UJJAIN. धार्मिक नगरी उज्जैन में चार लोगों ने ईसाई धर्म को छोड़कर सनातन धर्म अपना लिया। महामंडलेश्वर की मौजूदगी में विधि विधान के साथ उनका धर्म परिवर्तन कराया गया। इसके बाद चारों लोगों ने कहा कि बुजुर्गों की गलतियों की वजह से वे कुछ समय के लिए सनातन धर्म से दूर हो जाए गए थे। एक बार फिर वे सही राह पर आ गए हैं।
सनातन धर्म के मार्ग पर चलने का संकल्प लिया
शिप्रा तट पर स्थित गंगा घाट मोनी तीर्थ पीठ में महामंडलेश्वर सुमनानंद गिरी के सानिध्य में ईसाई धर्म के चार लोगों ने धर्मांतरण किया। चारों ने हिंदू धर्म अपनाया और सनातन धर्म के मार्ग पर चलने का संकल्प लिया। विधि विधान से मंत्रोच्चार के साथ धर्मांतरण के साथ अनुष्ठान भी किया गया। इस अवसर पर सुधाकर पुरी महाराज, स्वामी सत्यानंद महाराज भी उपस्थित थे।
इन लोगों ने किया धर्मांतरण
मौनी आश्रम प्रबंधक चंचल श्रीवास्तव ने बताया हेमंत पॉल अब हेमंत प्रजापति बने, डेनियल अब रविंद्र कुमार, रमेश मसीह अब अमलेश कुमार और पीटर का नाम अब धर्म प्रदीप कुमार हो गया है। सभी ने महामंडलेश्वर स्वामी डॉ. सुमनानंद महाराज और उपस्थित साधु संतों का आशीर्वाद लेकर नया जीवन आरंभ किया।
बुजुर्ग की गलती से सनातन धर्म छोड़ दूसरे मार्ग पर चले गए थे
मौनतीर्थ पीठ में सामाजिक समरसता के लिए समय समय पर गतिविधियां संचालित की जाती हैं। इस मौके पर चारों ने बताया कि बुजुर्ग की गलती से सनातन धर्म छोड़कर दूसरे मार्ग पर चल पड़े थे। उनकी घर वापसी हुई है उन्होंने जीवन भर अब सनातन धर्म अपना इसी मार्ग पर चलने का फैसला लिया है।
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नाम परिवर्तन से हुई खुशी
हेमंत पॉल ने बताया कि हेमंत प्रजापति बनने से उन्हें काफी खुशी मिली है। इसके अलावा डेनियल और रमेश ने भी नया नाम और नया धर्म मिलने से हर्ष जताया। उन्होंने कहा कि सनातन धर्म के मार्ग पर चलकर कभी भी कोई गलत कार्य नहीं किया जा सकता है, इसलिए वे लगातार सनातन धर्म की ओर आकर्षित हो रहे थे। महामंडलेश्वर के प्रयासों से उन्हें अपना धर्म परिवर्तन कर घर वापसी में आसानी हो गई।