डिंडौरी में प्राचार्य को रिहा करने वाला थाना प्रभारी निलंबित, गोंडवाना के प्रदेश प्रवक्ता कोकड़िया पर FIR के निर्देश

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Jitendra Shrivastava
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डिंडौरी में प्राचार्य को रिहा करने वाला थाना प्रभारी निलंबित, गोंडवाना के प्रदेश प्रवक्ता कोकड़िया पर FIR के निर्देश

DINDORI. डिंडौरी के जुनवानी गांव के मिशनरी हायर सेकेंडरी स्कूल में नाबालिग आदिवासी छात्राओं का यौन शोषण करने के मामले में राष्ट्रीय बाल आयोग ने बड़ा एक्शन लिया है। नाबालिग बच्ची के चरित्र पर सवाल उठाने वाले गोंडवाना गणतंत्र पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता राधे श्याम कोकड़िया समेत अन्य लोगों के खिलाफ FIR दर्ज करने के निर्देश दिए हैं। इसके अलावा इस मामले में 7 अलग अलग FIR भी दर्ज की जाएगी। समनापुर थाना प्रभारी के निलंबन के साथ ही विकास खंड शिक्षा अधिकारी अमरपुर, अमरपुर विकास खंड स्रोत समन्वयक BRC के निलंबन के साथ ही आदिवासी विकास विभाग द्वारा बिना मान्यता के ग्रांट देने के मामले की जांच कर मामला दर्ज कर कार्रवाई की जाएगी। वहीं, आरोपित प्राचार्य नान सिंह यादव को फिर गिरफ्तार करके न्यायालय में पेश किया गया, जहां से उसे जेल भेज दिया गया। आरोपितों पर अनुसूचित जाति जनजाति अधिनियम और पाक्सो एक्ट की धाराएं बढ़ा दी गई हैं।



दबाव बढ़ा तो थाना प्रभारी को निलंबित कर दिया 



नाबालिग आदिवासी छात्राओं के यौन शोषण के इस सनसनीखेज मामले में पुलिस शुरू से ही लीपापोती में जुटी थी। यही कारण रहा कि आरोपित प्राचार्य की गिरफ्तारी को सामान्य धाराओं का मामला बताकर थाने से रिहा कर दिया गया। जब रिहा किया गया था, उस समय खुद पुलिस अधीक्षक संजय सिंह ने थाना प्रभारी की कार्रवाई को जायज ठहराते हुए इसे कानून का पालन करना बताया था। अब जब दबाव बढ़ा तो उन्होंने न केवल थाना प्रभारी को निलंबित कर दिया बल्कि प्राचार्य को फिर से गिरफ्तार करना पड़ा। ऐसा संभव नहीं है कि थाना प्रभारी ने इस संवेदनशील मामले में बिना पुलिस अधीक्षक की अनुमति के आरोपित प्राचार्य को रिहा किया हो।



पीड़ित छात्राओं को 10-10 हजार रुपए आर्थिक सहायता दी गई 



डिंडौरी पहुंचे बाल संरक्षण आयोग के राष्ट्रीय अध्यक्ष प्रियंक कानूनगो ने भी इस गंभीर मामले में आरोपित प्राचार्य को थाने से ही छोड़ देने पर कड़ी नाराजगी व्यक्त करते हुए पुलिस और प्रशासन पर लापरवाही के आरोप लगाए और फटकार भी लगाई। उन्होंने कलेक्टोरेट सभाकक्ष में बैठक लेकर कलेक्टर सहित पुलिस अधीक्षक को कड़े कदम उठाने के निर्देश दिए हैं। वे जनपद मुख्यालय समनापुर के सामुदायिक भवन पहुंचे और पीड़ित छात्राओं व उनके स्वजन से मिलकर हालचाल जाना। इस दौरान सभी पीड़ित छात्राओं को आर्थिक सहायता के तौर पर 10-10 हजार रुपये की राशि दी गई है।



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आरोपियों पर कड़ी कार्रवाई की मांग



सर्व आदिवासी संगठनों ने मंगलवार को कलेक्टोरेट परिसर के पास धरना प्रदर्शन कर मिशनरी स्कूल के आरोपित पादरी, प्राचार्य, शिक्षक और वार्डन पर कड़ी कार्रवाई करने की मांग की है। संबंधित संस्थान का पंजीयन निरस्त करने के साथ स्कूल भवन गिराने की मांग की जा रही है। इस मामले में पादरी को बचाने के भी आरोप पुलिस पर शुरुआती दौर से ही लग रहे हैं। उस पर यौन शोषण के गंभीर हैं और उसके साथ शिक्षक व वार्डन अभी पुलिस गिरफ्त से बाहर है। पुलिस सूत्रों की मानें तो यौन शोषण का आरोपित मिशनरी स्कूल का पादरी सनी जबलपुर निवासी बताया जा रहा है। उसकी गिरफ्तारी के लिए टीम डिंडौरी से भेजी गई है। आरोपित शिक्षक खेमचंद मंडला जिले के मवई थाने के चंदवारा गांव का बताया जा रहा है, जबकि वार्डन सविता जुनवानी की निवासी बताई गई है।



भाजपा महिला मोर्चा ने कलेक्ट्रेट में प्रदर्शन कर सौंपा ज्ञापन



छात्रावास में बच्चियों के साथ हुए यौन शोषण मामले में बीजेपी अनुसूचित जनजाति और महिला मोर्चा ने कलेक्ट्रेट में धरना प्रदर्शन कर कलेक्टर को मुख्यमंत्री के नाम का ज्ञापन सौंपा है। वहीं राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग के अध्यक्ष को ज्ञापन सौंपते हुए कड़ी कार्रवाई की मांग की है। राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग के अध्यक्ष ने बताया कि नाबालिग बच्चियों के साथ हुए यौन उत्पीड़न के मामले के मुख्य आरोपी को गिरफ्तार कर लिया गया है। अन्य आरोपियों को भी जल्द गिरफ्तार कर लिया जाएगा। 



8 बच्चियों ने शिक्षकों के खिलाफ की थी यौन शोषण की शिकायत



दरअसल मध्यप्रदेश राज्य बाल आयोग के निरीक्षण के दौरान जुनवानी स्थित मिशनरी की तरफ से संचालित अवैध चिल्ड्रन होम की 8 बच्चियों ने शिक्षकों के खिलाफ यौन शोषण की शिकायत की। बच्चियों ने बताया कि उनके साथ किस तरह का व्यवहार किया जाता है। उन्हें गंदी नजरों से टच कर घिनौनी हरकत की जाती है।ये बच्चियां डर की वजह से कहीं कोई शिकायत नहीं पाती थी, लेकिन मामला प्रकाश में आने के बाद राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग के अध्यक्ष प्रियंक कानूनगो ने बड़ा एक्शन लिया है। इस संस्था में 600 आदिवासी बच्ची रहती है।


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