जबलपुर में आरएसएस सरसंघचालक बोले- मिलकर रहें, कबीले में रहने से डरता है शत्रु, सनातन धर्म के आयोजन में हुए शामिल

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Rajeev Upadhyay
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जबलपुर में आरएसएस सरसंघचालक बोले- मिलकर रहें, कबीले में रहने से डरता है शत्रु, सनातन धर्म के आयोजन में हुए शामिल

Jabalpur. राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत का मंगलवार को जबलपुर आगमन हुआ। इस दौरान डॉ.मोहन भागवत ने अपने निर्धारित कार्यक्रम के तहत नरसिंह मंदिर में साकेतवासी डॉ. श्याम देवाचार्य के श्रीविग्रह का लोकार्पण मंगलवार की सुबह किया। कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच डॉ. भागवत सीधे मंदिर परिसर पहुंचे। यहां प्रवेश द्वार के बाएं हाथ पर स्वामी रामचंद्र महाराज की प्रतिमा के बाजू में श्रीविग्रह का लोकार्पण डॉ. भागवत ने किया।



भागवत बोले- मिलकर रहें सनातनी




संतों के पास मार्गदर्शन के लिए सभी जाते हैं। महाराज जी की प्रस्तावना से सारे चरित्र की व्याख्या की।भारत वर्ष विश्व कल्याण और मानव उत्थान का साधन है। भारत वर्ष सनातन काल से है। सृष्टि के आरम्भ से ही भारत वर्ष का प्रयोजन है। अपना अपना प्रयोजन प्राप्त करने के बाद सभी की इति हो जाती है भारत का प्रयोजन राष्ट्र के साथ विश्व कल्याण है इसलिए इसकी इति असंभव है। हम सभी को मिलकर रहना चाहिए जिससे ताकत बढ़ती है। कबिले में रहने से शत्रु डरता है। राजा भगवान के अधीन है। पंथ के आदेश पर सभी चलते हैं। भगवान का साक्षात्कार महापुरुष को होता है।भारत एकमात्र देश है जिसने भगवान के हर स्वरूप को माना कभी भी किसी भगवान के स्वरूप को लेकर लड़ाई नहीं की। 




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  • मोहन भागवत ने कहा कि पर्यावरण संरक्षण के लिए एक मत होना चाहिए। भाषा, धर्म, पंथ संप्रदाय के नाम पर देश बनें लेकिन भारत वैभव के शिखर पर जाकर अंदर जाकर देखने लगे और सत्य और शांति की खोज की। एकमात्र भारत है जो सारी दुनिया को एक मानता है। सनातन संस्कृति सबको जोड़ती है । सनातन धर्म के आधार पर सारा विश्व चल रहा है। हर चार वर्ष बाद एक परंपरा आती है जिसमें अलग अलग बातें होती हैं सिर्फ भारत बताता है कि सभी एक है। भारत जीवन्त है इस कारण से विश्व के कोने-कोने की परंपराएं भारत में अपने आप को सुरक्षित मानती हैं। सत्य पर आधारित आचरण के कारण ही भारत आज भी जीवंत है। हमारे हिन्दू, सनातन धर्म को सर्व कल्याण की भावना मिली है।



    योगी आदित्यनाथ के आगमन पर असमंजस




    उधर इस कार्यक्रम में गोरखनाथ पीठ के महंत के बतौर योगी आदित्यनाथ को भी आना था, लेकिन उत्तरप्रदेश के हालात और संवेदनशील घटनाक्रम के चलते उनके आगमन पर प्रश्नचिन्ह लगा हुआ है। बीजेपी के आला पदाधिकारी भी यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के तय कार्यक्रम के संबंध में यह पुष्टि नहीं कर पा रहे हैं कि वे आएंगे या नहीं आएंगे। 


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