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Jabalpur. प्रदेश शासन और स्कूली शिक्षा विभाग की ओर से प्रौद्योगिकी विभाग के जरिए वैज्ञानिक नवाचारों को बढ़ावा देने और छात्रों को राष्ट्रीय मंच प्रदान करने के लिए इंस्पायर अवॉर्ड योजना का संचालन किया जा रहा है। लेकिन इस ओर स्कूलों और शिक्षकों का रुझान बेहद कम दिखाई पड़ रहा है। जुलाई महीने में हुई शुरूआत के बाद इस योजना में जबलपुर संभाग के 4 जिलों में तो नाममात्र रजिस्ट्रेशन हुए हैं। इस योजना में 6वीं से लेकर 10वीं तक के छात्र सहभागी बन सकते हैं। इस योजना में 70 हजार स्कूलों ने रजिस्ट्रेशन कराया था लेकिन केवल 10 फीसद स्कूलों से ही योजना के अंतर्गत छात्रों ने आइडिया भेजे।
पूरे संभाग से केवल 1206 आइडिया आए
जानकारी के मुताबिक जबलपुर संभाग से अब तक केवल 1206 आइडिया अपलोड किए गए हैं। इनमें से जबलपुर जिले के 650 स्कूलों की ओर से 682 आइडिया अपलोड हुए। छिंदवाड़ा की बात करें तो यहां से 293 आइडिया अपलोड हुए। लेकिन डिंडोरी जिले से महज 3 आइडिया आए वहीं मंडला, बालाघाट और कटनी की अवस्था भी काफी लचर है।
3 लाख आइडिया का था अनुमान
शिक्षा जगत के जानकारों के अनुसार जिले में विद्यालयों की संख्या को देखते हुए हर विद्यालय से कम से कम आधा दर्जन आइडिया आने चाहिए थे। इस लिहाज से प्रदेश भर से 3 लाख आइडिया आने का अनुमान था। लेकिन विज्ञान के क्षेत्र में छात्रों की कम हो रही रुचि से अब शिक्षा विभाग परेशान है। आयुक्त स्कूल शिक्षा ने योजना को गंभीरता से नहीं लेने पर जिला शिक्षा अधिकारी, जिला नोडल अधिकारी, इंस्पायर अवॉर्ड योजना प्रभारी, एडीपीसी, जिला विज्ञान अधिकारी की क्लास लगा दी है। आयुक्त स्कूल शिक्षा ने योजना की समीक्षा कर 30 सितंबर तक काम करने के निर्देश भी दिए हैं।