Jabalpur. जबलपुर में हुए आयुष्मान योजना के फर्जीवाड़े के मामले में अब एसआईटी सेंट्रल इंडिया किडनी अस्पताल के उन कर्मचारियों के बयान कोर्ट में दर्ज कराने की तैयारी कर रही है, जिन्होंने पूछताछ में यह बयान दिया था कि उन्हें मरीज बनाकर अस्पताल में भर्ती शो किया गया, जिसके एवज में उन्हें पैसे भी दिए गए। एसआईटी सीआरपीसी की धारा 164 के तहत यह बयान दर्ज करवाएगी। ताकि योजना के नाम पर शासन को करोड़ों का चूना लगाने वाले डॉ अश्वनी पाठक और डॉ दुहिता पाठक आसानी से न बच सकें।
अब तक नहीं मिला कोई दलाल, न मिला मिलीभगत वाला अफसर
एसआईटी ने जिस त्वरित गति से मामले की जांच की और धड़ाधड़ गिरफ्तारियां की, उसके बाद से मामले की जांच काफी धीमी गति से चल रही है। मामले में अस्पताल के उन दलालों में से एक की भी गिरफ्तारी नहीं हो पाई जो आयुष्मान हितग्राहियों को अस्पताल तक लाने के एवज में रुपए लेते थे। वहीं इस करोड़ों रुपए के घोटाले में अस्पताल की कारगुजारी पर चुप्पी साधने वाले उस अधिकारी तक भी एसआईटी नहीं पहुंच पाई है। जिसने नीरो बनकर प्रशासन के खजाने में लग रही सेंध के बारे में जानते हुए भी चुप्पी साध रखी थी। हालांकि एसआईटी के सूत्र इशारा कर रहे हैं कि उनके हाथ ऐसे कई सुराग लगे हैं, जिससे यह स्पष्ट हो रहा है कि शासन को चूना लगाने वालों में आयुष्मान योजना के अधिकारी भी शामिल हैं।
खंगाली जा रही सबकी कुंडली
इधर इस मामले की जांच को आगे बढ़ाते हुए एसआईटी ने जबलपुर के आयुष्मान योजना में पदस्थ अधिकारियों और कर्मचारियों की पूरी कुंडली खंगालना शुरू कर दिया है। उम्मीद की जा रही है कि आयुष्मान घोटाले में एक या दो अधिकारी तो जल्द ही नप सकते हैं।