SATNA. सतना में एक कमाल का धोखाधड़ी का मामला सामने आया है। जिसमें नगर निगम के एक आदिवासी सफाईकर्मी से सूदखोर ने पांच हजार रुपए के बदले 40 हजार रुपए से ज्यादा वसूल लिए। और इस वसूली के मामले में आरोपी से लेकर सतना नगर निगम और स्टेट बैंक तक के अफसर और कर्मचारी धोखाधड़ी में शामिल हो गए। अब मामला खुल गया है तो सबकी नजर इस पूरे मामले में शामिल लोगों पर कार्रवाई की ओर है।
आरोपी 10 साल से कर रहा धोखाधड़ी
इस पूरे मामले में सबसे बड़ी बात यह रही कि पिछले 10 साल ने आरोपी मनीष पांडेय (40) नगर निगम और एसबीआई के कर्मचारियों से साठगांठ कर धोखाधड़ी करता रहा और पकड़ में नहीं आया। यानी नगर निगम और बैंक के कर्मचारियों और अफसरों से कमाल की सेटिंग कर रखी थी आरोपी ने। जो धोखाधड़ी करता रहा।
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धमकाकर पासबुक और चेक बुक भी ले ली थी आरोपी ने
खुलासे के बाद पता चला है कि आरोपी मनीष ने आदिवासी सफाईकर्मी को धमकाकर उसके कई कागजों पर साइन करा लिए थे। इसके अलावा बैंक पासबुक और चेक बुक भी छीन ली थी। उसे इतना धमका रखा कि आरोपी जब भी उसे सतना बुलाता तो वह चला आता था। इस तरह आरोपी ने आदिवासी के खाते से 10 साल में करीब 40 लाख रुपए सैलरी के निकाल लिए। इस दौरान आरोपी ने आदिवासी कर्मचारी के नाम से बैंक में कई अकाउंट खलवा रखे थे। इसके बाद उन खातों के द्वारा आरोप अपन ऐशो आराम की व्यवस्थाएं करता रहा। उसने इन्हीें खातों के द्वरा लोन लेकर एक बुलट फाइनेंस कराई और कई अन्य लोन भी ले लिए।
बैंक कर्मी घर पहुंचे तब हुआ खुलासा
दिसंबर 2022 में आईडीएफसी फर्स्ट बैंक रीवा के कर्मचारी श्यामबिहारी आदिवासी को खोजते हुए चाकघाट के पास रजहा गांव पहुंचे। इसके बाद पता चला की आदिवासी के नाम से आरोपी मनीष ने बुलेट गाड़ी के लिए लोन फाइनेंस करा रखा है। इसके बाद आदिवासी ने एक रिश्तेदार के साथ रीवा पहुंचकर पूरे मामले की शिकायत की। इसके बाद मामले का खुलासा हुआ।
सैलरी आते ही निकाल लेता था रकम
आदिवासी के वकील ने आरोप लगाया कि मनीष बेहद शातिर है। वह श्याम आदिवासी की सैलरी आते ही कुछ दिनों में एटीएम से 10 से 11 हजार रुपए निकाल लेता था। मनीष ने 22 अगस्त 2022 में लोन लेकर 1.89 लाख रुपए निकाले हैं। दो दिन बाद दूसरा लोन 1.44 लाख रुपए का ले लिया। आरोपी ने बुलेट गाड़ी भी आदिवासी के नाम से ही फाइनेंस करा रखी है।
7 माह में निकाले 5.49 लाख, खाते में केवल 65 रुपए बचे
भारतीय स्टेट बैंग ऑफ इंडिया के एक अकाउंट से 7 महीने में 5.49 लाख रुपए निकाले गए। वर्तमान में उस अकाउंट में मात्र 65 रूपए बचे हैं। आरोपी ने आदिवासी के नाम बैंक ने पांच खाते खोल रखे हैं।
आरोपी की सतना स्टेट बैंक के अफसरों से साठगांठ
आरोपी मनीष पांडेय की स्टेट बैंक सतना की मुख्य शाखा में अफसरों से साठगांठ थी। इससे उसने सफाई कर्मचारी श्याम बिहारी के नाम पर एक ही बैंक में पांच खाते खुलवा लिए हैं। इनमें से चार खातों में लोन ले रखा है। मामले के खुलने के बाद सभी खाते होल्ड कर दिए गए हैं। बताते हैं आरोपी ने आधादर्जन से ज्यादा खाते खोलकर रखे हैं। किसी खाते से गाड़ी तो किसी खाते से लोन ले रखा है।