सुरखी विधानसभा सीट दलबदल वाली सीट, यहां राजूपत, ब्राह्मण और ओबीसी वर्ग का प्रभाव; जनता बोली- विकास हुआ है

author-image
Rahul Garhwal
एडिट
New Update
सुरखी विधानसभा सीट दलबदल वाली सीट, यहां राजूपत, ब्राह्मण और ओबीसी वर्ग का प्रभाव; जनता बोली- विकास हुआ है

SAGAR. सागर जिले की सुरखी विधानसभा सीट हाईप्रोफाइल सीट है। यहां से परिवहन और राजस्व मंत्री गोविंद सिंह राजपूत विधायक हैं। सुरखी सीट भी ज्योतिरादित्य सिंधिया के प्रभाव वाली सीट है। क्योंकि गोविंद सिंह राजपूत सिंधिया समर्थक है और सिंधिया के साथ राजपूत भी बीजेपी में शामिल हुए थे।





सुरखी विधानसभा सीट का सियासी मिजाज





सुरखी में पहला चुनाव 1951 में हुआ था और कांग्रेस के ज्योतिष ज्वाला प्रसाद ने जीत दर्ज की थी। कांग्रेस उम्मीदवारों ने यहां से सबसे ज्यादा बार जीत दर्ज की है। झूठ बोले कौवा काटे फिल्म बॉबी के इस गाने के रचयिता और व्यवसायी विट्ठल भाई पटेल दो बार सुरखी से विधायक रहें। मौजूदा नगरीय प्रशासन मंत्री भूपेंद्र सिंह भी यहां से दो बार विधायक रहें। पारुल साहू के रूप में पहली महिला विधायक ने भी सुरखी का प्रतिनिधित्व किया। अब गोविंद राजपूत सुरखी से विधायक हैं और बीजेपी में हैं।





सुरखी विधानसभा सीट के राजनीतिक समीकरण





सुरखी विधानसभा सीट पर दलबदल होने के बाद पूरे बुंदेलखंड में इसका असर पड़ा है। दरअसल सुरखी पर जब तक भूपेंद्र सिंह चुनाव लड़े तब तक ये बीजेपी की झोली में रही। इसके बाद गोविंद राजपूत यहां से चुनाव जीतते रहे। बीजेपी के लिए सुरखी पर कब्जा जमाना बेहद मुश्किल रहा लेकिन राजपूत के बीजेपी में आने के बाद अब कांग्रेस के पास कोई चेहरा नहीं बचा है। इधर राजपूत ने बीजेपी में अपनी अच्छी पैठ बना ली है। इसलिए अगली बार भी टिकट गोविंद राजपूत को मिलेगा इसमें कोई दो राय नहीं है।





सुरखी विधानसभा सीट के जातिगत समीकरण





सुरखी में करीब 2 लाख से ज्यादा मतदाता हैं। सीट के जातिगत समीकरण को देखें तो इस सीट पर राजूपत, ब्राह्मण और ओबीसी वर्ग का प्रभाव रहा है। चुनाव के नतीजों में ये वर्ग निर्णायक साबित होते हैं।





सुरखी विधानसभा क्षेत्र के मुद्दे





सुरखी विधानसभा सीट में तीन कस्बे हैं और गोविंद सिंह राजपूत दो बार विधायक रहे, तो दोनों बार बीजेपी की सरकार रही। वो उस दौरान वैसा विकास नहीं करवा सके। 15 महीने की कांग्रेस सरकार में भी सुरखी का वैसा विकास नहीं हो सका जैसी उम्मीद की जा रही थी, इसलिए राजपूत ने कांग्रेस छोड़कर बीजेपी ज्वाइन की। लोगों का भी कहना है कि यहां विकास हुआ है।





गोविंद सिंह राजपूत को टिकट मिलना लगभग तय





सुरखी में कांग्रेस यानी गोविंद सिंह राजपूत और उनके बीजेपी में जाने के बाद कांग्रेस के सामने कार्यकर्ताओं का संकट है। ऐसे में सभी लोगों का मानना है कि गोविंद सिंह राजपूत को ही टिकट मिलेगा।





सुरखी की जनता का मूड जानने के लिए क्लिक करें.. सुरखी विधानसभा सीट पर क्या है जनता का मिजाज, आज चुनाव हुए तो कौन जीतेगा ?





सुरखी विधायक और मंत्री गोविंद सिंह राजपूत ने क्या कहा..





इस मसले पर विधायक और परिवहन मंत्री गोविंद सिंह राजपूत का कहना है कि उनके बीजेपी में आने के बाद सुरखी में उन्होंने विकास कार्य करवाए हैं।





#MOOD_OF_MP_CG2022 #MoodofMPCG



MP News मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव MP Assembly Election 2023 Madhya Pradesh Assembly Election Govind Singh Rajput mp election Mood of MP CG mp chunav Mood_of_MP_CG2022 Surkhi assembly seat