमें सेंध लगने या सिक्योरिटी स्टैंडर्ड से समझौता होने संबंधी जानकारी तत्काल PEB के 'की-ऑफिशियल' यानी प्रमुख अधिकारियों को मिलेगी। यह जानकारी ऑटो जनरेट होगी। SMS और Email के जरिए अधिकारियों तक पहुंचेगी।
अभी का प्रमुख सिक्योरिटी सिस्टम
उम्मीदवार का 'आधार' ऑथेंटिकेशन का थ्री लेयर सिस्टम है। कैंडिडेट का एंट्रेंस, रूम के अंदर और बाहर निकलने पर आधार के जरिए वेरिफिकेशन होता है। कैंडिडेट के हर रिस्पॉन्स पर हैसिंग का सिस्टम है। इसके तहत हर सवाल पर उम्मीदवार ने क्या ऑप्शन दिया है, उसका मिलना रेंडमली जनरेट होने वाली हैश-की से मिलान होता है। जिससे यह पता लग सके कि कहीं हैकिंग जैसी बात नहीं है। कम्प्यूटर सिस्टम पर एग्जाम के दौरान कोई भी एक्सट्रा एक्टिविटी सर्विस या ऐप्लिकेशन एक्टिव ना हो। यह व्यवस्था आगे भी रहेगी।
पहली बार क्वालिटी एंड कॉस्ट बेस्ड सिलेक्शन
वर्तमान में PEB ऑनलाइन एग्जाम कराने वाली आउटसोर्स एजेंसी को 168 रुपए प्रति उम्मीदवार भुगतान करता है। इस बार एजेंसी का चयन उसके द्वारा दी गई लो कॉस्ट के आधार पर नहीं कर क्वालिटी के आधार पर किया जाएगा। इसके लिए क्वालिटी एंड कॉस्ट बेस्ड सिलेक्शन (QCBS) प्रोसेस को अपनाया जा रहा है। इसके तहत यदि किसी एजेंसी का लो रेट है, लेकिन क्वालिटी ठीक नहीं है तो उसका चयन करने के स्थान पर उससे कुछ हद तक अधिक रेट होने पर बेहतर क्वालिटी देने वाली एजेंसी को प्राथमिकता दी जाएगी। क्वालिटी परखने के लिए 9 पैरामीटर तय किए गए हैं।
पहला : एग्जाम कराने से होने वाला सालाना टर्नओवर 25 करोड़ होना चाहिए।
दूसरा : एग्जाम मैनेजमेंट प्रोसेस में 5 साल का एक्सपीरिएंस हो।
तीसरा : कम से कम 5 एग्जाम हों, जिसमें कम से कम 15 हजार उम्मीदवार एक ही शिफ्ट में बैठे हों।
चौथा : पिछले पांच साल में 20 लाख उम्मीदवारों की परीक्षा कराई हो।
पांचवां : कम से कम 80 परीक्षा केंद्रों को मैनेज करने का एक्सपीरिएंस होना चाहिए।
छठवां : एजेंसी का कैपेबिलिटी मैचयोरिंग मॉडल इंटीग्रेशन CMMI लेवल-5 होना चाहिए। इसके तहत यह परखा जाएगा कि कंपनी कैसे काम करते हैं। कैसे रिकॉर्ड रखती हैं।
सातवां : कंपनी के पास 150 लोगों का नियमित स्टाफ होना चाहिए।
आठवा : डेटा सेंटर टियर-फोर का सर्टेन सर्टिफाइड डेटा सेंटर हो।
नौवां : डेटा रिकवरी की सुविधा होनी चाहिए। इसके लिए डेटा को एक अन्य गोपनीय स्थान पर ही सुरक्षित रखना होगा।