भोपाल. मध्यप्रदेश के कई इलाकों में बिजली संकट (Power Crisis) की स्थिति बनी हुई है। प्रदेश के सिंघाजी पॉवर प्लांट (Singhaji Power Plant) में 2 दिन का कोयला (Coal) शेष है। जबकि सतपुड़ा पॉवर प्लांट में 3 दिन का कोयला बचा है। इस समय रबी की फसलों की बुआई के कारण बिजली की डिमांड अचानक बढ़ जाती है। ऐसे में प्रदेश में बिजली का बढ़ा संकट पैदा हो सकता है। वहीं, पावर जनरेशन कंपनी के एमडी मनजीत सिंह ने बताया कि सभी प्लांटों (Power Plant Coal) को पूरी क्षमता से चलाने के लिए एक दिन में 15 रैक कोयले की जरूरत होती है, लेकिन अभी 7-8 रैक कोयला ही मिल पा रहा है। वह भी इतना गीला है कि पाउडर की जगह लुगदी बन जाता है।
कोयले की डिमांड और सप्लाई बिगड़ी
प्लांटों तक कोयला (Coal) सड़क और रेल मार्ग से पहुंचता है। इस बार कोल खदानों वाले क्षेत्रों में बारिश ज्यादा हुई है। खदानों के संपर्क मार्ग टूट चुके हैं, कई जगह तो रोड दल-दल में तब्दील हो चुका है। खदानों में पानी भरे होने के कारण खदानों से पूरी क्षमता से कोयला नहीं निकल पा रहा है, जितना भी कोयला निकाला जा रहा है। वह गीला निकल रहा है। पावर प्लांट में कोयले को पाउडर बनाकर भट्ठी में जलाया जाता है। कोयले को पाउडर बनाकर हवा की मदद से भट्ठी तक पहुंचाते हैं। वहीं, इस गीले कोयले को जब पीस रहे हैं तो यह लुगदी बन जाता है। इससे हीटिंग में ज्यादा कोयले की खपत हो रही है।
आर्थिक तंगी से जूझ रही सरकार
बिजली कंपनियों को सरकार द्वारा दी जा रही सब्सिडी के लगभग 9 हजार करोड़ रुपए चाहिए लेकिन कोरोना का हवाला देकर सरकार ने हाथ खड़े कर दिए हैं। वहीं. मध्यप्रदेश के चारों पावर प्लांट को WCL, NCL और WECL से कोयले की आपूर्ति होती है। इन कंपनियों को पावर जनरेशन कंपनी से 1034 करोड़ रुपए लेने हैं। पावर जनरेशन कंपनी को एमपी की तीनों वितरण कंपनियों से 7 हजार करोड़ रुपए वसूलना है। वहीं, दूसरी ओर कंपनी के चारों प्लांटों को जरूरत के मुताबिक 15 रैक कोयला मिल सके। इसके लिए छोटे-छोटे स्तर पर परिवहन का ठेका दिया है। इस व्यवस्था का असर अगले 10 दिनों में दिखने लगेगा।
पेमेंट की व्यवस्था हो गई-ऊर्जा मंत्री
मप्र के ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ने हाल में कहा कि कोल इंडिया को बकाए के पेमेंट (Payment) की व्यवस्था कर ली गई है। प्रदेश में बिजली की कमी नहीं होने दी जाएगी। 12 अक्टूबर को पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कहा कि शिवराज जी, मुझे उम्मीद थी कि कोयला संकट, बिजली संकट पर आप मेरे पूछे सवालों के जवाब ज़रूर देंगे लेकिन आज भी आपने उनका जवाब तो नहीं दिया। उल्टा आपने झूठ परोसते हुए कहा कि प्रदेश में कोयले का और बिजली का कोई संकट नहीं है।
प्रदेश के पॉवर प्लांट में कोयले की स्थिति
- सिंघाजी पॉवर प्लांट में 2 दिन का कोयला शेष
- सतपुड़ा पॉवर प्लांट में 3 दिन का कोयला शेष
- वीरसिंगपुर प्लांट में 4 दिन का कोयला शेष
- अमरकंटक प्लांट में 7 दिन का कोयला शेष