बैतूल (Betul) में पारंपरिक ग्राम सभा का एक नोटिस सुर्खियों में है। ग्राम सभा ने एक जमीन के मामले में कलेक्टर समेत 29 लोगों को नोटिस भेजकर जवाब-तलब किया है। ग्राम सभा ने दावा किया है कि ये नोटिस रूढ़िजन्य परंपरा संहिता के तहत जारी किया गया है। जानकारी के मुताबिक, पांच आदिवासियों (Adivasi) ने ग्राम सभा में शिकायत की, उनके पूर्वजों ने आदिम जाति कल्याण विभाग को स्कूल बनाने के लिए अपनी जमीन दी थी। लेकिन सरकार ने इस जगह पर अन्य सरकारी भवन बना दिए।
पांच लोगों की शिकायत पर नोटिस
18 अक्टूबर को भीमपुर (Bheempur) के बेहड़ा ढाना में आदिवासियों ने एक पारंपरिक ग्राम सभा का आयोजन किया। इस सभा में आदिवासी चिक्कू, संतोषं, रामप्रसाद, मोतीराम और परसराम पुत्र बिसराम कुमरे की शिकायत पर आदिम कल्याण विभाग, कलेक्टर समेत 29 लोगों से जवाब-तलब किया गया है। इससे पहले भी 5 जुलाई को भी ऐसी ही सेहरा गांव की पारंपरिक ग्रामसभा ने कलेक्टर को एक आदेश जारी किया था। इस आदेश में पंचायत ने एक विधवा को मुआवजे के तौर पर 25 लाख रुपए देने के लिए कहा था। हालांकि, इस नोटिस पर कलेक्टर ने कोई प्रतिक्रिया नहीं दी थी।
कलेक्टर बोले- पंचायत को यह अधिकार नहीं
इस नोटिस को बैतूल कलेक्टर (Betul Collector) अमनबीर सिंह बैंस ने अनाधिकृत (Unauthorized) बताया है। उन्होंने बताया कि ग्राम सभा को नोटिस जारी करने का कोई अधिकार नहीं है। उसका कोई जवाब नहीं दिया जाएगा। प्रशासकीय नियमों का पालन करके जो कार्रवाई की जा रही है। वह जारी रहेगी। ये नोटिस मेरे नहीं, कलेक्टर आदिम जाति कल्याण (Tribal Welfare Department) के नाम पर है।