संजय गुप्ता, INDORE. आठ माह बाद होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर टिकट की दावेदारी की दौड़ तेज हो गई है। विधानसभा पांच में भी कांग्रेस में यह दौड़ पूर्व विधायक सत्यनारायण पटेल और स्वप्निल कोठारी के बीच चल रही है। दोनों ही नेता भारत जोड़ो यात्रा के समय से ही इसके लिए सक्रिय हो गए थे। दोनों ने ही अलग-अलग बोर्ड में खुद को विधानसभा पांच का नेता जताया था। हालांकि विधानसभा पांच में कोठारी के अभी कोई बड़े आयोजन नहीं हुए हैं, लेकिन वह अपनी यूनिवर्सिटी की टीम का सहयोग लेते हुए इंटरनल तैयारी करने में जुटे हुए हैं और अपनी एक लॉबी तैयार कर रहे हैं। उधर, सत्तू ने अब आयोजनों की कमान संभाली है। उनका फोकस कथाओं की जगह मुख्य तौर पर भजन संध्या जैसे आयोजनों पर है। इसी कड़ी में वह रविवार (12 मार्च) को रगंपचंमी पर अनूप जलोटा की भजन संध्या कराने जा रहे हैं। इसी महीने में दो और भजन गायकों के आयोजनों की तैयारी वह कर रहे है।
आयोजन से पहले निगम से हुआ विवाद
गीता रामेश्वरम् पारमार्थिक न्यास के माध्यम से भजन संध्या शाम 6 बजे, टेलीफोन नगर के शेरिंगवुड स्कूल परिसर में आयोजित की जा रही है। कथा सत्तू करा रहे हैं। इस अवसर पर क्षेत्र के समाजसेवियों को भी सम्मानित किया जाएगा। पहले भजन संध्या का आयोजन साकेत नगर स्थित ग्राउण्ड में किया जाना था। इसकी बकायदा सभी अनुमति और सहयोग राशि और तमाम औपचारिकताओं को पूरा किया गया। इसके बाद वहां मुरम डलवा दी गई। इसके बाद संस्था ने टेलीफोन नगर के शेरिंगवुड स्कूल परिसर में रखा गया।
क्यों पांच नंबर से टिकट चाहते हैं कांग्रेसी
विधानसभा पांच पर भले ही 2003 विधानसभा चुनाव से कांग्रेस जीत नहीं सकी है, लेकिन 2018 के चुनाव में यहां पर बीजेपी के महेंद्र हार्डिया को मात्र 1132 वोट से जीत मिली थी और सत्तू विधायक बनते-बनते रह गए। लेकिन वह एक बार इस सीट से चुनाव जीत चुके हैं और देपालपुर से भी जीत हासिल कर चुके हैं। देपालपुर में कांग्रेस से ही विशाल पटेल विधायक है, ऐसे में वहां टिकट बदलना मुश्किल है। ऐसे में सत्तू को यहीं से टिकट चाहिए। वहीं यहां अल्पसंख्यक वोट अधिक होने से कांग्रेसियों को जीत की अधिक उम्मीद बंधी रहती है। वहीं इस बार बीजेपी से भी टिकट बदलने की संभावना प्रबल है, ऐसे में बीजेपी से भी नया दावेदार सामने रहेगा।
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सत्तू हाईकमान और कोठारी कमलनाथ के भरोसे
सत्तू ने हाल के समय में सीधे दिल्ली हाईकमान से निकटता पा ली है। भारत जोड़ो यात्रा के समय भी प्रियंका गांधी और उनके बेटे के आने-जाने रहने की व्यवस्था उन्होंने ही कराई थी। वह राष्ट्रीय सचिव भी है। साथ ही दिग्विजय सिंह का भी वरदहस्त उन्हें मिला है। उधर कोठारी प्रदेश कमेटी में हैं, वह पूरी तरह से कमलनाथ के भरोसे हैं। ऐसे में इस सीट के लिए टिकट किसे मिले इसके लिए दबाव दो तरफा होने जा रहा है।