इंदौर के बीजेपी नेता सत्यनारायण सत्तन की कविता- मैं तो बस चेहरे पढ़ता हूं, अच्छे दिन लाने वाले चेहरे

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Jitendra Shrivastava
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इंदौर के बीजेपी नेता सत्यनारायण सत्तन की कविता- मैं तो बस चेहरे पढ़ता हूं, अच्छे दिन लाने वाले चेहरे

INDORE. अपनी कविताओं से बड़े-बड़े नेताओं पर निशाना साधने वाले बीजेपी के वरिष्ठ नेताओं में शामिल और वयोवृद्ध कवि सत्यनारायण सत्तन ने फिर एक बार बीजेपी नेताओं पर धावा बोला है। कई बार समय-असमय सत्तन ने पहले भी कविताओं के द्वारा सरकारों पर कटाक्ष कर उन्हें आड़े हाथों लिया है। 



कौन हैं सत्तन?



सत्यनारायण सत्तन राष्ट्रवादी कवि और बीजेपी के वरिष्ठ नेता हैं, विधायक भी रह चुके हैं। सत्तन मौजूदा घटनाक्रमों पर तत्काल प्रतिक्रिया देने से नहीं चूकते। वे बीजेपी की केंद्र की सरकार या राज्य की सरकारों की खिंचाई करने में भी पीछे नहीं रहते। सत्तन को मप्र सरकार ने कैबिनेट मंत्री का दर्जा दिया हुआ था, लेकिन उपेक्षा की वजह से उन्होंने ये पद छोड़ने में पल भर की देरी नहीं लगाई। अपनी कविताओं के जरिए वो कई बार केंद्र और राज्य सरकार को आड़े हाथ ले चुके हैं।



अबकी बार सत्तन ने बीजेपी सरकार पर ही निशाना साधा है



इंदौर गौरव दिवस मनाने को लेकर यहां के वरिष्ठ बीजेपी नेता सत्यनारायण सत्तन ने बीजेपी सरकार पर निशाना साधा है। सत्तन ने शिवराज सरकार को मिली-जुली सरकार बता डाला। ये भी कहा कि गौरव दिवस के लिए कमेटी भी निर्धारित लोगों से बनेगी। सब सरकार तय कर लेगी तो हमारा समय क्यों खराब किया।



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पहले भी बोल चुके हैं सत्तन



हमने तो माता अहिल्या गुणगान किया। माता अहिल्या पूजनीय हैं, वंदनीय हैं। उनके नाम पर अगर गौरव दिवस होता है तो हमें कोई आपत्ति नहीं है। रहा सवाल इंदौर की स्थापना का तो इस संबंध में तो कोई बात हुई नहीं। स्थापना में राव नंदलाल जी का योगदान है, वहां से शुरू होता है। लेकिन आज की तारीख में इन्हें गौरव दिवस मनाना है, जिस तरह देश में नगरों के नाम बदले जा रहे हैं, नई मान्यताएं स्थापित की जा रही है। 



हमारा समय क्यों बेकार किया



ऐसे में इंदौर का गौरव दिवस मनाने का संकल्प मध्य प्रदेश की मिली-जुली सरकार ने लिया है। जब सब सरकार तय कर लेगी तो हमारा समय क्यों बेकार किया। अब बैठकर कमेटी बनेगी, कमेटी में भी वो ही लोग आएंगे, जो निश्चित निर्धारित हैं, जो अनुमोदित हैं, इसका कोई मतलब नहीं है। शिवराज जी ने हुक्म दे दिया, इधर पालन हो गया। निर्णय भी ये ही लोग करेंगे।



नवंबर में भी हुआ था विवाद



बीजेपी के प्रदेश प्रभारी मुरलीधर राव ने 8 नवंबर को कहा कि मेरी एक जेब में ब्राह्मण हैं तो दूसरी जेब में बनिया। इस पर सत्यनारायण सत्तन कविता लिखी थी। उन्होंने लिखा- अपनी जेब में जितना भी भरो आप, लेकिन भाजपा की डुबावो मत नाव जी। 


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