ग्वालियर में छिड़ा है सियासी संग्राम; माधव राव सिंधिया किस पार्टी के नेता? कांग्रेस के या बीजेपी के? 

author-image
Jitendra Shrivastava
एडिट
New Update
ग्वालियर में छिड़ा है सियासी संग्राम; माधव राव सिंधिया किस पार्टी के नेता? कांग्रेस के या बीजेपी के? 

देव श्रीमाली, GWALIOR. कांग्रेस के शीर्षस्थ नेता, राजीव गांधी से लेकर पीवी नरसिंह राव तक के मंत्रिमंडल में रहे और बीजेपी के चोटी के नेता भारत रत्न अटल विहारी वाजपेयी को ग्वालियर में करारी पराजय देने वाले स्वर्गीय माधव राव सिंधिया कांग्रेस के नेता हैं या बीजेपी के? यह विवाद बीते कुछ समय से ग्वालियर के सियासी गलियारों में छिड़ा हुआ है। कल स्व. सिंधिया की जयंती है और बीजेपी उसे बड़े धूमधाम से मना रही है। कांग्रेस कह रही है कि नेताओं के मामले में बीजेपी के पास अकाल है इसलिए अब उन्हें हमारे नेताओं के नाम के सहारे अपनी सियासत बचानी पड़ रही है।



सिंधिया के नाम पर है कांग्रेस कार्यालय



ग्वालियर में अस्सी के दशक के बाद कांग्रेस का मतलब माधव राव सिंधिया ही मानी जाती थी। यही वजह है कि जब माधवराव का निधन हुआ तो यहां यहां व्यापार मेला, तिघरा बांध, साडा से लेकर अनेक संस्थाओं के नाम उनके नाम पर रखे गए। यहां तक कि जब जिला कांग्रेस कमेटी ने अपना जिला कार्यालय बनवाया तो उसका नाम भी स्व. माधव राव सिंधिया कांग्रेस भवन रखा। उस समय बीजेपी ने इसका विरोध भी किया और उपहास भी उड़ाया था, लेकिन अब परिस्थितियां बदली हुईं है। आज माधव राव सिंधिया के बेटे ज्योतिरादित्य सिंधिया न केवल बीजेपी में हैं बल्कि, पूरे रसूख के साथ है। अंचल में पुराने बीजेपी नेताओं को पीछे छोड़ वे निर्णायक और अहम स्थिति में है। 



पहले कांग्रेस करतीं थी आयोजन



दो वर्ष पहले तक माधव राव का जन्मदिन हो या पुण्यतिथि दोनों पर ही आयोजन कांग्रेस आयोजित करतीं थी, जबकि उनकी मां राजमाता विजयाराजे सिंधिया के जन्मदिन और पुण्यतिथि पर सारे आयोजन बीजेपी करतीं थी। उनकी कमान ज्योतिरादित्य सिंधिया की बुआ यशोधरा राजें संभालतीं थीं, लेकिन अब सिंधिया परिवार एकजुट है और पूरी तरह से बीजेपी के साथ है इसलिए इस बार सब कुछ बदला हुआ है। माधवराव सिंधिया की जयंती 10 मार्च को है। जयंती पर बीजेपी एक बड़ी मैराथन दौड़ का आयोजन कर रही है। इस दौड़ में महिला और पुरुष धावक कई राज्यों से इस मैराथन दौड़ में भाग लेंगे दौड़ में ज्योतिरादित्य सिंधिया, प्रद्युमन सिंह तोमर मंत्री, भारत सिंह कुशवाह, सांसद विवेक शेजवलकर सहित बीजेपी के कई बड़े नेता भी इस आयोजन में शामिल होंगे। 



यह खबर भी पढ़ें






कांग्रेस ने कसा तंज 



कांग्रेस पार्टी के जिला अध्यक्ष देवेंद्र शर्मा ने माधवराव की जयंती पर बीजेपी द्वारा मैराथन पर निशाना साधते हुए कहा कि अब बीजेपी के पास कोई बड़ा नेतृत्व नहीं बचा है। यही वजह है कि व्यक्तित्व के धनी रहे माधवराव सिंधिया की जयंती पर बीजेपी शहर में कई कार्यक्रम आयोजित कर रही है, लेकिन कांग्रेस बीजेपी से पूछना चाहती है कि 20 सालों से माधवराव सिंधिया की याद बीजेपी को क्यों नहीं आई? उनका कहना है कि बीजेपी का यह चुनावी नया शिगुफा है।



ऊर्जा मंत्री बोले वे भी करें आयोजन उन्हें किसने रोका है ?



