Jabalpur. जबलपुर में शैक्षणिक संस्थाओं में करोड़ों की घपलेबाजी के मामले में बर्खास्त किए गए बिशप पीसी सिंह से सांठगांठ करने वाले तत्कालीन रजिस्ट्रार बीएस सोलंकी पर कार्रवाई करने ईओडब्ल्यू बेताब है। ईओडब्ल्यू ने इस मामले की जांच पूरी कर चार्जशीट तैयार कर ली है। जांच रिपोर्ट शासन को भेजकर सोलंकी के खिलाफ अभियोजन की स्वीकृति मांगी गई है। माना जा रहा है कि अभियोजन की स्वीकृति मिलते ही बीएस सोलंकी को अरेस्ट कर अदालत में चार्जशीट पेश कर दी जाएगी।
फर्जी दस्तावेजों के जरिए बनाया था नया बोर्ड
बता दें कि नागपुर बोर्ड ऑफ एजुकेशन का गठन 1959 में किया गया था जिसके अंतर्गत छत्तीसगढ़ और जबलपुर के सभी स्कूल और संस्थाएं नागपुर एजुकेशन बोर्ड के अधीन थीं। इस एजुकेशन बोर्ड को फर्जी दस्तावेज के आधार पर बर्खास्त बिशप पीसी सिंह ने तत्कालीन फर्म एवं संस्थाएं रजिस्ट्रार बीएस सोलंकी से सांठगांठ कर नए बोर्ड का गठन करवा लिया था।
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इंदौर में पदस्थ है बीएस सोलंकी
इस मामले की जांच पूरी होने के बाद ईओडब्ल्यू ने पीसी सिंह और बीएस सोलंकी के खिलाफ मामला दर्ज किया था। बीएस सोलंकी के खिलाफ जांच रिपोर्ट शासन को भेजी गई है। सोलंकी फिलहाल इंदौर में फर्म एवं संस्थाएं रजिस्ट्रार के रूप में पदस्थ है। इसलिए शासन से अनुमति लिया जाना जरूरी था। इस फर्जीवाड़े में बर्खास्त बिशप पीसी सिंह उसके करीबी सुरेश जैकब, बिशप के बेटे पीयूषपाल सिंह की गिरफ्तारी की गई थी।
यह था मामला
दरअसल ईओडब्ल्यू ने 8 सितंबर 2022 को बिशप पीसी सिंह के घर छापेमार कार्रवाई की थी। जिसमें उसे 1 करोड़ 65 लाख नगदी, 18 हजार से ज्यादा की विदेशी करेंसी और करीब 80 लाख के जेवरात बरामद हुए थे। इसके अलावा करोड़ों रुपयों की एफडी समेत अनेक दस्तावेज बरामद किए गए थे। इस मामले में 11 सितंबर को ही बिशप पीसी सिंह को नागपुर से अरेस्ट कर लिया गया था। मामले में उसके करीबी सुरेश जैकब और बेटे पीयूषपाल सिंह से भी काफी पूछताछ की गई थी।