SHAHDOL. शहडोल जिले में एक ओझा द्वारा उपचार के नाम पर कथित तौर पर कई बार गर्म लोहे की छड़ से दागे जाने की वजह से तीन माह की एक और बच्ची की मौत हो गई। एक अधिकारी ने रविवार को इसकी जानकारी दी। अधिकारी ने बताया कि इसी के साथ पिछले चार दिन के अंदर इस ओझा द्वारा उपचार के नाम पर कई बार गर्म लोहे की छड़ से दागे जाने की वजह से दो मासूम बच्चियों की मौत हो चुकी है। उन्होंने कहा कि इन दोनों मामलों में जिले की सिंहपुर पुलिस ने 40 वर्षीय एक महिला ओझा के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है।
शुभी को निमोनिया होने के बाद ओझा ने गर्म सरिए से 20 जगह दागा
शहडोल के मुख्य चिकित्सा और स्वास्थ्य अधिकारी (सीएमएचओ) डॉ. आरएस पाण्डेय ने बताया कि सिंहपुर थाना क्षेत्र अंतर्गत सामतपुर निवासी सूरज कोल की तीन माह की बच्ची शुभी कोल को निमोनिया होने के बाद एक ओझा द्वारा लोहे के गर्म सरिया से शरीर में 20 जगह दाग दिया गया था। उन्होंने कहा कि उसे बुधवार को बिरसा मुंडा मेडिकल कॉलेज में भर्ती किया गया था, लेकिन शुक्रवार को परिजन इस बच्ची को लेकर निजी अस्पताल चले गए थे। पाण्डेय ने बताया कि शनिवार शाम को इस बच्ची की मौत हो गई है। इससे पहले सिंहपुर थाना क्षेत्र के ही ग्राम कठौतिया निवासी रोशनी कोल की ढाई माह की बच्ची रुचिका कोल की भी एक ओझा द्वारा उपचार के नाम पर 50 से अधिक बार गर्म लोहे की छड़ से दागे जाने की वजह से बुधवार को मौत हुई थी। रुचिका कोल की मौत के बाद उसके शव को दफना दिया गया था, लेकिन मौत के वास्तविक कारणों का पता लगाने के लिए शुक्रवार को शव कब्र से बाहर निकाला गया और शनिवार को पोस्टमार्टम कराया गया। शहडोल की जिलाधिकारी वंदना वैद्य ने बताया कि बिरसा मुंडा मेडिकल कॉलेज के चिकित्सकों की टीम ने शुक्रवार को कब्र से निकाली गई इस बच्ची के शव का पोस्टमार्टम किया है और सात दिन में विस्तृत रिपोर्ट आ जाएगी।
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2 शिशुओं की मौत के मामले में रमबतिया चर्मकार पर मामला दर्ज
उन्होंने कहा कि इस क्षेत्र में फैली दागने कि कुप्रथा को रोकने के प्रयास किए जा रहे हैं। वहीं, चार दिन के अंतराल में दो मासूम बच्चियों की मौत के बाद स्वास्थ्य विभाग ने विभागीय अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की है। सीएमएचओ डॉ. पाण्डेय ने बताया कि इस मामले में कठौतिया ग्राम व सामतपुर ग्राम की दो आशा कार्यकर्ताओं और इस क्षेत्र की आशा सुपरवाइजर को सेवा से मुक्त कर दिया गया है। उन्होंने बताया कि संबंधित क्षेत्र के विकासखंड चिकित्सा अधिकारी (बीएमओ) को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है, साथ ही चिकित्सा अधिकारी का मुख्यालय परिवर्तन कर दिया गया है। पाण्डेय ने यह भी कहा कि संबंधित क्षेत्र के खंड विस्तार प्रशिक्षक को भी वहां से हटा दिया गया है सिंहपुर पुलिस थाना प्रभारी एम पी अहिरवार ने बताया, ''गर्म लोहे की सरिया से दागने से 2 शिशुओं की मौत के मामले में पुलिस ने सामतपुर निवासी रमबतिया चर्मकार (40) के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है। उन्होंने कहा कि अभी आरोपी महिला की गिरफ्तारी नहीं हुई है।
2 फरवरी को एक दुधमुंही बच्ची को गर्म सलाख से 51 बार दागा
इससे पहले 2 फरवरी को भी अंधविश्वास के चलते एक दुधमुंही बच्ची की जान ले ली। निमोनिया के इलाज के नाम पर उसे 51 बार गर्म सलाखों से दागा गया था। कुछ दिन वह अस्पताल में जिंदगी व मौत से संघर्ष करती रही आखिरकार उसने दम तोड़ दिया। जब नवजात वेंटिलेटर पर संघर्ष कर रही थी, तब अधिकारियों ने उसे इस हाल में पहुंचाने वालों पर कोई कार्रवाई नहीं की। अब बच्ची की मौत के बाद जांच और कार्रवाई की बात कही जा रही है। बच्ची का इलाज करने वाले डॉक्टरों का कहना है कि मासूम को बार-बार झटके आ रहे थे, जैसे कोई उसे दाग रहा हो। उसे 51 बार गर्म सलाखों का दागा गया था। इस कारण उसकी मेडिकल कॉलेज अस्पताल में उपचार के दौरान बुधवार को मौत हो गई। पुलिस-प्रशासन मामले की जांच करने की ही बात कर रहा है।
अंधविश्वास के चलते दागा गया
यह पूरा मामला जिले के सिंहपुर कठौतिया गांव का है। अंधविश्वास के चलते इलाज के नाम पर नवजात बच्ची को दागा गया था। चमड़ी जलने से बच्ची के शरीर में संक्रमण बढ़ गया था। उसे लगातार झटके आ रहे थे। ढाई माह की बालिका के दिमाग में भी इंफेक्शन बढ़ गया था। मेडिकल कॉलेज शहडोल में विशेषज्ञों की टीम ने उसे बचाने का बहुत प्रयास किया। बीच में स्थिति में सुधार भी आया, लेकिन अचानक हालत बिगड़ी और बुधवार को बच्ची की मौत हो गई।