भोपाल. केंद्रीय विद्यालय (Kendriya Vidyalaya) में नमाज (Namaz) पढ़ने का मामला गर्मा गया है। भोपाल सांसद साध्वी प्रज्ञा ठाकुर (Pragya Singh Thakur) ने स्कूल में नमाज पढ़ने पर कड़ी आपत्ति जताई है। उन्होंने शिकायत मिलने के बाद शुक्रवार, 22 अक्टूबर को भोपाल के 7 नंबर के करीब स्थित केंद्रीय विद्यालय क्रमांक-2 का दौरा किया। उन्होंने कहा कि इस स्कूल में बाहर से नमाज पढ़ने आने वाले लोगों को खुली छूट है। कौन व्यक्ति कैसा है इस बात की कोई गारंटी नहीं ले सकता, नमाज पढ़ने वाले लोगों के कारण स्कूल (Namaz in Central School) की बच्चियां सुरक्षित नहीं हैं।
प्रिंसिपल ने कैसे लोगों को आने दिया
भोपाल (Bhopal) सांसद ने कहा कि मैंने देखा.. 10-15 लोग नमाज पढ़ने के लिए आए हैं। यह लोग नमाज पढ़ने के लिए दिन में दो बार आते हैं। नमाज पढ़ने के लिए जो स्थान है वो होना चाहिए, पढ़ो कोई दिक्कत नहीं है। लेकिन बाहर से जो लोग स्कूल में आ रहे हैं, उन्हें इसकी खुली छूट है। कौन व्यक्ति कैसा है इसकी कोई जिम्मेदारी नहीं ले सकता है। प्रिंसिपल भी इसकी जिम्मेदारी नहीं ले सकते हैं लेकिन कैसे इन्होंने लोगों को आने दिया। ये अपनी जिम्मेदारी को नकार रहे हैं। प्रिंसिपल पर भी कार्रवाई होनी चाहिए। इस मामले में राजनीति खुलकर सामने आ रही है। यह इलाका कांग्रेस विधायक आरिफ मसूद (Arif Masood) के विधानसभा क्षेत्र में आता है। इस मामले को दबाने का प्रयास किया जा सकता है।
प्रिंसिपल पाठक और उनकी पत्नी ने धमकी दी- प्रज्ञा
प्रज्ञा ने बताया कि धीरे-धीरे इनकी संख्या बढ़ रही है। स्कूल में नमाज पढ़ने के लिए 300 लोग आते हैं। मुझे शिकायत मिली थी कि प्रिंसिपल पाठक और उनकी पत्नी ने लोगों को धमकी दी। स्कूल के कैंपस में स्थित मजार में लोग नमाज पढ़ने आते हैं लेकिन स्कूल के बाहर खड़ी गाड़ियों के कारण नमाजियों को समस्या होती है। नमाजियों की समस्या दूर करने के लिए प्रिंसिपल ने लोगों को धमकी दी। उन्होंने गुमठी चलाने वाले लोगों से कहा कि अगर तुमने इसकी शिकायत की तो तुम्हारी गुमठियां उठवा देंगे।
प्रिंसिपल बोले- 8 प्रिंसिपल बदल गए
सुरक्षा की दृष्टि से स्कूल के प्रिंसिपल से पूछा गया, तो उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया। उनके पूछने पर प्रिंसिपल ने बताया कि उनके यहां आने के पहले से यहां नमाज पढ़ी जा रही है। सामने के गेट से किसी को नहीं आने दिया जाता है। पिछले गेट से आते हैं। प्रिंसिपल ने इस मामले में संज्ञान लेने पर उत्तर दिया गया कि उनके पहले 8 प्रिंसिपल रह चुके हैं। प्रज्ञा ने बताया कि इसके अलावा बच्चों के परिजनों ने शिकायत दी थी कि लाख कोशिश के बाद भी उन्हें स्कूल के अंदर नहीं आने दिया जाता है। उन्हीं की शिकायत पर मैंने स्कूल का औचक निरीक्षण किया।