मंत्री का हनीमून पीरियड हुआ ओवर, बेटों को बैक डोर से पॉलिटिक्स में एंट्री कराने की तैयारी, चर्चा में हैं एमपी की सपना-चौधरी 

author-image
Harish Divekar
एडिट
New Update
मंत्री का हनीमून पीरियड हुआ ओवर, बेटों को बैक डोर से पॉलिटिक्स में एंट्री कराने की तैयारी, चर्चा में हैं एमपी की सपना-चौधरी 

हरीश दिवेकर BHOPAL. हिमाचल में दो दिन की खींचतान के बाद सीएम के लिए सुखविंदर सिंह सक्खू के नाम पर मुहर लग गई है। चार साल बाद पहली बार कांग्रेस किसी राज्य में पूर्ण बहुमत की सरकार बनाने में सफल हुई है। लगातार दो मैच हारकर सीरीज से बाहर हुई टीम इंडिया बांग्लादेश को अब तक सबसे बड़ी हार देकर अपनी पीठ थपथपा रही है। केरल हाईकोर्ट का कहना है कि जब आपसी सहमति से तलाक हो रहा है तो एक साल अलग रहने की शर्त क्यों। हाईकोर्ट का मानना है कि डायवोर्स एक्ट की यह शर्त लोगों के मौलिक अधिकारों का हनन कर रहा है। कांग्रेस विधायक डॉ हीरा अलावा का ऐलान आदिवासी, दलित और ओबीसी संगठन एक अलग मोर्चा बनाकर लड़ेगा चुनाव। देश-प्रदेश में खबरें तो ओर भी हैं, आप तो बस सीधे नीचे उतर आइए और सर्द हवाओं के बीच राजनीति-ब्यूरोक्रेसी की गरमाहट महसूस कीजिए।





मंत्री का हनीमून पीरियड ओवर





सिंधिया कोटे के मंत्री बेहद उदास हैं, पहले सरकार में उनकी बात को अच्छी खासी तवज्जो मिलती थी, लेकिन जैसे जैसे चुनावी समर नजदीक आ रहा है उनकी पूछ परख कम होती जा रही है। हाल ही में कैबिनेट में भी ग्वालियर-चंबल के एक मंत्री को इस बात का अहसास हो गया कि उनका ह​नीमून पीरियड ओवर हो गया। पहले बैठक में कोई प्रस्ताव देते थे या क्षेत्र की बात रखते थे तो तत्काल मान ली जाती थी, लेकिन इस बार उनकी बात को टाल दिया गया। मामला अस्पतालों के उन्नयन का था मंत्री ने अपने क्षेत्र के अस्पतालों को शामिल करने को कहा तो, कह दिया गया, बाद में देख लेंगे। मंत्री ये जवाब सुनकर अवाक रह गए, अब कहें भी तो क्या कहें। आपकी जानकारी के लिए बता दें, ये मंत्री अपना विरोध दर्ज कराने के लिए गांधीगिरी का सहारा लेते रहते हैं। 





यह भी पढ़ेंः ओशो में जीवंतता, भाषण शैली करती थी मुग्ध,वे कालातीत नहीं होंगे, ओशो के जबलपुर में रहे छात्र व सहकर्मी उनकी शैली के थे कायल





बेटों को पॉलिटिक्स में एंट्री कराने का फार्मूला





बीजेपी के दिग्गज नेता तू डाल-डाल मैं पात-पात वाले फार्मूले पर काम करते हुए अपने बेटों को राजनीति में बैक डोर एंट्री कराने की तैयारी में हैं। वंशवाद के फार्मूले को तोड़ निकालते हुए ग्वालियर चंबल के दो बड़े नेताओं ने अपने बेटों की एंट्री खेल संघों में करवा दी है। माना जा रहा है कि खेलों की राजनीति में महारत हासिल होते ही इन्हें राजनीति में खेल करने के लिए उतारा जाएगा। तब तक शायद वंशवाद का जोर भी कमजोर पड़ जाए, राजनेता हैं तो दूर की तो सोचेंगे ही। वैसे भी बेटे का मोह तो पार्टी के नियमों पर भारी तो पड़ेगा ही। इन दो नेताओं के पुत्र मोह को देखकर बीजेपी के एक ओर कदृदावर नेता खासे बैचेन हो गए। वो भी अपने बेटे सक्रिय राजनीति में लाना चाहते हैं, लेकिन वंशवाद ने उनके राह का रोड़ा बना हुआ है। इसलिए बेटे को संगठन में एंट्री कराने की जुगत में लगे हुए हैं। 





