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Panna. पन्ना टाइगर रिजर्व (Panna Tiger Reserve) यकायक दुःखद कारणों के चलते राष्ट्रीय स्तर पर सुर्ख़ियों में आ गया है। 9 जून की सुबह पन्ना-कटनी मार्ग (Panna-Katni Road) पर सड़क के किनारे नर बाघ पी-111 (Bagh P-111) का संदिग्ध हालत में शव मिलता है। इस बाघ का दाह संस्कार (tiger cremation) होने के कुछ ही घंटे बाद अकोला बफर क्षेत्र से 9 माह की उम्र पार कर चुके एक शावक के मरने की खबर आ जाती है। एक ही दिन में घटी इन दो घटनाओं ने वन्य जीव प्रेमियों को दुःखी करने के साथ ही चिंता में डाल दिया है। लोग कहने लगे हैं कि पन्ना टाइगर रिज़र्व क्या फिर 2009 की राह पर चल पड़ा है ?
पन्ना टाइगर रिजर्व के अकोला बफर जोन में दूसरे बाघ शावक की मौत की खबर.सुबह पार्क के कोर एरिया में मृत मिला था बाघ पी-111.@PannaTigerResrv @mpforestdept @minforestmp @GauravS_IFS @ntca_india #tiger #panna #tigerreserve #baagh #pannatiger #vanvibhaag #akolabufferzone #tigerdeath pic.twitter.com/IBvdwLfgRk
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तस होगा पोस्टमार्टम
बाघ शावक की असमय मौत की खबर मिलने पर जब पन्ना टाइगर रिज़र्व के क्षेत्र संचालक उत्तम कुमार शर्मा (Uttam Kumar Sharma) से संपर्क किया तो उन्होंने "द सूत्र" को बताया कि मृत शावक बाघिन पी-234 का बच्चा था, जो लगभग 9 माह का था। बीते साल इस बाघिन ने तीन शावकों को जन्म दिया था। मौत के सम्बन्ध में संचालक शर्मा ने बताया कि किसी बाघ ने इस शावक को मारा है। लेकिन पार्क प्रबंधन के इस दावे पर ज्यादातर लोग असहमति जता रहे हैं। मृत बाघ शावक का पोस्टमार्टम चूंकि आज नहीं हो सका इसलिए मौत की असल वजह क्या है यह स्पष्ट नहीं हुआ। शावक का पीएम अब 10 जून को होगा, तभी मौत के कारणों का खुलासा हो सकता है।
पन्ना टाइगर रिजर्व में नर बाघ P -111 की मौत। पन्ना- कटनी रोड पर अकोला बफर जोन में सड़क किनारे मृत मिला 13 साल का बाघ।@PannaTigerResrv @mpforestdept @minforestmp @GauravS_IFS @ntca_india #tiger #panna #tigerreserve #baagh #pannatiger #vanvibhaag #akolabufferzone #tigerdeath #p111 pic.twitter.com/q0uc6GwOe0
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टाइगर रिजर्व में फील्ड की व्यवस्था लचर
उल्लेखनीय है कि टाइगर रिजर्व में फील्ड की लचर व्यवस्था को देखते हुए विगत कई माह से मैदानी अमला दबी जुबान से हालात बिगड़ने की आशंका जता रहे है। लेकिन आला अधिकारी इससे बेखबर वाहवाही में ही मशगूल रहे। नतीजा आज सामने है कि एक ही दिन में दो बाघ निपट गए। जानकारों का तो यहां तक कहना है कि अभी तो यह टेलर है, यदि फील्ड की व्यवस्था व मॉनिटरिंग सिस्टम में सुधार नहीं हुआ तो पूरी फिल्म देखने को मिलेगी। वन्य जीव प्रेमी अब कहने लगे हैं कि पन्ना वालो बचा सको तो अपनी इस अमूल्य प्राकृतिक धरोहर को बचा लो, अन्यथा बाघों से आबाद यह खूबसूरत जंगल फिर बाघ विहीन हो जाएगा।
बाघिन पी-234 के कुनबे से ही गुलजार हुआ अकोला बफर
पन्ना टाइगर रिजर्व के अकोला बफर का आकर्षण बाघिन पी-234 तथा उसका भरा-पूरा कुनबा है। मालूम हो कि पन्ना टाइगर रिजर्व की संस्थापक बाघिन टी-2 है, जिसे मार्च 2009 में कान्हा से पन्ना लाया गया था। इस बाघिन ने जुलाई 2013 में चार शावकों को जन्म दिया था। इन्हीं शावकों में से एक बाघिन पी-234 है। जिसके कुनबे ने अकोला बफर को गुलजार किया हुआ है। इस बाघिन ने नर बाघ टी-7 के साथ मिलकर अपने कुनबे को बढ़ाया है। इसी बाघिन की बेटी पी-234 (23) ने अकोला बफर क्षेत्र में ही जनवरी 2021 में तीन शावकों को जन्म दिया था। बाघिन पी- 234 ने भी अपने चौथे लिटर में तीन शावकों को जन्म दिया था।
कैमरा ट्रैप में बाघिन सहित शावकों की फोटो पहली बार सितम्बर 21 में कैद हुईं थीं। इन्ही तीन शावकों में से एक की मौत हुई है। इसके पूर्व बाघिन पी-234 ने अपने तीसरे लिटर में भी जनवरी 2020 में तीन शावकों को जन्म दिया था। इस तरह से बाघिन पी-234 के कारण ही अकोला बफर बाघों से आबाद हुआ, जो पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र बना हुआ है। लेकिन दुर्भाग्य से अकोला बफर क्षेत्र की उल्टी गिनती शुरू हो चुकी है, जो बेहद चिंताजनक है।