मध्यप्रदेश में पंचायत सचिवों को मिलेगा 7वां वेतनमान; डेढ़ लाख कर्मचारियों को हर महीने 3 हजार तक का फायदा

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Jitendra Shrivastava
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मध्यप्रदेश में पंचायत सचिवों को मिलेगा 7वां वेतनमान; डेढ़ लाख कर्मचारियों को हर महीने 3 हजार तक का फायदा

BHOPAL. चुनावी साल में सरकार ग्रामीण क्षेत्रों से जुड़े कर्मचारियों पंचायत सचिव, रोजगार सहायक और चौकीदारों का वेतन संबंधी मामले का निराकरण करने जा रही है। इसके तहत पंचायत सचिवों को शासकीय कर्मचारियों के समान सातवां वेतनमान का लाभ दिए जाने, रोजगार सहायकों और चौकीदारों का मानदेय बढ़ाने की योजना है। 





प्रदेश के 52 हजार गांवों में सीधे जनता से जुड़ने का फैसला





पंचायत एवं ग्रामीण और राजस्व विभागों ने करीब डेढ़ लाख 30 हजार से अधिक रोजगार सहायक, 52 हजार की संख्या वाले बड़े वर्ग चौकीदारों ने मुख्यमंत्री से मिलकर की थी मांग बढ़ाने संबंधी मामले में आने वाले वित्तीय भार का आकलन कर वित्त विभाग को प्रस्ताव दिया है। अब इसका परीक्षण किया जा रहा है। प्रदेश के 52 हजार गांवों में सीधे जनता से जुड़े इन कर्मचारियों के बारे में जल्द ही बड़ा फैसला लिया जाना है। राज्य सरकार का अध्यापक संवर्ग के बाद इन कर्मचारियों पर फोकस है।





अनुकंपा रोस्टर भी शिथिल होगा





अभी ग्राम पंचायत सचिवों को मिनरल फंड और अन्य सोर्स से वेतन मिल रहा है। लेकिन इन्हें समय से वेतन नहीं मिल पाता। पंचायत सचिवों का संविलियन विभाग में होने से उन्हें अन्य कर्मचारियों की तरह ग्लोबल वेतन का भुगतान शुरू हो जाएगा। अनुकंपा नियुक्ति में रोस्टर शिथिल कर पंचायत सचिवों के आश्रितों को लाभ दिया जाएगा। इसके साथ ही जिन चौकीदारों के पास सरकारी जमीन है, उन्हें 400 रुपए मानदेय दिया जा रहा है। चौकीदारों के मानदेय बढ़ाए जाने पर राजस्व विभाग के द्वारा प्रस्ताव तैयार किया है। 





रोजगार सहायक को अभी 9000 रुपए प्रति माह मानदेय





दरअसल, दो दिन पहले पंचायत सचिवों, रोजगार सहायकों और चौकीदारों के प्रतिनिधि मंडल से मुलाकात की थी। इसके बाद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान पंचायत एवं ग्रामीण विकास और राजस्व विभाग ने इस बारे में प्रस्ताव तैयार किया है। पंचायतों में 30 हजार से ज्यादा रोजगार सहायक हैं, जिन्हें केंद्र से मिलने वाले अनुदान के अनुसार 9000 रुपए मानदेय दिया जा रहा है। इसे बढ़ाकर डेढ़ गुना किया जाना है। इस हिसाब से इनका मानदेय 13500 रुपए किए जाने के प्रस्ताव हैं। प्रदेश में 52 हजार चौकीदारों में, जिनके पास सरकारी जमीन है उन्हें 400 रुपए और सरकारी जमीन न होने पर 4 हजार रुपए मानदेय दिया जा रहा है। इसे बढ़ाकर 6 हजार रुपए किया जाना प्रस्तावित है। 





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32 हजार पंचायत सचिवों को अभी 6वां वेतनमान





प्रदेश में 32 हजार पंचायत सचिव हैं, जिन्हें अभी छठा वेतनमान दिया जा रहा है। उन्हें छठे वेतनमान में 5200-20200 वेतनमान में 2400 रुपए ग्रेड-पे मिल रही है। इस वेतनमान में छठे वेतनमान के अनुसार 150 प्रतिशत से ज्यादा महंगाई भत्ते का भुगतान किया जा रहा है। इससे पंचायत सचिवों को 35 हजार रुपए मिल रहे हैं। मप्र में कर्मचारियों और अध्यापकों को सातवां वेतनमान दिया जा चुका है। पंचायत सचिवों को सातवां वेतनमान दिए जाने पर छठे वेतनमान में प्राप्त वेतन में फिटमेंट फॉर्मूले (2.56 प्रतिशत) के हिसाब से वेतन देय होगा, जिसमें प्रत्येक पंचायत सचिव को 2500 से 3000 रुपए का फायदा होगा और साल भर में अतिरिक्त वित्तीय भार 50 करोड़ रुपए अनुमानित है। इसके साथ ही इस संवर्ग की सेवाओं का पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग में संविलियन किया जाना प्रस्तावित है, अभी पंचायत सचिवों की सेवाएं जनपद पंचायतों के अधीन आती हैं।





पंचायतों में 30 हजार से अधिक रोजगार सहायक





चौकीदारों ने मुख्यमंत्री से मिलकर की थी मांग पंचायतों में 30 हजार से ज्यादा रोजगार सहायक हैं, जिन्हें केंद्र से मिलने वाले अनुदान के अनुसार 9000 रुपए मानदेय दिया जा रहा है। इसे बढ़ाकर डेढ़ गुना किया जाना है। इस हिसाब से इनका मानदेय 13500 रुपए किए जाने के प्रस्ताव हैं। प्रदेश में 52 हजार चौकीदारों में, जिनके पास सरकारी जमीन है उन्हें 400 रुपए और सरकारी जमीन न होने पर 4 हजार रुपए मानदेय दिया जा रहा है। इसे बढ़ाकर 6 हजार रुपए किया जाना प्रस्तावित है। इसके साथ ही जिन चौकीदारों के पास सरकारी जमीन है, उन्हें 400 रुपए मानदेय दिया जा रहा है। चौकीदारों के मानदेय बढ़ाए जाने पर राजस्व विभाग के द्वारा प्रस्ताव तैयार किया है। 





50 करोड़ रुपए प्रतिवर्ष अतिरिक्त खर्च आएगा





2008 में पंचायत सचिवों का वेतन 1600 रुपए था। इसे 2018 में बढ़ाकर 35000 रुपए प्रतिमाह कर दिया गया था। इसे आगामी प्रस्ताव के अनुसार सातवें वेतनमान में बढ़ाया जाना है। इससे सरकार पर 50 करोड़ रुपए प्रतिवर्ष का अतिरिक्त खर्च आने की संभावना है।



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