महाकाल लोक के ब्रांड इमेज की चिंता





महाकाल लोक की विश्वस्तरीय ब्रांडिंग के बाद यहां लाखों श्रद्धालु आ रहे हैं। इतनी ज्यादा संख्या में लोग आने से उज्जैन में जाम तो लग ही रहा है साथ में होटल में जगह न मिलने से श्रद्धालु भी परेशान हो रहे हैं। कैबिनेट में मुख्यमंत्री के सामने मंत्रियों ने चिंता जताई। कुछ मंत्रियों ने कहा कि हम गुजरात चुनाव में गए तो हमें देखकर लोगों ने जय महाकाल के नारे लगाकर स्वागत किया। ऐसे में हमें जल्द से जल्द वहां की व्यवस्थाएं और बेहतर करनी होंगी नहीं तो महाकाल लोक के ब्रांड इमेज डैमेज हो जाएगी। 





समधन का कमाल 





बीजेपी विधायक राहुल लोधी की विधायकी खतरे में लाने वाली पूर्व विधायक चंदा रानी गौर इन दिनों चर्चा में हैं। बहुत कम लोगों को मालूम है कि चंदा रानी गौर नेताप्रतिपक्ष डॉ गोविंद सिंह की समधन लगती हैं। उनकी इस लड़ाई में गोविंद सिंह ने खुलकर साथ दिया नतीजा हाईकोर्ट ने समधन के पक्ष में फैसला सुनाते हुए राहुल सिंह की सदस्यता समाप्त कर दी। इस पूरे एपिसोड के बाद माना जा रहा है कि अब गोविंद सिंह अपनी समधन को खरगापुर विधानसभा से 2023 में आसानी से टिकट दिलवा देंगे। हालांकि चंदा रानी 2013 में राहुल सिंह को हराकर एक बार विधायक बन चुकी हैं। 





टिवटर पर छलका आईपीएस का दर्द





एमपी के ईमानदार आईपीएस कैलाश मकवाना का दर्द आखिर छलक ही पड़ा। उन्होंने टवीटर पर यूपी के रिटायर्ड डीजीपी प्रकाश सिंह की फोटो पोस्ट कर लिखा है कि इनकी याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने पुलिस रिफॉर्म का आदेश करवाया था, लेकिन दुर्भाग्य से राज्य सरकारें इसका पालन नहीं कर रहीं। आपको बता दें पुलिस रिफॉर्म में सबसे अहम बात थी कि किसी को भी दो साल से पहले नहीं हटाया जाएगा, यदि सरकार इससे पहले तबादला करती है तो उसे उचित कारण बताना होगा। यहां तो मकवाना का साढ़े तीन साल में 7 बार तबादले हो चुके हैं। लोकायुक्त में भ्रष्टों पर नकेल कसना शुरु की तो सिस्टम में बैठे बड़े बड़े लोग हिल गए, नतीजा 6 माह में हटा दिया गया। वैसे भी किसी ने सही कहा है कि मंच से भ्रष्टों को निपटाने की बातें करना और ईमानदार अफसरों को प्रोत्साहित करने का ऐलान करना। ये राजनीति का चरित्र है, लेकिन हकीकत में ईमानदार अफसरों को एक कोने में पटककर ही सरकार कंफर्ट में रह पाती हैं।  





भोपाल का नीरव मोदी





भोपाल में भी एक नीरव मोदी मिल गए। भैय्या जी बैंक से 200 करोड़ का कर्ज लेकर लापता हैं। बैंक को जानकारी मिली ​तो भैय्या जी के साथ सांठ-गांठ कर करोड़ों का लोन देने वाले अफसरों के हाथ पैर फूल गए।  अपनी गर्दन बचाने के लिए बैंक अधिकारियों ने कारोबारी की मध्यप्रदेश और महाराष्ट्र की संपत्ति नीलाम करने की जाहिर सूचना जारी कर दी है। अंदरखानों की मानें तो कोयले की दलाली में काले हाथ करने वाले कारोबारी की पूरी संपत्ति का बाजार मूल्य 50 करोड़ से ज्यादा नहीं है। ऐसे में बैंक के 150 करोड़ डूबना तय हैं। 





एमपी में छाए हैं सपना-चौधरी





हरियाणा की मशहूर डांसर सपना चौधरी के बारे में तो आपने सुना ही होगा। हमारे प्रदेश में भी इन दिनों सपना और चौधरी छाए हुए हैं। समझ में नहीं आया, अरे हम बात कर रहे हैं आयुष्मान में हुए करोड़ों के झोल-झाल की। इस मामले में जांच भी शुरु हो गई, लेकिन मजाल है कि सपना और चौधरी तक जांच की आंच भी पहुंची हो। अंदरखाने से छन-छन कर आ रही खबरों को सही माने तो भैय्या इस मामले के झोल-झाल में बड़े-बड़े लोगों का हाथ ही नहीं सिर-पैर सब डूबा हुआ है। इसलिए सरकारी फाइलों की जांच में ही इसे दबाने की तैयारी हो गई है।



MP News BOL HARI BOL HARISH DIVEKAR बोल हरि बोल हरीश दिवेकर मप्र राजनीति MP Politics News वल्लभ भवन की खबरें मप्र में बेटों की राजनीति में एंट्री