DAMOH. दमोह के मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट द्वारा एक अधिवक्ता के साथ मारपीट करने के मामले में तत्कालीन दमोह कोतवाली टीआई सहित चार आरक्षकों पर मामला दर्ज करने का आदेश दिया है। टीआई वर्तमान में भोपाल डीएसपी के पद पर है। पुलिसकर्मियों पर कार्रवाई न होने के बाद अधिवक्ता ने न्यायालय की शरण ली। जहां मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट की अदालत में पुलिस के विरुद्ध प्रकरण दर्ज करने का आवेदन प्रस्तुत किया था।
बातचीत में विवाद बढ़ने के बाद टीआई व आरक्षकों ने अधिवक्ता पिटाई कर दी
फरियादी अधिवक्ता प्रदीप राय के अधिवक्ता गजेंद्र चौबे ने बताया कि जनवरी 2020 में तत्कालीन दमोह कोतवाली टीआई एचआर पांडे, आरक्षक पंकज अहिरवाल, प्रदीप तिवारी, राजेश ठाकुर और बृजेंद्र मिश्रा दुकानदार से विवाद के मामले में टंडन बगीचा दमोह निवासी अधिवक्ता प्रदीप राय के निवास पर पहुंचे थे। जहां बातचीत के दौरान विवाद इतना बढ़ गया कि टीआई और आरक्षकों ने अधिवक्ता के साथ मारपीट कर दी। साथ ही अधिवक्ता पर शासकीय कार्य में बाधा डालने की धारा 353 का प्रकरण पंजीबद्ध कर दिया था। अधिवक्ता प्रदीप राय ने मामले की शिकायत पुलिस अधीक्षक के समक्ष दर्ज कराई थी, लेकिन पुलिसकर्मियों पर कार्रवाई नहीं हुई जिसके बाद अधिवक्ता ने न्यायालय की शरण ली। जहां मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट की अदालत में पुलिस के विरुद्ध प्रकरण दर्ज करने का आवेदन प्रस्तुत किया था।
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पुलिस ने अकारण ही अधिवक्ता के साथ मारपीट की थी
न्यायाधीश ने दोनों पक्षों की दलीलों और साक्ष्यों के आधार पर यह माना कि पुलिस ने अकारण ही अधिवक्ता के साथ मारपीट की थी। न्यायालय ने तत्कालीन टीआई और वर्तमान में भोपाल में पदस्थ पुलिस उप अधीक्षक एचआर पांडे, आरक्षक प्रदीप तिवारी, पंकज अहिरवार, राजेश ठाकुर एवं बृजेंद्र मिश्रा पर धारा 452, 323, 34 के तहत घर में घुसकर मारपीट करने के मामले में प्रकरण पंजीबद्ध करने के आदेश दिए हैं।
दोनों पक्षों में विवाद के बाद मामला कोतवाली तक पहुंचा
मामले के अनुसार अधिवक्ता प्रदीप राय के निवास के समक्ष ही दुकानें हैं जिसमें एक किराएदार किराने का व्यवसाय चलाता था। लेकिन किसी बात को लेकर दोनों पक्षों में विवाद हो गया और मामला कोतवाली तक पहुंचा। पुलिस अधिवक्ता प्रदीप राय के घर पहुंची तो विवाद बढ़ने पर मारपीट हो गई थी।