SAGAR. मप्र सागर जिले में ट्रिपल मर्डर के मामले में 17 साल के आरोपी के खिलाफ कोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाया है। नवम अपर सत्र न्यायाधीश ने किशोर को आरोपी को आजीवन कारावास और जुर्माने की सजा सुनाई है। बता दें कि 27 जनवरी 2020 में सागर के मकरोनिया थाना क्षेत्र के आनंद नगर में एक घर से 3 लाशें बरामद हुई थीं। पुलिस जांच में पता चला था कि 17 साल के बेटे को वेलफेयर पार्टी के लिए पैसों की जरूरत थी। पैसे नहीं मिलने पर उसने अपनी मां, पिता और भाई की हत्या कर दी थी।
1500 रु. के लिए दबाया मां का गला
17 साल के बेटे ने 1500 रुपए के लिए अपनी मां का गला दबाया, बेहोश हुई तो गोली मार दी। पिता ड्यूटी से घर लौटे। दरवाजा खोला तो अंदर खून के धब्बे दिखे। वो कुछ समझ पाते, इसके पहले ही नाबालिग बेटे ने उनके सीने में गोली मार दी। माता-पिता के शव को एक कमरे में ले जाकर दरवाजा बंद कर दिया। थोड़ी देर छोटा भाई ट्यूशन से लौटा तो उसकी गर्दन मरोड़कर हत्या कर दी।
3 साल बाद स्पेशल कोर्ट ने सुनाया फैसला
सागर जिले में 29 जनवरी 2020 की है। 3 साल बाद 9 मई को स्पेशल कोर्ट ने नाबालिग को तीनों हत्याओं को लिए अलग-अलग उम्रकैद की सजा सुनाई। कोर्ट ने अपने फैसले में आरोपी के साथ नरमी नहीं बरते जाने को लेकर टिप्पणी भी की। कोर्ट ने कहा कि आरोपी ने जिस प्रकार से अपने माता-पिता और भाई की हत्या की है, वह उसके कानून के प्रति उपेक्षापूर्ण व दु:साहसी मानसिकता को दर्शाता है। माता-पिता और भाई की हत्या के संबंध में भारतीय दंड संहिता 1860 की धारा 302 व 201 के अंतर्गत दंडनीय अपराध का दोष सिद्ध पाया जाता है।
3 साल, 129 दस्तावेज और 36 लोगों की गवाही के बाद फैसला
ट्रिपल मर्डर केस की न्यायालय में सुनवाई के दौरान अभियोजन ने मामले से जुड़े 36 साक्षियों की गवाही कराई। वहीं, 129 दस्तावेज पेश किए। वारदात स्थल पर मिला हाथ से लिखा नोट, मोबाइल चैट, बंदूक, एटीएम से पैसे निकालना, एफएसएल साक्ष्य समेत अन्य सबूतों के आधार पर कोर्ट ने आरोपी बेटे को दोषी पाते हुए उम्रकैद की सजा सुनाई है।
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आजीवन कारावास और जुर्माने की सजा सुनाई
आरोपी के नाबालिग होने पर उसे बाल सुधार गृह भेजा गया था। सनसनीखेज ट्रिपल मर्डर केस में विशेष न्यायाधीश (पाक्सो एक्ट) एवं नवम अपर सत्र न्यायाधीश ज्योति मिश्रा की कोर्ट में सुनवाई हुई। अदालत ने आरोपी अपचारी बालक को दोषी पाते हुए आजीवन कारावास और जुर्माने की सजा सुनाई है। शासन की ओर से प्रकरण में पैरवी विशेष लोक अभियोजक मनोज कुमार पटेल ने की।
रहवासियों को पहले लगा- कोई जानवर मरा
29 जनवरी 2020 दिन बुधवार को दोपहर के समय लोग अपने घर की छतों पर गुनगुनी धूप सेंक रहे थे, तभी कुछ लोगों ने महसूस किया कि सर्द हवाओं में कुछ बदबू आ रही है। रहवासियों ने पुलिस को सूचना दी कि तेज बदबू से मोहल्ले के लोग परेशान हो रहे हैं। पुलिस बदबू के रास्ते आनंद नगर की गली नंबर 3 में एक घर तक पहुंची। जिसके मेन गेट पर ताला जड़ा हुआ था। इस घर से बदबू अधिक आ रही थी। पड़ोसियों की मदद से घर में रहने वालों को फोन किया गया। किसी ने कॉल नहीं उठाया। एक पड़ोसी ने बताया कि परिवार के लोग तीन-चार दिन से नजर नहीं आ रहे हैं। पुलिस की मौजूदगी में घर का ताला तोड़ा गया। जहां तीनों शव पड़े हुए थे।
हत्या के बाद आरोपी हो गया था गायब
