प्रदेश के पंचायत सचिव बोले- 5 महीने से नहीं पगार, बंद करो ये अत्याचार, सपरिवार बैठेंगे धरने पर

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Rajeev Upadhyay
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प्रदेश के पंचायत सचिव बोले- 5 महीने से नहीं पगार, बंद करो ये अत्याचार, सपरिवार बैठेंगे धरने पर

Bhopal. प्रदेश के सभी ग्राम पंचायतों के सचिव अब धरने पर बैठने जा रहे हैं। वो भी अकेले नहीं बल्कि पूरे परिवार के साथ। जी हां, दरअसल पंचायत सचिवों का कहना है कि उन्हें 5 माह से वेतन नहीं मिला है, जिससे घर चलाना मुश्किल हो रहा है। जिंदगी फाके पर कट रही है। ऐसे में कैसे चलेगा। पंचायत सचिवों ने 1 माह पहले धरने की अनुमति मांगी थी लेकिन अब तक परमीशन नहीं दी गई है। पंचायत सचिवों का कहना है कि यदि अब अनुमति न भी मिली तो भी रोशनपुरा चौराहे से विधानसभा का घेराव किया जाएगा। मंगलवार को विधानसभा में भी पंचायत सचिवों का मुद्दा उठाया गया। 



मध्यप्रदेश पंचायत सचिव संगठन के तत्वाधान में यह वृहद आंदोलन करने का ऐलान हुआ है। संगठन के प्रदेश अध्यक्ष दिनेश शर्मा बोल रहे हैं कि हक की आवाज उठाने के लिए भी अनुमति नहीं दी जा रही। सरकार पंचायत सचिवों को परेशान करने 3 से 5 माह तक वेतन नहीं दे रही है। पंचायत सचिव अपने बच्चों की फीस तक जमा नहीं करा पा रहे। होम लोन और गाड़ी की लोन की तो बात ही छोड़ दो। 




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  • ये हैं मांगें




    पंचायत सचिव विभाग में संविलियन, 6ठे वेतनमान की गणना नियुक्ति की तारीख से करने, 7वां वेतनमान का एरियर्स देने, अनुकंपा नियुक्ति समेत जिला संवर्ग में संविलियन कर निश्चित वेतनमान पर नियमितीकरण की मांग कर रहे हैं। 



    आश्वासन के बाद भी नहीं पूरी हुई मांगें




    बता दें कि अगस्त 2021 में पंचायत मंत्री ने सीएम की ओर से पंचायत सचिवों को आश्वासन दिया था कि उनकी मांगों का निराकरण हो जाएगा, लेकिन 18 महीने बीत रहे हैं लेकिन एक भी मांग पूरी नहीं की गई है। वहीं मांगों के संबंध में संगठन से कोई चर्चा भी नहीं की गई। पंचायत सचिव सरकार पर वादाखिलाफी का आरोप लगा रहे हैं। राष्ट्रीय सरपंच संघ के प्रदेश अध्यक्ष निर्भय सिंह यादव, सरपंच संघ के अध्यक्ष सोमेश गुप्ता, सहायक सचिव महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष रीतेश तिवारी ने भी 6 मार्च से आर-पार की लड़ाई लड़ने का ऐलान किया है। इस दिन पंचायतों की तालाबंदी की भी घोषणा की गई है। 



    झूमा सोलंकी ने उठाया मुद्दा




    इधर विधानसभा में पंचायत सचिवों की मांगों को लेकर विधायक झूमा सोलंकी ने मामला उठाया। उनके सवाल के जवाब में पंचायत मंत्री महेंद्र सिंह सिसौदिया बोले कि सचिव और रोजगार सहायकों के 7वें वेतनमान और नियमितीकरण के लिए कमेटी बनाई गई है। रिपोर्ट आने के बाद कार्रवाई की जाएगी। झूमा सोलंकी ने कहा कि कमेटी बनने के बाद एक भी बैठक नतीजे पर नहीं पहुंच पाई है। पंचायत सचिव गांव के सबसे महत्वपूर्ण अंग हैं। जवाब में मंत्री ने कहा कि नियमितीकरण की प्रक्रिया बेहद लंबी होती है। 3 मार्च को समिति की बैठक होगी। वित्त विभाग से भी जुड़ा मामला है। 

     


    Panchayat secretary will protest will sit on dharna with family salary has not been received for 5 months धरना देंगे पंचायत सचिव परिवार संग धरने पर बैठेंगे 5 माह से नहीं मिली पगार
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