सिवनी मालवा विधानसभा सीट पर बीजेपी और कांग्रेस के बीच कड़ा मुकाबला, यहां प्रत्याशी की जीत में जातीय समीकरण बड़ा फैक्टर

author-image
Rahul Garhwal
एडिट
New Update
सिवनी मालवा विधानसभा सीट पर बीजेपी और कांग्रेस के बीच कड़ा मुकाबला, यहां प्रत्याशी की जीत में जातीय समीकरण बड़ा फैक्टर

रुचि वर्मा, NARMADAPURAM. नर्मदापुरम का सिवनी मालवा ऐतिहासिक धरोहरों से भरा है। यहां अनेक प्राचीन मंदिर हैं। यहीं 1300 साल पुराना शिव गणेश का अद्भुत मंदिर है। यहां रामजानकी मंदिर भी है जो 200 साल पुराना है। 200 साल पुराने रामजानकी मंदिर को भी हाल ही में सजाया गया है। यहां एशिया का सबसे बड़ा सोयाबीन प्लांट है जो कि वर्तमान में बंद पड़ा है।



सिवनी मालवा विधानसभा सीट का सियासी मिजाज



सिवनी मालवा सीट पर अब तक 10 चुनाव हुए हैं। इसमें से 6 बार कांग्रेस तो 4 बार बीजेपी को जीत मिली है। बीते 3 चुनावों में इस सीट पर बीजेपी को ही जीत मिली। बीजेपी के प्रेम शंकर वर्मा से पहले बीजेपी के ही सरताज सिंह विधायक थे। उन्होंने 2008 और 2013 के चुनाव में जीत दर्ज की थी। सरताज शिवराज सरकार में मंत्री भी रह चुके हैं। 2018 में बीजेपी से टिकट न मिलने पर बागी होकर इन्होंने कांग्रेस का दामन थाम लिया था। हालांकि 2018 के चुनाव में बीजेपी के प्रेम शंकर कुंजिलाल वर्मा (बागवाड़ा) सिवनी मालवा से विधायक हैं।



सिवनी मालवा विधानसभा सीट के राजनीतिक समीकरण



इस सीट पर कांग्रेस और बीजेपी के बीच कड़ा मुकाबला देखने में आ रहा है। सिवनी-मालवा पारंपरिक और छोटा इलाका है। यहां गांवों और आसपास के शहरों में मिक्सड जीवन शैली देखने को मिलती है। सिवनी मालवा सबसे अच्छी कृषि भूमि में से एक है। जिले में सर्वाधिक जनसंख्या किसानों की है। यहां दोनों दलों में टिकट को लेकर असमंजस के हालात बने हुए हैं। साल 2023 में जनता किसे मौका देगी ये देखना बेहद रोचक रहेगा।



सिवनी मालवा विधानसभा सीट के जातिगत समीकरण



सिवनी मालवा में जातीय समीकरण एक बड़ा फैक्टर है। यहां पर लोवंशी, रघुवंशी, राजपूत और गौर समाज के लगभग 65 से 70 फीसदी मतदाता हैं। यहां आदिवासी, ब्राह्मण, मुस्लिम, ST-SC मिलाकर 30 फीसदी मतदाता हैं। यहां मुद्दे और जातिगत समीकरण के बाद चेहरे को देखकर जनता वोट देती है।



सिवनी मालवा विधानसभा क्षेत्र के मुद्दे



एशिया का सबसे बड़ा सोयाबीन प्लांट सिवनी मालवा में है जो कि बंद पड़ा है। इसके बारे में आरोप है कि ये चालू किया जा सकता था लेकिन सरकार का तर्क है कि प्लांट खराब हालत में था इसलिए बंद करना पड़ा। तो वहीं किसानों को खाद-बीज और पानी समय पर न मिलने से खेती का काम प्रभावित हो रहा है। इलाके में खराब सड़कें और बेतरतीब ट्रैफिक भी एक बड़ी समस्या है। यहां सरकारी स्कूलों में शिक्षक नहीं हैं तो वहीं अस्पतालों में भी डॉक्टर्स की कमी है। इन तमाम मुद्दों पर जब द सूत्र ने दोनों दलों के नेताओं से बात की तो उनके समर्थक एक-दूसरे पर आरोप लगाते नजर आए।



द सूत्र ने इलाके के प्रबुद्धजनों, वरिष्ठ पत्रकारों और आम जनता से बात की तो कुछ मुद्दे निकलकर आए।



द सूत्र ने सिवनी मालवा विधायक से पूछे सवाल




  • किसानों को खाद-बीज-पानी समय पर क्यों नहीं मिल रहा ?


  • सिवनी-मालवा में सड़कों की हालत खराब क्यों ?

  • इलाके में स्वास्थ्य सेवाओं के हाल बेहाल क्यों ?

  • आम आदमी के बिजली बिल ज्यादा आ रहे हैं ?

  • सरकारी स्कूलों में शिक्षा व्यवस्था इतनी खराब क्यों ?



  • सिवनी मालवा की जनता का मूड जानने के लिए क्लिक करें.. सिवनी मालवा विधानसभा सीट पर क्या है जनता का मिजाज, आज चुनाव हुए तो कौन जीतेगा ?



    जनता के सवालों से भागे सिवनी मालवा विधायक प्रेम शंकर वर्मा



    जब द सूत्र ने जब जनता के सवालों को लेकर सिवनी मालवा विधायक प्रेम शंकर वर्मा से बातचीत करने की कोशिश की तो उनके पास कोई जवाब नहीं था। वे सवालों से भागते नजर आए।



    #MOOD_OF_MP_CG2022 #MoodofMPCG


    MP News Madhya Pradesh Assembly Election mp election Mood_of_MP_CG2022 Prem Shankar Verma mp chunav Mood of MP CG मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव Seoni Malwa assembly seat MP Assembly Election 2023