पवई सीट पर किसी एक पार्टी का दबदबा नही, जाति के बजाय काम के आधार पर जनता देती है वोट

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Vivek Sharma
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पवई सीट पर किसी एक पार्टी का दबदबा नही, जाति के बजाय काम के आधार पर जनता देती है वोट

POWAI. हीरो की नगरी कहे जाने वाले पन्ना जिले की सबसे बड़ी विधानसभा है पवई। पवई में है मां कलेही का मंदिर। यहां माता की पाषाण प्रतिमा है  मान्यता के अनुसार यहां देवी रौद्र रूप में विराजमान है। ऐसा कहा जाता है कि यहां स्थित देवी मां कालरात्रि है जिन्होंने महिषासुर का वध किया था जितना पवई का धार्मिक महत्व है उतना ही प्रदेश की राजनीति में भी पवई का महत्व है।



राजनीतिक मिजाज 



 पवई में किसी एक पार्टी का दबदबा नहीं है। यहां की जनता प्रत्याशी की छवि और अनुभव के आधार पर फैसला करती है। 1993 की बात करें तो यहां कांग्रेस से मुकेश नायक ने जीत दर्ज की थी। साल 1998 में समाजवादी पार्टी से अशोक वीर विक्रम सिंह विधायक रहे तो वहीं साल 2003 और 2008 में बीजेपी से बृजेंद्र प्रताप विधायक चुने गए साल 2013 में जनता ने वापस कांग्रेस के मुकेश नायक पर भरोसा जताया लेकिन 2018 के चुनाव में नायक को नकार कर जनता ने बीजेपी के प्रह्लाद लोधी को विधायक चुना।   



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 राजनीतिक समीकरण



 इलाके की जनता का कहना है कि कांग्रेस यहां मजबूत स्थिति में है। कांग्रेस से मुकेश नायक का टिकट लगभग फाइनल है। क्षेत्र के बड़े नेता अनिल तिवारी से उनका समन्वय बन चुका है। ऐसे में बीजेपी के लिए फिर मुश्किलें खड़ी होगी। यहां पूर्व विधायक बृजेंद्र प्रताप और वर्तमान विधायक प्रह्लाद लोधी दो अलग—अलग गुटों में बंटे हैं। जिससे चुनाव में बीजेपी को नुकसान होने की संभावना है। वहीं जनता का कहना है कि लोधी ने पिछले 4 साल में इलाके में कोई बड़ा काम नहीं करवाया लेकिन बीजेपी में तेजी से हालात बदलने वाले संगठन के निर्णय से कब समीकरण बदल जाए कहना मुश्किल है।



जातिगत समीकरण 



-पवई विधानसभा ओबीसी वर्ग के लिए आरक्षित है। यहां करीब 2 लाख 50 हजार वोटर्स हैं।  40 फीसदी वोटर ओबीसी वर्ग के हैं तो वहीं 30 फीसदी वोटर सामान्य वर्ग के हैं. इलाके में 15 फीसदी वोटर एससी और 15 प्रतिशत ही एसटी वर्ग के मतदाता भी हैं।



मुद्दे



 पवई विधानसभा सीट पर मुद्दों की कोई कमी नहीं है। इस इलाके का मार्केट कटनी से जुड़ा हुआ है लेकिन पवई से कटनी तक की सड़क 7 सालों से बन ही रही है। इस कारण इलाके का व्यापार बेहद प्रभावित हो रहा है तो वहीं इलाके में उद्योग के नाम पर बस एक सीमेंट फैक्ट्री है जिसमें भी काम सब बाहरी लोग कर रहे हैं। स्वास्थ्य के लिहाज से देखा जाए तो इलाके के लिए 100 बेड का अस्पताल स्वीकृत हो चुका है लेकिन राजनीतिक खींचतान के चक्कर में आज तक काम शुरू ही नहीं हो सका। भ्रष्टाचार के मामले में पवई के नाम शर्मासार कर देने वाला रिकॉर्ड है। आपको जानकर हैरानी होगी की पन्ना जिले में सबसे अधिक रिश्वतखोरी के मामले इसी विधानसभा में ट्रेस होते हैं।



 इन तमाम मुद्दों पर जब हमने राजनीतिक दलों के नुमाइंदों से बात की तो वो एक-दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप लगाने लगे।



पवई की जनता का मूड जानने के लिए क्लिक करें.. पवई विधानसभा सीट पर क्या है जनता का मिजाज, आज चुनाव हुए तो कौन जीतेगा ?



इसके अलावा द सूत्र ने इलाके के प्रबुद्धजनों, वरिष्ठ पत्रकारों और आम जनता से बात की तो कुछ सवाल निकलकर आए।




  •  इलाके में रोजगार को लेकर तमाम समस्याएं हैं, आपने इसके समाधान के लिए क्या किया ?


  •  मूलभूत सुविधाओं को लेकर आपने कितनी राशि खर्च की ?

  •  लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं मिल सके, इसके लिए आपने क्या प्रयास किए ?

  •  इलाके में खराब सड़कों को लेकर जनता परेशान है, आपने इस पर ध्यान दिया ?

  •  4 साल में आपके कराए कोई 4 बड़े विकास कार्य बताएं ?

  • विधायक प्रह्लाद लोधी के पास जनता के इन सवालों का कोई जवाब नहीं था। जनता के सवालों से विधायक प्रह्लाद लोधी भागते नजर आए....



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