जबलपुर साइंस यूनिवर्सिटी में विद्यार्थियोंस्टूडेंट्स का विरोध प्रदर्शन, परीक्षा नतीजे और भ्रष्टाचार को लेकर छात्रों का हल्ला बोल 

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Vivek Sharma
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जबलपुर साइंस यूनिवर्सिटी में विद्यार्थियोंस्टूडेंट्स का विरोध प्रदर्शन, परीक्षा नतीजे और भ्रष्टाचार को लेकर छात्रों का हल्ला बोल 

राजीव उपाध्याय, JABALPUR. जबलपुर मप्र आयुर्विज्ञान यूनिवर्सिटी में भ्रष्टाचार, परीक्षा और परिणाम समय पर घोषित नहीं होने को लेकर करीब एक हजार विद्यार्थियों ने विवि का घेराव करते हुए विरोध प्रदर्शन किया। इस मौके पर कुलपति को ज्ञापन सौंपा गया जिसमें छात्रों ने विवि में हो रहे भ्रष्टाचार की जानकारी देने के साथ छात्रों के भविष्य के साथ हो रहे खिलवाड़ को बंद करने की मांग रखी गई।  छात्र नेता अभिषेक पांडे ने बताया कि  मेडिकल विश्वविद्यालय में व्याप्त भ्रष्टाचार अनिमित्ताओं सत्र 20-21 नर्सिंग पैरामेडिकल के छात्रों की तीन वर्ष बीत जाने के बाद भी परीक्षाएं आयोजित नहीं कराने, जबकि संपूर्ण परीक्षा समय अवधि 3 या 4 वर्ष होती है। बीएएमएस अन्य सभी परीक्षाओं की परीक्षा के टाइम टेबल घोषित करने, परिणामों में हो रही धांधली, कार्यपरिषद अमान्य करने,  गीली कॉपी की जांच ,परीक्षा परिणाम की बार बार बदलने, महाविद्यालय विशेष के परिणाम जारी करने, एकेडमिक केलेंडर सहित छात्रों की अन्य समस्याओं से जूझते मेडिकल यूनिवर्सिटी के विधार्थियों के मुद्दे को लेकर मेडिकल विश्वविद्यालय में विरोध प्रदर्शन किया गया। 



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इन मांगों को लेकर कुलपति को सौंपा ज्ञापन




  •  सत्र 2019 से आज दिनांक तक 31 बार समय सारणी परिवर्तित की गई एवं सत्र 15 माह विलम्ब से चल रहा है। उपरोक्त सत्र में प्रवेश हेतु विद्यार्थियों का टाइम टेबल भी दो बार निरस्त किया गया एवं तीसरी बार जारी कर दो माह बाद परीक्षाएं आयोजित करने हेतु टाइम टेबल घोषित किया गया जो कि एक अक्षम परीक्षा नियंत्रक की कार्यक्षमता को दर्शाता है अत: तत्काल संशोधित परीक्षा सारिणी घोषित कर 15 दिन बाद परीक्षाएं आयोजित कराई जाए ।


  •  विश्वविद्यालय स्थापना के पश्चात आज दिनांक तक एकेडमिक कैलेंडर घोषित नही किया गया जो विश्वविद्यालय के अक्षम नियंत्रक की कार्यप्रणाली दर्शाता है । अत: शीघ्र ही एकेडमिक केलेंडर घोषित किया जाए ।

  • युनिवर्सिटी द्वारा नर्सिंग पैरामेडिकल के सत्र 2018-19, 2019-20, 2020-21 की संबद्धता सत्र समाप्त होने के पश्चात वर्ष 2022 में नियम विरूद्ध प्रवेश प्रदान करने का अवैध कारनामा किया गया है। निजी महाविद्यालयों के संबद्धता प्रकरण सत्र समाप्त होने के बाद भी साठ-गांठ से करोड़ों खेल करके कार्य परिषद् में रखकर खुलेआम भ्रष्टाचार किया जा रहा है। ऐसे महाविद्यालय जिनका सत्र समाप्त होने के पश्चात सत्र 2022 में पिछले सत्रों की संबद्धता दी गई है उनकी संबद्धता तत्काल समाप्त करके संबंधित अधिकारी के विरूद्ध कड़ी कार्यवाही की जाये।

  •  यूनिवर्सिटी द्वारा नर्सिंग पेरामेडिकल महाविद्यालयों में अध्ययनरत छात्रों का नामांकन करने में अनियमितता की जा रही है अध्ययनरत् छात्रों का नियमानुसार नामांकन अधिसूचना के अंतिम दिन के पश्चात् प्रारंभ हो जाना चाहिये परन्तु युनिवर्सिटी द्वारा निजी महाविद्यालयों को लाभ पहुंचाने के लिये दो-दो साल तक नामांकन नहीं किया जाता है और कॉलेज संचालकों से युनिवर्सिटी अधिकारियों द्वारा सांठ-गांठ करके परीक्षा प्रारंभ होने के पहले तक खाली सीटों पर प्रवेश देकर एवं नाम बदलकर नामांकन प्रक्रिया पूर्ण की जाती है। नामांकन प्रक्रिया में जान-बूझकर विलम्ब करके भ्रष्टाचार करने वाले अधिकारी को तत्काल निलंबित किया जाये।

  •  युनिवर्सिटी द्वारा किसी भी छात्र की परीक्षा निर्धारित समय पर सत्र समाप्ति पर नहीं कराई जा रही हैं अपितु परीक्षा आवेदन में दो से तीन वर्ष का विलम्ब किया जा रहा है। इसका मुख्य कारण सम्बद्धता एवं नामांकन की संबंधित सत्र की तिथियां समाप्त हो जाने के बाद भी निजी महाविद्यालयों के सम्बद्धता आवेदन अवैध रूप से प्राप्त करके एवं अवैध प्रवेशित छात्रों के नाम बदलकर नामांकन करने हेतु सम्बद्धता प्रक्रिया को जानबूझकर दो से तीन वर्ष तक विलंबित किया जाता है।

  •  संबद्धता एवं नामांकन में विलम्ब करके परीक्षा तिथियों को 2 वर्ष बाद घोषित किया जाता है परंतु फिर भी सम्बद्धता एवं नामांकन से और कमाई के लालच में अधिकारियों द्वारा टाइम टेबल बार-बार बदला जाता है । सत्र 2022 में परीक्षा में हुए विलम्ब के दोषी परीक्षा नियंत्रक को तत्काल बर्खास्त किया जाए।

  • विश्वविद्यालय में कापी गीली होने के घटना की जांच कमेटी गठित होने पर इंटरनल जांच कर साक्ष्यों को छुपाया एवं नष्ट किया जाता है और ई.सी. को शून्य घोषित कर दिया जाता है । नर्सिंग एवं पैरामेडिकल में छात्र विगत तीन वर्षो से एक ही कक्षा में अध्ययनरत् है जबकि उक्त पाठ्यक्रम की अवधि तीन-चार वर्ष की है।


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