Jabalpur. मध्यप्रदेश में नर्सिंग कॉलेजों के फर्जीवाड़े ने काफी सुर्खियां बटोरी हैं। हाईकोर्ट में दायर याचिकाओं के बाद हुई जांच में इसका खुलासा हुआ और टपरेनुमा बिल्डिंगों में चल रहे नर्सिंग कॉलेजों की मान्यता और संबद्धता निलंबित और फिर निरस्त कर दी गई। इसके बाद नए सिरे से सभी के सत्यापन के आदेश दिए गए थे। अधिकांश नर्सिंग कॉलेजों के संचालक बिना किसी सुधार और मापदंडों को पूरा किए बिना फिर से कॉलेज खोलने की कोशिश में जुटे हुए हैं। मेडिकल यूनीवर्सिटी भी चिकित्सा शिक्षा मंत्री के आदेश पर इन कॉलेजों को दोबारा संबद्धता प्रदान करने बैठक में पुनर्विचार करने जा रही है।
परीक्षा और परिणाम पर भी होगी चर्चा
ईसी की बैठक में परीक्षाओं और उनके परिणामों को लेकर भी गर्मागर्म चर्चा होने के कयास लगाए जा रहे हैं। हाल ही में छात्र संगठनों के उग्र प्रदर्शन के बाद काफी विवाद की स्थिति बनी थी। परीक्षा और परिणाम में देरी से छात्रों का पूरा एक साल बर्बाद होने की कगार पर है।
चिकित्सा शिक्षा मंत्री ने दिए हैं निर्देश
चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग ने 22 दिसंबर को बैठक कर इस मामले में चर्चा की थी। विश्वविद्यालय ने इस समस्या से निपटने के लिए परीक्षा बोर्ड गठित करने का प्रस्ताव दिया है। जिसके बाद ईसी की बैठक के एजेंडे में एंड टू एंड एग्जाम मैनेजमेंट सिस्टम की सेवाएं लिए जाने पर भी विचार किया जाना है। साथ ही एमपी ऑनलाइन से शिकायत प्रबंधन तंत्र बनाने पर भी चर्चा की जाएगी। कुलपति, कुलसचिव और नियमित कर्मचारियों के आवास के रखरखाव के काम को भी बैठक के एजेंडे में शामिल किया गया है।