GWALIOR. सुप्रसिद्ध समाजवादी चिंतक रघु ठाकुर ने आह्वान किया है कि ग्वालियर दुर्ग पर होटल बनाने के विरोध में और उच्च शिक्षा विभाग के अतिथि विद्वानों को नियमित करने सहित 9 सूत्रीय मांगों को लेकर ग्वालियर बंद किया जाएगा, उसमें नागरिक सहयोग करें। रघु ठाकुर ने आज ग्वालियर के फूलबाग में अतिथि विद्वानों के और मुरार में पिछड़ा वर्ग और सर्वसमाज के धरने को संबोधित करते हुए कहा कि अलग-अलग होकर संघर्ष करने की बजाय जनता के मुद्दों के लिए जनतांत्रिक ढंग से एकजुट होकर संघर्ष करना होगा और जनता का समर्थन हासिल करना होगा।
9 सूत्रीय मांगें
जिन 9 सूत्रीय मुद्दों पर रघु ठाकुर ने व्यापक जन आंदोलन का ऐलान किया है उनमें वंचित समाज के नायकों को समुचित सम्मान देने, स्कूल शिक्षकों की समस्याओं का समाधान करने, किसानों को उपज का वाजिब दाम दिलाने, पिछड़े समुदायों को प्रावधानों के अनुसार लाभ दिलाने की मांग शामिल है। मुरार बारादरी चौराहे पर ग्वालियर दुर्ग पर होटल न बनाने और वंचित समुदाय के नायकों की स्मृति को सुरक्षित और संरक्षित करने की मांग को लेकर 8 सामाजिक संगठनों द्वारा धरना प्रदर्शन किया गया।
सामंती मानसिकता से ग्रस्त लोग-रघु ठाकुर
रघु ठाकुर ने धरने में मौजूद लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि सामंती मानसिकता से ग्रस्त लोग दूसरे समुदायों के गौरवपूर्ण स्मारकों को या तो मिटा देना चाहते हैं या उन पर अपना नाम लिखा देना चाहते हैं। रघु ठाकुर ने गोहद के जाट राजा राणा भीम सिंह, रानी अवंतीबाई लोधी और मुरार के स्वतंत्रता सेनानी गणेशीलाल सेन का उल्लेख करते हुए कहा कि सरकार जिन समुदायों के सहयोग से बनती है उनके नायकों और गौरव की स्मृति को अक्षुण रखने में रुचि लेने की बजाय उन्हें मिटाने में लग जाती है।
ग्वालियर दुर्ग पर राणा भीम सिंह का स्मारक
रघु ठाकुर ने कहा कि ग्वालियर दुर्ग पर राणा भीम सिंह का स्मारक है जिन्होंने अकाल के समय अपनी प्रजा के लिए अनाज के भंडार खोल दिए थे। यहीं हर साल किसान राणा मेला लगता है। अब सरकार पुराने राजा-रजवाड़ों के प्रभाव में यहां पांच सितारा होटल खोलना चाहती है। इन राजा-रजवाड़ों को अपने सिवा अन्य समुदाय के गौरव चिह्न बर्दाश्त नहीं हैं।
स्वतंत्रता संग्राम सेनानी गणेशीलाल सेन के नाम पर कुछ नहीं
इसी तरह मुरार के गणेशीलाल सेन उन स्वतंत्रता सेनानियों में से थे जो महात्मा गांधी के सानिध्य में रहे और अपना पुश्तैनी घर आजादी की लड़ाई लड़ने के लिए कांग्रेस पार्टी को कार्यालय बनाने दे दिया और खुद सड़क पर आ गए। ग्वालियर राज्य में आजादी के लिए संघर्ष करने की प्रेरणा यहां के लोगों ने गणेशीलाल सेन से ही ली थी। साहित्यकार जगन्नाथ प्रसाद मिलिन्द 'महापुरुषों की गौरवगाथा' गणेशीलाल का वर्णन बड़े आदर से किया है। लेकिन ग्वालियर में उनके नाम पर न कोई सड़क है, न भवन और न स्मारक।
अवंतीबाई लोधी और राणा भीम सिंह की प्रतिमा अनावरण में देरी
इसी तरह भिंड में और गोहद चौराहे पर अवंतीबाई लोधी और राणा भीम सिंह की प्रतिमा की स्थापना और अनावरण में विलंब किया जा रहा है। इसी तरह अपना सबकुछ न्योछावर करने वाले जननायक कर्पुरी ठाकुर की सागर में प्रतिमा स्थापना में अड़चनें खड़ी की जा रही है। ये स्वतंत्रता की लड़ाई लड़ने वालों के प्रति अकृतज्ञता और अन्याय है।
ग्वालियर दुर्ग पर होटल कैसे बन सकता है ?
रघु ठाकुर ने सवाल किया कि जब पुरातत्व विभाग की अनुमति के बिना किसी स्मारक परिसर में न कोई प्रवेश कर सकता है न कोई गतिविधि संचालित हो सकती है तो ग्वालियर दुर्ग पर होटल भी कैसे बन सकता है। रघु ठाकुर ने धरने में उपस्थित लोगों से कुरीतियों से मुक्त होने और हर संघर्ष में परिवार की महिलाओं को भी साथ जोड़ने का आह्वान किया।
ग्वालियर बंद के बाद सत्याग्रह की तैयारी
फूलबाग में अतिथि विद्वानों के धरने को संबोधित करते हुए रघु ठाकुर ने कहा एक ओर सेवानिवृत्ति के बाद सुप्रीम कोर्ट के जजों का पुनर्वास किया जा रहा है। दूसरी ओर 30-30 साल सेवाएं दे चुके अतिथि शिक्षकों को सरकार नियमित नहीं कर रही। जब न्याय पालिका के लोग ही उपकृत हो जाएंगे तो वे पीड़ित लोगों के पक्ष में न्याय कैसे देंगे। रघु ठाकुर ने आह्वान किया कि अतिथि विद्वान ग्वालियर बंद के बाद दिल्ली के जंतर-मंतर और अहमदाबाद के साबरमती आश्रम में सत्याग्रह की तैयारी करें।