उज्जैन.भगवान महाकाल की वर्षों पुरानी प्राचीन धरोहर की मजबूती और शिवलिंग क्षरण की स्थिति का आकलन करने आर्कियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया (ASI) और जिओलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया (GSI) की 8 सदस्यीय टीम बुधवार, 29 सितंबर को विश्व प्रसिद्ध श्री महाकालेश्वर मंदिर पहुंची। टीम ने मंदिर पहुंचकर शिवलिंग की स्थिति का जायजा लिया। शिवलिंग की गोलाई, ऊंचाई नापने के साथ ही शिवलिंग पर चढ़ाई गई सामग्री और जल का भी सैंपल लिया। टीम ने परिसर के ओंकारेश्वर और नागचंद्रेश्वर मंदिर की स्थिति काभी जायजा लिया। ASI और GSI दोनों की संयुक्त रिपोर्ट सुप्रीम कोर्ट में दी जाएगी।
टीम ने आधे घंटे की शिवलिंग की जांच
सुप्रीम कोर्ट (SC) के आदेश पर ASI और GSI की टीम हर साल मंदिर की जांच करती है और रिपोर्ट सुप्रीम कोर्ट को सौंपती है। श्री महाकालेश्वर मंदिर में रोज देश-विदेश से श्रद्धालु दर्शन के लिए आते हैं। टीम ने महाकाल धर्मशाला में मंदिर सहायक प्रशासक मूलचंद जूनवाल, पूर्णिमा सिंघी, सहित आरके तिवारी से बातचीत की। इसके बाद वे महाकाल मंदिर के गर्भ गृह में पहुंचे और करीब आधे घंटे तक शिवलिंग की जांच की। टीम ने ज्योतिर्लिंग का बारीकी से निरीक्षण किया और फोटो-वीडियोग्राफी भी की।
भस्म की भी होगी जांच
टीम ने ज्योतिर्लिंग के छिद्र में लगी दूध, दही और पूजन सामग्री निकालकर सैंपल इकट्ठा किया। गर्भगृह के ऊपर श्री ओंकारेश्वर मंदिर के काले पत्थरों की भी जांट की। पूरी टीम श्री नागचंद्रेश्वर मंदिर का जायजा लेने पहुंची। टीम में शामिल विशेषज्ञों ने मंदिर के पुराने स्ट्रक्चर का भी जायजा लिया। GSI के सदस्य आज उज्जैन में ही रुकेंगे। महाकालेश्वर में गुरुवार यानी 30 सितंबर को भस्म आरती के दौरान टीम भस्म की भी जांच करेगी।