कमरे से पुलिस को जो लेटर मिला था, वो हाथ से लिखा नोट था। इसमें लिखा था कि इसका जिम्मेदार मैं खुद हूं। मैं मरने जा रहा हूं। जो गलती मुझसे हुई है, उसकी सजा मौत है। मैं सुसाइड कर रहा हूं। मुझे माफ करना। मामले में पुलिस ने मौके से मिले नोट की हैंड राइटिंग की पहचान परिजन से कराई। पता चला कि यह नोट एक्स आर्मी मैन के बड़े बेटे ने लिखा है। घर में मिले उसके नोटबुक से भी हैंड राइटिंग का मिलान किया गया तो इसकी पुष्टि हो गई। घर से 12 बोर की लाइसेंसी बंदूक, दो कारतूस के खोखे बरामद किए गए। आरोपी ने घटना के बाद बंदूक की नली साफ कर दी थी। खाली खोखे बाथरूम की सेल्फ में छिपा कर रख दिए थे।
गर्लफ्रेंड को चैट में लिखा- मैंने मॉम-डैड को मार डाला
इन सवालों के जवाब तलाशने के लिए पुलिस ने मोबाइल को साइबर टीम के हवाले कर दिया। मोबाइल की जांच की गई तो पता चला कि आरोपी ने एक-दो दिन पहले ही अपने किसी दोस्त के साथ चैटिंग की है। बाद में इस चैट को उसने डिलीट कर दिया था। साइबर सेल ने जब इस मोबाइल से हुए चैट को रिकवर कराया तो पुलिस टीम भी हैरान रह गई। चैट में आरोपी ने अपने माता-पिता और भाई को मारने की बात लिखी थी।28 जनवरी को आरोपी की प्रायोगिक परीक्षा होनी थी, लेकिन वो स्कूल नहीं गया।
आरोपी ने दोस्त को ये मैसेज भेजा था
मेरे से गलती हो गई है, मैंने मॉम-डैड को मार दिया, पता नहीं कैसे हो गया।
मुझे भूल जा इसलिए, मैं बहुत बुरा हूं…फॉर्गेट मी, मैं नहीं हूं तेरे लायक, इसलिए अब मर जाऊंगा तो ठीक हो जाएगा सबकुछ।
तू मेरे चैट कॉल सब कुछ डिलीट कर देना, और बोल देना कि मैं तो बात ही नहीं करती उससे, प्लीज मुझे माफ कर देना, अब मैं मरने वाला हूं।
महंगे शौक रखता था आरोपी
आरोपी ने पुलिस को बताया- 24 जनवरी 2020 को स्कूल में फेयरवेल पार्टी थी। मैंने मां से 1500 रुपए मांगे थे। मां जानती थी कि मैं शराब पीने का आदी हूं। महंगे शौक रखता हूं। उन्होंने मुझे पैसे देने से मना कर दिया। मां उस समय टीवी देख रही थीं। पैसे देने से मना करने पर मुझे गुस्सा आ गया। मैंने मां का जोर से गला दबा दिया, वो अचेत हो गई। इसके बाद मैंने पापा की लाइसेंसी बंदूक से मां को गोली मार दी।
छोटे भाई ने कहा सबको बता दूंगा, कर दी हत्या
माता-पिता की हत्या के बाद छोटा भाई जैसे ही कोचिंग से घर लौटा तो उसने छोटे भाई को घटना क्रम बताया। कहां कि ये बात किसी को बताना नहीं। कुछ नहीं होगा। यह बात सुनकर छोटा भाई रोने लगा। वो मम्मी-पापा को याद कर कहने लगा कि मैं सबको ये बता दूंगा। यह सुनते ही मैंने अपने छोटे भाई की भी गला घोंटकर हत्या कर दी। उसका शव भी माता-पिता के शव के पास रख दिया। कमरे में बाहर से ताला लगा दिया। मेन गेट पर भी ताला लगाकर आरोपी घूमने निकल गया। 24 जनवरी को हत्या के बाद से वह 27 जनवरी तक घर के आसपास ही रहा।
पिता के खाते से निकालता रहा पैसे
पुलिस ने जांच के दौरान एक्स आर्मी मैन के स्टेट बैंक ऑफ इंडिया की मकरोनिया ब्रांच से उनके अकाउंट की डिटेल मांगी। बैंक ने पुलिस को जो जानकारी दी उसके मुताबिक 22 जनवरी को 600 रुपए की निकासी के बाद खाते में मात्र 10 रुपए बचे थे। 27 जनवरी को एक्स आर्मी मैन के पेंशन के 14,289 रुपए जमा हुए। इसके बाद तुरंत बाद एटीएम से पहले 4 हजार फिर 2 हजार रुपए की निकासी की गई। 28 जनवरी को आरोपी ने फिर से अपने पिता के खाते से 2 बार में पहले 1200 रुपए और फिर 7 हजार रुपए निकाले। पुलिस ने एटीएम से पैसे निकालते समय के सीसीटीवी फुटेज भी सबूत के तौर पर कोर्ट में पेश किए।
सिवनी बाल सुधार गृह में है अपचारी बालक
गिरफ्तारी के बाद बाल अपचारी को किशोर न्यायालय में पेश किया गया था। जहां से उसे सागर के बाल सुधार गृह में रखा गया था। उस समय उसकी उम्र 17 साल 8 महीने थी। इसी बीच 18 साल की उम्र होने पर उसे सिवनी के बाल सुधार गृह में शिफ्ट किया गया है। क्योंकि सागर बाल सुधार गृह में 18 साल से अधिक के अपचारियों को रखने की व्यवस्था नहीं है। सजा के बाद अपचारी बालक सिवनी बालक सुधार गृह में ही है।