ANUPPUR. इंदिरा गांधी राष्ट्रीय जनजाति विश्वविद्यालय के प्रोफेसरों पर धर्मांतरण कराने के आरोप लगे हैं। भारत सरकार के राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग के अध्यक्ष प्रियंक कानूनगो ने इस संबंध में कहा है कि कहा कि यह मामला संज्ञान में आया है।
विवि के प्रोफेसर धर्मांतरण की गतिविधियों में लगे हुए हैं
कानूनगो ने कहा कि विवि के कुछ प्रोफेसर धर्मांतरण की गतिविधियों में लगे हुए हैं। इसकी जांच कर कार्रवाई की जाएगी। गौरतलब है कि इससे पहले भी विवि के कुछ छात्रों ने प्रोफेसर पर धर्मांतरण का आरोप लगाया था, लेकिन इस मामले में विशेष कार्रवाई नहीं हो सकी थी।
छत्तीसगढ़ में होता है धर्मांतरण
प्रियंक कानूनगो ने कहा कि उन्हें नाम न बताने की शर्त पर यह बताया गया कि लोकल टूर के दौरान कुछ लोगों ने धर्मांतरण से जुड़ी हुई शिकायत की हैं। उन्होंने कहा कि अमरकंटक से पेंड्रा (छत्तीसगढ़) ले जाकर धर्मांतरण कराया जाता है। उन्होंने कहा कि हम धर्मांतरण में लगे प्रोफेसरों की पहचान कर कानूनी कार्यवाही करेंगे।
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प्रोफेसरों की जांच की जाएगी
प्रियंक कानूनगो ने कहा कि इंदिरा गांधी राष्ट्रीय जनजाति विश्वविद्यालय के प्रोफेसरों की इस तरह की गतिविधियों में संलिप्त होना जो बच्चों को उनके पहचान के अधिकार से विमुक्त करती हैं। हम सब इन बातों का संज्ञान लेकर उचित कार्यवाही करेंगे।
रुपयों का लालच देकर धर्म परिवर्तन का खेल जारी
बता दें कि पूरे शहडोल संभाग में भोले-भाले व आदिवासियों को लालच देकर धर्म परिवर्तन का दबाव बनाया जाता है। आदिवासी समाज को पैसे और अन्य सुविधाओं का लालच देकर धर्म परिवर्तन का खेल जारी है। पहले कई बार शिकायतें हो चुकी हैं। उसके बाद भी धर्मांतरण का खेल थमने का नाम नहीं ले रहा है।
विश्वविद्यालय प्रशासन को इसकी जानकारी नहींः दीक्षित
वहीं, राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग के बयान पर इंदिरा गांधी राष्ट्रीय जनजाति विश्वविद्यालय के जनसंपर्क अधिकारी डॉ. विजय दीक्षित ने कहा कि विश्वविद्यालय प्रशासन को इसकी जानकारी नहीं है।