भोपाल में अवैध शिकार के मामले में प्यारे मियां और बेटे शाहनवाज को सजा, कोर्ट ने 3 साल की सजा और 25 हजार का जुर्माना लगाया

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Jitendra Shrivastava
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भोपाल में अवैध शिकार के मामले में प्यारे मियां और बेटे शाहनवाज को सजा, कोर्ट ने 3 साल की सजा और 25 हजार का जुर्माना लगाया

BHOPAL. बच्चियों से दुराचार कर उनका गर्भपात करवाने के मामले में आजीवन कारावास की सजा काट रहे भोपाल के प्यारे मियां को और उनके बेटे शाहनवाज को कोर्ट ने एक अन्य मामले में तीन-तील साल की सजा और  25-25 हजार का जुर्माना लगाया है। 





प्यारे मियां बच्चियों से दुराचार के मामले सजा काट रहा है





आपको बता दें कि प्यारे मियां को पहले ही बच्चियों से दुराचार कर उनका गर्भपात करवाने के मामले सजा सुनाई जा चुकी है। इन मामलों की छानबीन के दौरान ही पुलिस ने प्यारे मियां के ठिकानों पर सर्च किया था, जहां सर्चिंग के दौरान वन्य प्राणी सांभर के सिंग की ट्रॉफी मिली थी। जांच के दौरान ये अवैध शिकार का मामला सामने आया था। इस मामले में पुलिस ने रिपोर्ट दर्ज कर कोर्ट में पेश किया। सुनवाई में प्यारे मियां और पुत्र शाहनवाज दोषी पाए गए। जिसके बाद कोर्ट ने दोनों को तीन-तीन साल की सजा और 25-25 हजार का जुर्माना से दंडित किया।





प्रकरण में कोर्ट ने इन बिंदुओं पर सजा सुनाई





1. ई- 402 अंसल अपार्टमेंट थाना श्यामला हिल्स भोपाल में वन्य प्राणी सांभर जो कि वन्य प्राणी संरक्षण अधिनियम में वन्य प्राणी का अवैध रूप से शिकार कर मारकर उसके अंगों से ट्रॉफी बनाकर बिना पंजीयन के अपने पास रखा। 





2. वन्य प्राणी संरक्षण अधिनियम में विवेचना के दौरान गवाहों के कथन लिए गए। इसके बाद अभियोग वन्य प्राणी संरक्षण अधिनियम 1972 की धारा 9, 39, 49 (बी), 50, 51, 52 में इसे कोर्ट में प्रस्तुत किया गया।





3. फरियादी राजकरण चतुर्वेदी ने अपने कथन में बताया है कि वह वन परिक्षेत्र उड़नदस्ता के पद पर कार्यरत है। 14 जुलाई 2020 को अंसल अपार्टमेंट श्यामला हिल्स भोपाल के फ्लेट नंबर ई-402 में मय स्टाफ मौके पर पहुंचे जहां फ्लेट में छापामार कार्यवाही की। जांच करने के दौरान उक्त फ्लेट में एक सांभर की सींग पाई थी।





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4. सभी तरह की जांच के बाद आरोपी प्यारे मियां के विरुद्ध वन्य प्राणी संरक्षण अधिनियम के अंतर्गत परिवाद पत्र न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत किया था। 11 फरवरी 2021 को आरोपी शाहनवाज उर्फ बिट्टू को थाना श्यामला हिल्स में उसके विरुद्ध दर्ज अन्य अपराधों में गिरफ्तार कर न्यायालय में पेश किया था। 





5. गवाह हरिशंकर शर्मा ने फरियादी राजकरण चतुर्वेदी का समर्थन करते हुए कोर्ट में कहा कि वह 2020 में वनपरिक्षेत्र उड़नदस्ता सामान्य वन मंडल, भोपाल में वनपाल के पद पर पदस्थ था। जब वह लोग अंसल अर्पाटमेंट श्यामला हिल्स भोपाल के फ्लेट नंबर ई-402 में तब श्यामलाहिल्स पुलिस और राजस्व विभाग द्वारा उक्त फ्लेट में कार्यवाही की जा रही थी। पुलिस थाना श्यामलाहिल्स की पुलिस और राजस्व की टीम को उक्त फ्लेट पर वन्य प्राणी की ट्राफी जांच के दौरान मिली थी।





6. साक्षी हरिशंकर शर्मा ने अपने कथन में बताया कि जांच के दौरान मौके पर जप्तशुदा वन्य प्राणी ट्रॉफी को वन परिक्षेत्राधिकारी ने विशेषज्ञ परीक्षण के लिए स्कूल ऑफ वाईल्ड लाईफ फॉरेन्सिक एण्ड हेल्थ नानाजी देशमुख वेटनरी साईंस जबलपुर भेजा था। 22 जुलाई 2020 को कोर्ट के सामने जप्तशुदा ट्रॉफियों को खोलकर निरीक्षण करने के बाद फिर सीलबंद कर दिया था। संबंध में उसके और अन्य साक्षियों के सामने लेख किया था जिस पर उसके हस्ताक्षर तथा अन्य साक्षियों ने भी उसके सामने हस्ताक्षर करना बताया है।



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