दमोह में दिखने लगी जलसंकट की गंभीर समस्या, ग्रामीण बैलगाड़ियों पर ढो रहे पानी, 4 किमी तक पानी के लिए जद्दोजहद

author-image
Rajeev Upadhyay
एडिट
New Update
दमोह में दिखने लगी जलसंकट की गंभीर समस्या, ग्रामीण बैलगाड़ियों पर ढो रहे पानी, 4 किमी तक पानी के लिए जद्दोजहद

Damoh. बुंदेलखंड का दमोह जिला हमेशा गर्मियों में जलसंकट से जूझता है। जिले के हटा और तेंदूखेड़ा ब्लाक में सबसे अधिक पानी की समस्या रहती है। हटा ब्लाक  के भटिया बिजौरी गांव  में जलसंकट गहरा गया है। यहां पर केवल दो हैंडपंप पानी दे रहे हैं, लेकिन इससे ग्रामीणों की पूर्ति नहीं हो पा रही है। ऐसे में 850 से ज्यादा ग्रामीणों को जल की व्यवस्था करने के लिए संघर्ष करना पड़ रहा है। ग्रामीण 4 किमी दूर खेतों में बने कुंओं से बैलगाड़ी में पानी लाने के लिए मजबूर हैं।



आजादी के 75 साल बाद भी यह हाल



बिजौरी गांव के लक्ष्मण लोधी ने बताया कि गांव में पानी की किल्लत है। इसलिए ग्रामीणों को अल सुबह से लेकर देर रात्रि तक पानी की व्यवस्था करना पड़ रही है। एक ओर सरकार नल जल योजना, जल जीवन मिशन, कुएं सहित अन्य योजनाएं चलाकर गांवों में शत प्रतिशत पानी पहुंचाने का दावा कर रही है। दूसरी ओर हकीकत यह है कि कहीं पानी की कोई व्यवस्था ही नहीं है। एक अन्य ग्रामीण गोविंद ने बताया कि अधिकारी गांव में आकर समस्या नहीं देखते वे अपने कार्यालयों से रिपोर्ट वरिष्ठ अफसरों को भेजते रहते हैं। जबकि गांव में पानी का कोई स्थाई इंतजाम नहीं है इसलिए सुबह होते ही बैलगाड़ी पर टंकी रखकर पानी की तलाश में निकल जाते हैं।




  • यह भी पढ़ें 


  • जबलपुर में दिल दहलाने वाला मामला, शेयर ट्रेडर को आरा मशीन में काटा, लाश के 10 टुकड़े किए और नाले में फेंका,आरोपी ने भी खुदकुशी की



  • नदियां हैं पर वाटर सप्लाई पर नहीं दिया ध्यान




    वैसे तो दमोह जिले में कई नदियां हैं लेकिन बावजूद इसके बुंदेलखंड का यह जिला पानी के लिए तरसता रहता है। दमोह जिले में बरसात के दिनों में यही नदियां विकराल रूप धरकर ग्रामीणों को हलाकान कर देती हैं। यदि बाढ़ के समय बारिश के पानी को सहेजने की ओर सरकार गंभीरता से ध्यान दे तो शायद जिले में पानी की इतनी दिक्कत न हो। खासकर हटा और तेंदूखेड़ा की जल समस्या से निजात मिल सकता है। 



    पलायन को होते हैं मजबूर




    बता दें कि जिले के तेंदूखेड़ा ब्लाक के ग्रामीण अंचलों में जलसंकट के ऐसे हालात बनते हैं की ग्रामीण अपने जानवरों के साथ पलायन कर दूसरे जिले में चले जाते हैं और 4 महीने बाद ही गांव वापस आते हैं। ऐसी खानाबदोश जिंदगी जीने को मजबूर ग्रामीणों की इस समस्या पर किसी सरकार या जनप्रतिनिधी का ध्यान नहीं जाता। 


    Damoh News दमोह न्यूज़ Water crisis in Bundelkhand water being carried on bullock carts water struggle up to 4 km away बुंदेलखंड में जलसंकट बैलगाड़ियों पर ढो रहे पानी 4 किमी दूर तक पानी का संघर्ष