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Jabalpur. जबलपुर की आयुध निर्माणी खमरिया के करीब 12 सौ कर्मचारी प्रमोशन के लंबित मामले की विभागीय जांच पर अड़े हैं। कामगार यूनियन ने आरोप लगाया है कि प्रशासन ने जानबूझकर इस मामले को उलझाने का काम किया है। जिस वजह से मामला न्यायालय में गया। यूनियन ने दोषी अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है।
कामगार यूनियन का आरोप है कि आयुध निर्माणी प्रशासन ने तथ्यों को छिपाते हुए कैट के आदेश की गलत व्याख्या करते हुए कुछ कर्मचारियों को प्रमोशन प्रदान कर दिया था। इतना ही नहीं प्रशासन ने मनमाने ढंग से 2014 की वरिष्ठता सूची को भी बदल दिया, जबकि आयुध निर्माणी बोर्ड का स्पष्ट निर्देश था कि किसी भी स्थिति में 4 अगस्त 2015 के पहले भर्ती कर्मचारियों की वरिष्ठता सूची में बदलाव नहीं किया जाएगा।
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बावजूद इसके निर्माणी प्रबंधन ने साल 2014 के भर्ती कर्मचारियों की सूची में बदलाव करके वरिष्ठता सूची को विवादास्पद बना दिया। परिणाम स्वरूप मामला न्यायालय में चला गया। कामगार यूनियन ने बताया कि कैट ने 16 जुलाई 2021 को आदेश दिया था कि बोर्ड के आदेश का अनुपालन किया जाए। इस पूरे मामले में निर्माणी प्रबंधन को वरिष्ठता सूची में प्रकाशन और प्रमोशन का पर्याप्त समय मिला लेकिन प्रबंधन मामला हाईकोर्ट में पहुंचने का इंतजार करता रहा। 6 माह के विलंब के चलते हाईकोर्ट ने स्थगन आदेश दे दिया। जिसके चलते निर्माणी में 12 सौ कर्मचारियों का प्रमोशन अटक गया है। यूनियन ने इस मामले में दोषी अधिकारियों पर कार्रवाई की मांग की है।
यूनियन के पदाधिकारियों ने बताया कि निर्माणी के प्रबंधन में अदूरदर्शी पूर्ण निर्णय और नादरशाही के चलते 12 सौ कर्मचारियों की पदोन्नति अटकी हुई है। बावजूद इसके उच्चाधिकारी सारा दोष कर्मचारियों को दे रहे हैं। भारतीय प्रतिरक्षा मजदूर संघ राष्ट्रीय संयुक्त सचिव रूपेश पाठक, राजेंद्र चढारिया, प्रेमलाल सेन, अरुण मिश्रा ने इस मामले की शिकायत रक्षा मंत्रालय से की है। उन्होंने मांगें पूरी न होने तक संघर्ष जारी रखने की बात कही है। यूनियन मामले में न्यायिक जांच की मांग कर दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग कर रहा है।