रायसेन में बालिका के लिए देवदूत बनकर पहुंचीं SDOP अनिता प्रभा शर्मा, खून देकर बचाई जान

author-image
Rahul Garhwal
एडिट
New Update
रायसेन में बालिका के लिए देवदूत बनकर पहुंचीं SDOP अनिता प्रभा शर्मा, खून देकर बचाई जान

पवन सिलावट, RAISEN. रायसेन के सरकारी अस्पताल में जिंदगी और मौत के बीच झूल रही 19 साल की पूनम की बढ़ती बीमारी को लेकर परिजन परेशान हो रहे थे। पूनम को हीमोग्लोबिन की कमी थी। पूनम को बी पॉजिटिव (हीमोग्लोबिन) ब्लड की जरूरत थी। कई लोगों से अपील की लेकिन बी पॉजिटिव खून नहीं मिला।



देवदूत बनकर पहुंचीं अनिता प्रभा शर्मा



मौत से जूझ रही 19 साल की पूनम को बी पॉजिटिव खून की आवश्यकता थी। रायसेन की एसडीओपी अनिता प्रभा शर्मा देवदूत बनकर अस्पताल पहुंचीं और रक्तदान किया। पूनम की मां की आंखों से आंसू छलक उठे और धन्यवाद दिया।



'अपनी सेहत का ख्याल रखें'



एसडीओपी अनीता प्रभा शर्मा को जैसे ही सोशल मीडिया ग्रुप द्वारा पता चला कि पूनम को बी पॉजिटिव (हीमोग्लोबिन) की आवश्यकता है। वे फौरन अस्पताल पहुंचीं और अपना रक्त देकर बालिका की जान बचाने के लिए आगे आईं। उन्होंने लोगों से भी अपील की है कि वो खुद भी अपनी सेहत का ख्याल रखें ताकि ब्लड लेने की आवश्यकता ही ना पड़े। अगर किसी को रक्त की जरूरत पड़े तो रक्तदान जरूर करें।



ये खबर भी पढ़िए..



दो सौ दिन हैं हमारे पास, मिलकर जीत का संकल्प लें, कमलनाथ की 15 महीने की करतूतें लोगों को याद दिलाएं : सीएम



परिजन ने एसडीओपी अनीता प्रभा शर्मा को दिया धन्यवाद



पूनम के चाचा ने कहा कि बच्ची को हीमोग्लोबिन की कमी थी। हमने ब्लड के लिए ऑनलाइन जानकारी शेयर की थी। एसडीओपी अनीता प्रभा शर्मा का हमारे पास फोन आया और उन्होंने लड़की को ब्लड दिया। एसडीओपी अनीता प्रभा शर्मा को पूनम के परिजन ने धन्यवाद दिया। अनीता प्रभा शर्मा की बातें सुनकर लोग रक्तदान के प्रति जागरुक हुए।


लड़की को थी हीमोग्लोबिन की कमी लड़की को दिया खून SDOP अनिता प्रभा शर्मा ने किया रक्तदान रायसेन में पुलिस बनी रक्षक the girl had hemoglobin deficiency gave blood to the girl SDOP Anita Prabha Sharma donated blood Police became life saver in Raisen
Advertisment