कांग्रेस के आरोप पर ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ने कहा कि माधवराव सिंधिया व्यक्तित्व के धनी थे। उनकी जयंती पर बीजेपी विशाल मैराथन सहित शहर में कई कार्यक्रम आयोजित कर रही है तो कांग्रेस को क्यों दर्द हो रहा है ? तोमर कहते हैं कि कांग्रेस को कार्यक्रम करने से किसने रोका है? कांग्रेस भी माधवराव सिंधिया की जयंती पर कार्यक्रम का आयोजन करें। 



आयोजन से बीजेपी की दूरी बरकरार



हालांकि कहने को तो यह आयोजन बीजेपी कर रही है, लेकिन इससे बीजेपी के पुराने नेताओं और कार्यकर्ताओं ने अपनी दूरी बनाकर रखी है। बीजेपी के जिला अध्यक्ष और कुछ पदाधिकारियों को छोड़कर बाकी सभी सिंधिया समर्थक मंत्री, पूर्व विधायक और उनके समर्थक ही इसकी तैयारियो से लेकर अन्य व्यवस्था देख रहे है। सिंधिया समर्थक मंत्री तुलसी सिलावट, ऊर्जामंत्री प्रद्युम्न तोमर, महेंद्र सिंह सिसोदिया आदि ही इनमें पहुंच रहे है लेकिन गृहमंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा, सहकारिता मंत्री अरविंद भदौरिया जैसे दिग्गजों के इसमे आने की कोई खबर नही हैं। इसी प्रकार शहर में भी बीजेपी के मूल कार्यकर्ताओं द्वारा इस आयोजन में दिलचस्पी नही दिखाई जा रही है।



कांग्रेस करेगी पुष्पांजलि



शहर जिला कांग्रेस हमेशा की तरह स्व सिंधिया की समाधि पर पहुंचकर 10 मार्च को माधव राव सिंधिया की प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित करेगी। इसके लिए सभी कांग्रेस कार्यकर्ता एकत्रित होकर वहां पहुंचेंगे। 



कांग्रेस-बीजेपी दोनों की स्थिति अजीब



स्व. माधव राव सिंधिया की राजनीतिक विरासत पर कब्जे को लेकर छिड़ी इस जंग में कांग्रेस हो या बीजेपी दोनों की ही स्थिति बड़ी अजीब बनी हुई है। एक तो बीजेपी में नरेंद्र तोमर, प्रभात झा और जयभान सिंह पवैया जैसे नेताओं की पूरी सियासत का आधार माधव राव और ज्योतिरादित्य सिंधिया के विरोध पर टिका था, लेकिन अब उनके ही सम्मान में कसीदे काढ़ने पड़ रहे हैं, जबकि कांग्रेस के उन नेताओं की स्थिति और भी अजीब है जो माधवराव के करीबी रहे, लेकिन दल बदल में उनके साथ नहीं गए। अब तब जबकि सिंधिया परिवार का कोई भी सदस्य अब कांग्रेस में नहीं बचा और उनका परिवार उनकी स्मृति में बीजेपी से आयोजन कर रहा है लेकिन कांग्रेस वे नेता माधव राव से अपनी आसक्ति के चलते उनका नाम लेना छोड़ नहीं पा रहे।


MP News एमपी न्यूज Political war broke out in Gwalior political war over name Madhav Rao Scindia is the leader of which party Congress or BJP? ग्वालियर में छिड़ा सियासी संग्राम नाम को लेकर सियासी जंग माधव राव सिंधिया किस पार्टी के नेता कांग्रेस के या बीजेपी के?