Jabalpur. कॉलेजों में पढ़ने वाले छात्र आजकल नकल के लिए हाईटेक तरीकों का इस्तेमाल करने लगे हैं। जबलपुर के रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय में चल रही परीक्षाओं में ऐसे ही स्मार्ट नकलचियों को पकड़ा गया है। विश्वविद्यालय के पर्यवेक्षकों ने 3 ऐसे प्रकरण बनाए हैं जिनमें परीक्षार्थी स्मार्ट वॉच, मैजिक पेन और मोबाइल के जरिए नकल करते पकड़े गए। विश्वविद्यालय अब इन परीक्षार्थियों को उक्त विषय में फेल करते हुए उनकी आगामी परीक्षा पर भी रोक लगा चुका है।
नकल के 25 प्रकरण बनाए गए
रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय में चल रहे एग्जाम्स के दौरान अब तक 25 नकल प्रकरण बनाए जा चुके हैं। इनमें से 3 मामले ऐसे थे जिनमें हाईटेक उपकरणों का प्रयोग किया गया था। इससे पूर्व हुई परीक्षाओं में विश्वविद्यालय प्रबंधन ने नकल प्रकरणों का सैकड़ा पूरा किया था, उस दौरान 25 से ज्यादा प्रकरण ऐसे थे जिनमें हाईटेक उपकरणों के जरिए नकल की जा रही थी। नकलचियों के इन तरीकों को देखकर पर्यवेक्षक भी हैरान रह जाते हैं।
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दरअसल विश्वविद्यालय में अभी सेंट्रलाइज मॉनिटरिंग सिस्टम का अभाव है। विश्वविद्यालय 70 से ज्यादा केंद्रों में परीक्षा करवा रहा है, लेकिन विश्वविद्यालय अभी इतना हाईटेक नहीं हुआ है कि वह सेंट्रलाइज मॉनिटरिंग सिस्टम लगवा सके, ऐसे में पर्यवेक्षक के कंधों पर ही नकल पकड़ने का दारोमदार रहता है।
ऐसे- ऐसे तरीकों से नकल
बीएड बीसएससी की परीक्षा में पर्यवेक्षक ने एक छात्र को नकल करते पकड़ा, जिसमें कंपास में पेंसिल से नकल लिख रखी थी। , इसी तरह एमएलबी की परीक्षा में एक छात्र ने मैजिक पेन के जरिए एडमिट कार्ड के पीछे नकल लिख रखी थी। जब पर्यवेक्षक ने एडमिट कार्ड को अच्छे से चैक किया, उस पर लाइट मारी गई तो नकल साफ झलकने लगी। इसी तरह बीकॉम की परीक्षा में एक छात्र स्मार्ट वॉच के जरिए नकल करता पकड़ाया गया। उसने स्मार्ट वॉच मैमोरी में कई उत्तर स्टोर कर रखे थे।
रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय के कुलसचिव दीपेश मिश्रा ने बताया कि इस हाईटेक युग में छात्र भी हाईटेक हो गए है, जिसकी कल्पना हम भी नहीं करते है। एक छात्र ने तो अपने आंसर शीट के पीछे ही स्मार्ट पेन से आंसर लिख डाले और फिर बाद में पकड़ा गया। ऐसे सभी छात्रों के खिलाफ कार्रवाई करते हुए उनकी परीक्षा में रोक लगाई गई है।