भोपाल. आदिवासियों को सशक्त बनाने के नाम पर शिवराज सरकार (Shivraj Govt) अब आदिवासी बाहुल्य इलाकों के गांवों को आदर्श गांव बनाने की तैयारी में है। इस प्लान में वो गांव शामिल होंगे, जिनमें आदिवासियों की आबादी (Tribal model village) 50 प्रतिशत है या फिर उस गांव में 500 से ज्यादा आदिवासी रहते हैं। इसके लिए सरकारी अमला विशेष तैयारी कर रहा है। इन गांवों को हर तरह की बुनियादी सुविधाओं से लैस किया जाएगा। जिससे यहां रहने वाले लोगों का जीवन स्तर ऊंचा हो सके। बताया जा रहा है सरकार ने ये प्लान 2023 के चुनाव में आदिवासी वोट (Tribal Vote) बैंक पर फोकस करने के लिए बनाया है।
कमेटी में दो दर्जन विभाग के अफसर शामिल
केन्द्र सरकार (Central Govt) के निर्देश पर राज्य सरकार ने आदिवासियों के जीवन स्तर को सुधारने के लिए गांवों का एकीकृत विकास करने की योजना तैयार की है। इसके लिए प्रमुख सचिव जनजातीय कार्य विभाग (Tribal Affairs Department) की अध्यक्षता में एक राज्य स्तरीय कमेटी गठित की है। इसमें दो दर्जन विभाग के अफसरों को शामिल किया गया है। उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (CM Shivraj) ने पंचायत चुनाव (Panchayat Election) की आचार संहिता लगने से ठीक पहले पेसा एक्ट (Pesa Act) लागू करने की बात कहकर भी आदिवासी समुदाय को बड़ा तोहफा दिया है।
गांवों में बुनियादी सुविधाएं पहुंचाने की जिम्मेदारी जिलों की
आदर्श गांव योजना में बुनियादी सुविधाएं पहुंचाने की जिम्मेदारी जिलों की होगी। इसके लिए जिला स्तर पर डिस्ट्रिक्ट प्लानिंग एंड मानिटरिंग कमेटी (DPMC) भी बनाई जाएगी। यह कमेटी जिला स्तर पर विलेज डेवलपमेंट प्लान (Village Development Plan) तैयार करेगी। ग्राम पंचायत स्तर पर चिन्हित गांवों को विलेज डेवलपमेंट प्लान के क्रियान्वयन की समीक्षा हर महीने होगी।
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