/sootr/media/post_banners/1013316c5acfd5a9ba65558123e04025f9c339438d72ca1fd878cfa9c10c4c34.jpeg)
Dindori. नर्मदा नदी में गंदगी का हाल जानने के लिए डिंडौरी में एनजीटी द्वारा गठित सात सदस्यीय टीम ने डिंडौरी पहुंचकर नदी में मिल रहे गंदे नालों की स्थिति देखी और नदी के पानी का सैंपल भी लिया। इसके बाद सभी गंदे नालों, श्मशान और ट्रेचिंग ग्राउंड समेत कंपोस्ट यूनिट का भी निरीक्षण किया। इस दौरान श्मशान में अव्यवस्था देखकर नगर परिषद डिंडौरी के सीएमओ सत्येंध सालवार को फटकार लगाई।
रहंगी स्थित एमआरएफ और कंपोस्ट यूनिट का भी टीम ने निरीक्षण किया। कचरे के प्रबंधन का निरीक्षण कर जांच दल न्यायालय में अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करेगा। राष्ट्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के सदस्य, वैज्ञानिक व टीम प्रमुख योगेंद्र सक्सेना ने बताया कि प्रदूषण के तथ्यात्मक सत्यापन के लिए टीम ने निर्माणाधीन सीवर ट्रीटमेंट प्लांट, एसटीपी यूनिट, सेग्रिगेशन प्लांट समेत नर्मदा में मिल रहे गंदे नालों का निरीक्षण किया।
याचिकाकर्ता सम्यक जैन ने टीम को बताया कि सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट का काम 2017 में शुरू किया गया था। इसके लिए 32 करोड़ रुपए भी स्वीकृत किए गए थे, लेकिन कार्य अधूरा है। निर्माण में मनमानी भी की गई है। कई घरों को अब तक मुख्य नाले से नहीं जोड़ा गया है। ऐसे में प्लांट बनाने का कोई औचित्य नहीं है।
इस दौरान टीम ने शहर के अनेक इलाकों में लगे हुए गंदगी के ढेर और घाटों की गंदगी को भी देखा। जो कि नर्मदा में मिलकर प्रदूषण को फैलाने का कारक बनता है। दरअसल डिंडौरी में नर्मदा में मिल रहे गंदे नालों को लेकर दायर याचिका के बाद एनजीटी ने टीम गठित कर जांच रिपोर्ट प्रस्तुत करने के निर्देश दिए हैं जिसके चलते दल ने यह निरीक्षण किया।