ग्वालियर. सावधान! अगर आपसे कोई कहे कि 5 मिनट में बिना किसी कागज के झंझट के लोन निकल जाएगा तो समझ जाइए कि आपको लोन नहीं बल्कि धोखा मिलने वाला है। यहां के विंडसर हिल्स में रहने वाले एक कारोबारी के साथ कुछ ऐसा ही हुआ। डेढ़ साल पहले एक न्यूज पेपर ऐड में लिखे नंबर पर उन्होंने कॉल किया। इसके बाद 5 अलग लोगों ने उनसे बजाज आलियांज फाइनेंस कंपनी लिमिटेड (Bajaj Allianace finance company limited) के अफसर बनकर उनसे बात की। 40 लाख रुपए का लोन सेंशन किया। इसके बाद कुछ औपचारिकता जैसे एग्रीमेंट फीस, सिक्युरिटी चार्ज, मिसलेनियस चार्ज आदि के नाम पर 4 लाख 72 हजार रुपए अपने खाते में जमा करा लिया। इसके बाद न लोन मिला न रुपए मिले। कारोबारी ने मामले की शिकायत ग्वालियर थाना में की। जांच के बाद पुलिस ने धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया।
क्या है पूरा मामला
ग्वालियर के विंडसर हिल्स A-3 में रहने वाले नासिर खान (58) पेशे से व्यवसायी हैं। उनको अपने व्यवसाय के लिए कुछ रुपयों की जरूरत थी। वह उन रुपयों को बढ़ाना चाहते थे। इसी बीच डेढ़ साल पहले उन्होंने एक न्यूज पेपर में लोन का ऐड देखा। ऐड में लिखा था देश कि सबसे बड़ी फाइनेंस कंपनी से बिना कागजों के झंझट के सिर्फ 5 मिनट में 1 लाख से एक करोड़ तक का लोन मिल जाएगा। नासिर खान को 40 लाख रुपए के लोन की जरूरत थी। उन्होंने विज्ञापन में दिए नंबर पर कॉल किया। बैंक अफसरों से बातचीत हुई तो उन्होंने अपने आपको बजाज आलियांज फाइनेंस कंपनी लिमिटेड का अधिकारी बताया। एक ही फोन नंबर से रमन गौतम, राजीव सक्सेना, अजय, श्रीपांडे और उर्मिला देवी के नाम से 5 अलग-अलग लोगों ने बातचीत की। नासिर से उनकी पूरी डिटेल ली गई। डिटेल और पूरा प्रोजेक्ट समझाने के कुछ दिन बाद फिर नासिर का कॉल आया, उसे बताया गया कि उसका लोन सेंशन हो गया है। इस पर उनकी खुशी का ठिकाना नहीं रहा।
डेढ़ साल तक चली पुलिस जांच
नासिर खान को कॉल करने वालों ने पूरी तरह यकीन दिलाया कि उसका लोन सेंक्शन हो गया है। उसके बाद अपनी असली चाल चली। 20 जून को उन्होंने 2.35 लाख रुपए एग्रीमेंट के नाम पर मांगे। रुपए उर्मिला देवी नाम के अकाउंट में जमा कराने को कहा। इसके बाद 60 हजार रुपए क्वारेंटाइन चार्ज, 1.35 लाख रुपए विजिटिंग चार्ज और 42 हजार रुपए अन्य खर्चे के नाम पर जमा कराए। पांच दिन में 4.72 लाख रुपए उन्होंने जून 2020 में जमा करा दिए। इसके बाद न तो उनको लोन मिला और न ही उनके मांगने पर रुपए वापस लौटाए गए। फरियादी को ठगी का एहसास हुआ और उसने ग्वालियर थाने पहुंचकर पुलिस से शिकायत की। इसके बाद पुलिस ने डेढ़ साल तक इसमें लंबी जांच की और धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया।