BHOPAL. शिवराज या महाराज। इस बात को लेकर बीजेपी में लड़ाई छिड़ गई है। शिवराज के समर्थक भले ही उनको अगला सीएम मान रहे हों लेकिन दूसरे धड़े ने सिंधिया का नाम आगे बढ़ाना शुरू कर दिया है। अब सवाल ये पैदा हो रहा है कि क्या शिवराज को चौथी बार सीएम बनाने वाले सिंधिया ही उनकी राह में रोड़ा बन रहे हैं। 2018 में माफ करो महाराज, हमारा नेता शिवराज का नारा लगाने वाली बीजेपी के अंदर ही हमारा नेता महाराज की मांग उठने लगी है।
बढ़ रही हैं सीएम शिवराज की मुश्किलें
जैसे-जैसे विधानसभा चुनाव करीब आ रहे हैं वैसे-वैसे सूबे के मुखिया शिवराज सिंह चौहान की मुश्किलें बढ़ रही हैं। उनकी ये मुश्किलें बढ़ा रहे हैं खुद उनकी टीम में शामिल सिंधिया के सिपहसालार। ज्योतिरादित्य सिंधिया के साथ बीजेपी सरकार में मंत्री बने उनके समर्थको से जब द सूत्र ने पूछा कि क्या अगला चुनाव शिवराज सिंह चौहान की लीडरशिप में लड़ा जाएगा तो किसी ने भी उनका नाम नहीं लिया। उन्होंने कहा कि चुनाव किसके चेहरे पर होगा ये तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तय करेंगे। महेंद्र सिंह सिसोदिया, प्रद्युम्न सिंह तोमर, बृजेंद्र सिंह यादव और इमरती देवी से द सूत्र ने बात की लेकिन किसी ने भी शिवराज सिंह चौहान का नाम 2023 के विधानसभा चुनाव में सीएम फेस के रूप में नहीं लिया।
सिंधिया समर्थक मुखर
सिंधिया समर्थक तो इस बात पर भी मुखर होने लगे हैं कि प्रदेश में सिंधिया के चेहरे पर चुनाव होने चाहिए। वे कहते हैं कि सिंधिया के चेहरे में आकर्षण है। उनकी बड़ी फैन फॉलोइंग है इसलिए उनके नाम पर ही बीजेपी को चुनावों में बड़ी सफलता मिल सकती है।
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बीजेपी में सबकुछ ठीक नहीं !
सिंधिया समर्थकों की इस बयानबाजी से इतना तो तय है कि बीजेपी के अंदर सबकुछ ठीक नहीं है। चुनाव के वक्त ये अंदरूनी घमासान बीजेपी के लिए मुश्किल पैदा कर सकता है।