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जबलपुर में तैरते मिले रामसेतु जैसे पत्थर, लोगों से रील्स बनाकर सोशल मीडिया में किया वायरल,क्या है चमत्कार का रहस्य ?

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Chandresh Sharma
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जबलपुर में तैरते मिले रामसेतु जैसे पत्थर, लोगों से रील्स बनाकर सोशल मीडिया में किया वायरल,क्या है चमत्कार का रहस्य ?

Jabalpur. कहते हैं राम नाम की महिमा ऐसी है कि पानी में पत्थर भी तैरने लग जाते हैं, लेकिन जबलपुर में नर्मदा तट जिलहरी घाट में पूर्णिमा पर नर्मदा स्नान करने पहुंचे लोग उस वक्त अचंभित हो गए जब उन्हें नदी में तैरते हुए पत्थर दिखाई दिए। पहले तो लोगों को आंखों पर विश्वास ही नहीं हुआ, लेकिन जब लोगों ने पानी में तैरते करीब 10 इंच लंबे और 8 इंच चौड़े पत्थरों का जायजा लिया तो वे सचमुच पानी में तैरते दिखाई दिए। देखते ही देखते मौके पर श्रद्धालुओं की भीड़ लग गई और जय श्रीराम के नारे लगने लगे। इस दौरान कई लोगों ने पानी में तैरते इन पत्थरों की तस्वीरें लेकर और रील्स बनाकर सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया। 





पत्थर या कोरल रीफ 







नर्मदा तट जिलहरी घाट पर पानी में तैरते पत्थर मिलने की खबर जैसे ही फैली वहां लोगों का मजमा लगने लगा। वैसे तो पूर्णिमा पर्व पर नर्मदा तट पर वैसे ही श्रद्धालुओं की अच्छी खासी भीड़ रहती है, वहीं अचानक नदी में इन पत्थरों के मिल जाने के बाद लोग पानी में उतरकर उन्हें टटोल-टटोलकर देखने लगे। भूविज्ञानी रामसेतु के पत्थरों के बारे में यही राय देते हैं कि वे पत्थर किसी विशेष प्रजाति की मूंगा चट्टानें हैं जो पानी पर आसानी से तैरती हैं। हालांकि नर्मदा तट पर पहुंचने वाले श्रद्धालु इसे चमत्कार भी मान रहे हैं, क्योंकि अब तक नर्मदा में ऐसे पत्थर कभी दिखाई नहीं दिए। वहीं नर्मदा अमरकंटक से खंभात की खाड़ी में गिरती है। ऐसे में मन्नार की खाड़ी में पाए जाने वाले ऐसे पत्थर नर्मदा में मिलना लोगों के लिए चमत्कार से कम नहीं। 







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    जबलपुर में नर्मदा तट से लगे गीताधाम में करीब 4 दशक पहले से रामसेतु का एक पत्थर रखा हुआ है, जो बकायदा पानी में तैरता है। लोग इस पत्थर को देखने भी यहां आते हैं। गीता धाम के महंत स्वामी श्यामदास महाराज के समय से ही रामसेतु पत्थर को सम्मान पूर्वक यहां रखा गया था। लेकिन नर्मदा नदी में पानी में तैरने वाले दो पत्थर मिलना एक बड़ा रहस्य बना हुआ है। हाल के दिनों में अक्षय कुमार अभिनीत फिल्म रामसेतु भी आई थी, जिसमें इन पत्थरों के बारे में विस्तार से बताया गया था, लेकिन सवाल यह उठ रहा है कि नर्मदा में ये पत्थर कहां से आ गए। सवाल उठ रहा है कि यदि कोई शख्स रामेश्वरम से इन अनमोल पत्थरों को लाएगा भी तो इस प्रकार नदी में यूं ही क्यों छोड़ जाएगा। 







    लोगों ने कहा प्रभु श्री राम की कृपा







    इस मौके पर नित्य तैराकी मंडल के लोगों ने बताया जब वे स्नान करने के बाद शिव भगवान का पूजन कर रहे थे, तभी उनकी नजर इस पत्थर पर पड़ी। जिसके बाद इस पत्थर को हाथों से उठाकर भी देखा तो वह बार-बार पानी में फेंकने के बावजूद डूब नहीं रहा था। नर्मदा तटों के किनारे ऐसे पत्थरों के मिलने की अभी तक कोई जानकारी सामने नहीं आई है, यह पहली बार देखने मिला है कि नर्मदा तट और रामसेतु रामेश्वरम से आया पत्थर तैर रहा है। दर्शन करने आए लोगों ने बताया पत्थर करीब 5 किलो वजनी होगा, जो दो टुकड़ों में और छोटे छोटे टुकड़ों में मंदिर के पास रखा हुआ था।



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