Jabalpur. जबलपुर की आयुध निर्माणी खमरिया के ईडीके में बारूद से भरी मैगजीन में लगी आग जंगलों तक फैल गई थी। ओएफके का प्रबंधन इस घटना की केस स्टडी के रूप में पड़ताल कराने जा रहा है। जिसकी रिपोर्ट डिफेंस मिनिस्ट्री को भेजी जाएगी। बताया जा रहा है कि हादसे वाली मैगजीन में जितनी मात्रा में बारूद जला, उस लिहाज से मैगजीन को नुकसान नहीं हुआ। इस हादसे की वजह से आधुनिक मैगजीन की मजबूती भी कसौटी पर खरी उतरी है।
जानकारी के मुताबिक आयुध निर्माणी खमरिया में कच्चे और तैयार माल का भंडारण एक्सप्लोसिव डिपो में किया जाता है। इन उत्पादों को कांक्रीट से बनी मैगजीन में रखा जाता है। इसमें 25 आधुनिक मैगजीन है। इनकी डिजाइन और सराउंडिंग एरिया में इतनी सुविधाएं विकसित की गई हैं, ताकि यदि दुर्घटना होती है, तो उससे कम से कम नुकसान हो। इन्हें कुछ साल पहले ही निर्मित कराया गया है। यहां हुए हादसे से प्रबंधन भी चिंता में हैं। लेकिन एक अच्छी बात यह है कि इस हादसे ने मैगजीन की मजबूती भी बड़ी कसौटी पर परीक्षा देने में सफल रही।
- यह भी पढ़ें
दरअसल जब यह घटना हुई तब भारी ऊष्मा उत्सर्जित हुई। इतने ज्यादा तापमान में मैगजीन को भारी नुकसान हुआ लेकिन बावजूद इसके मैगजीन के बाजू में रखे एमुनेशन को इससे कोई फर्क नहीं पड़ा। बताया जा रहा है कि बिल्डिंग की डिजाइन ऐसी है कि बिल्डिंग को ज्यादा नुकसान नहीं हुआ और न ही बगल में रखे विस्फोटक पदार्थों पर इसका असर पड़ा। इन सभी पहलुओं की केस स्टडी कराई जाएगी।
बता दें कि ईडीके में 27 फरवरी की रात मैगजीन नंबर पी-20 में आग लगी थी, जिससे उसमें रखा लाखों रुपए का बारूद जल कर खाक हो गया था। घटना के कारण मैगजीन के दरवाजे-खिड़कियां टूट गए थे। दीवारों का प्लास्टर आग के कारण क्षतिग्रस्त हो गया था। जिसके बाद पुणे की टीम ने दो दिन तक घटनास्थल का मुआयना किया। साथ ही बिल्डिंग को पहुंची क्षति का आंकलन भी किया।
ओएफके के महाप्रबंधक अशोक कुमार ने बताया कि मैगजीन में आग के कारणों की तलाश जांच कमेटी कर रही है। यह एक मॉर्डन मैगजीन थी। इस घटना ने इसकी मजबूती को भी साबित किया है। इसके मॉडल की एक केस स्टडी भी कराई जा रही है।